Thursday, December 18, 2025

जिस कप्तान ने 1996 में रच दिया था इतिहास, अब उसी पर जेल की तलवार! 23.5 करोड़ के तेल घोटाले में फंसा ये क्रिकेटर

1996 का क्रिकेट विश्व कप श्रीलंका के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। उस ऐतिहासिक जीत के नायक थे बाएं हाथ के बल्लेबाज और कप्तान अर्जुन रणतुंगा, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को हराकर श्रीलंका को उसका पहला और अब तक का एकमात्र विश्व कप दिलाया था। उस जीत ने रणतुंगा को देश का हीरो बना दिया और वह सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बन गए। क्रिकेट से संन्यास के बाद रणतुंगा ने राजनीति में कदम रखा और धीरे-धीरे सत्ता के गलियारों तक पहुंचे। जनता को उम्मीद थी कि मैदान पर देश को जिताने वाला यह कप्तान राजनीति में भी साफ और मजबूत नेतृत्व देगा। लेकिन अब वही नाम एक बड़े भ्रष्टाचार मामले में चर्चा के केंद्र में आ गया है, जिसने पूरे श्रीलंका में हलचल मचा दी है।

पेट्रोलियम मंत्री रहते हुए क्या लगे आरोप

श्रीलंका के भ्रष्टाचार विरोधी अधिकारियों के अनुसार, अर्जुन रणतुंगा पर यह मामला उस समय का है जब वे देश के पेट्रोलियम मंत्री थे। आरोप है कि उनके कार्यकाल के दौरान तेल की तत्काल खरीद (इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट) में नियमों को नजरअंदाज किया गया और बाजार मूल्य से कहीं अधिक कीमत पर तेल खरीदा गया। इस कथित घोटाले की राशि लगभग 23.5 करोड़ रुपये बताई जा रही है। जांच एजेंसियों का दावा है कि इस प्रक्रिया से सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान हुआ। इतना ही नहीं, इस मामले में रणतुंगा के भाई का नाम भी सामने आया है, जिन पर कथित तौर पर इस सौदे में अहम भूमिका निभाने का आरोप है। अधिकारियों का कहना है कि सभी दस्तावेज, भुगतान प्रक्रिया और फैसलों की गहराई से जांच की गई है, जिसके बाद गिरफ्तारी की तैयारी की जा रही है।

अदालत में सरकार का रुख और गिरफ्तारी की तैयारी

सोमवार को श्रीलंका के अधिकारियों ने अदालत को जानकारी दी कि विश्व कप विजेता कप्तान अर्जुन रणतुंगा को जल्द ही गिरफ्तार किया जा सकता है। भ्रष्टाचार विरोधी संस्था ने अदालत में साफ कहा कि उनके पास इस मामले में पर्याप्त सबूत हैं और अब कानूनी कार्रवाई से पीछे हटने का सवाल नहीं है। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि कानून सभी के लिए बराबर है, चाहे वह आम नागरिक हो या देश का सबसे बड़ा खेल नायक। इस बयान के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में बहस तेज हो गई है। एक तरफ लोग इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम बता रहे हैं, तो दूसरी तरफ कई प्रशंसक इसे एक महान खिलाड़ी की छवि को धूमिल करने की साजिश भी मान रहे हैं। हालांकि, जांच एजेंसियां लगातार यह दोहरा रही हैं कि मामला पूरी तरह तथ्यों और दस्तावेजों पर आधारित है।

श्रीलंका में प्रतिक्रिया और रणतुंगा की विरासत पर सवाल

इस पूरे मामले ने श्रीलंका में क्रिकेट और राजनीति दोनों से जुड़े लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। अर्जुन रणतुंगा को आज भी 1996 की जीत के लिए सम्मान और गर्व के साथ याद किया जाता है। लेकिन अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या एक महान खिलाड़ी की विरासत उसके राजनीतिक फैसलों की वजह से धूमिल हो जाएगी। सोशल मीडिया से लेकर चाय की दुकानों तक, हर जगह इसी बात पर चर्चा हो रही है कि क्या यह मामला सच में भ्रष्टाचार का है या फिर राजनीतिक बदले की कार्रवाई। वहीं, कानून विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आरोप साबित होते हैं, तो रणतुंगा को जेल जाना पड़ सकता है, जो श्रीलंका के इतिहास में पहली बार होगा जब किसी विश्व कप विजेता कप्तान को इस तरह की सजा का सामना करना पड़े। आने वाले दिनों में अदालत का फैसला न सिर्फ अर्जुन रणतुंगा के भविष्य को तय करेगा, बल्कि यह भी बताएगा कि श्रीलंका में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कितनी मजबूत है।

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