भारत के खिलाफ होने वाली आगामी वनडे और टी20 सीरीज से पहले दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट में सबसे बड़ा ट्विस्ट सामने आया है। टीम मैनेजमेंट ने आधिकारिक रूप से घोषणा कर दी है कि क्विंटन डी कॉक—जो कुछ समय पहले ही अंतरराष्ट्रीय लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट से रिटायरमेंट ले चुके थे—अब वापसी कर रहे हैं। इस फैसले ने न सिर्फ साउथ अफ्रीकी फैंस को उत्साहित किया है, बल्कि क्रिकेट एक्सपर्ट्स को भी हैरान कर दिया है, क्योंकि डी कॉक ने पिछले ही साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने का निर्णय लिया था। उनकी वापसी ऐसे समय में हुई है जब भारत अपने सबसे मजबूत दौर से गुजर रहा है, और साउथ अफ्रीका को एक अनुभवी, विस्फोटक और मैच-विनर बल्लेबाज की सख्त जरूरत थी। शायद इसी आवश्यकता ने डी कॉक को एक बार फिर राष्ट्रीय कर्तव्य निभाने के लिए तैयार कर दिया।
रिटायरमेंट के बाद दोबारा मैदान में उतरने की वजह क्या?
क्विंटन डी कॉक ने 2023 विश्व कप के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला लिया था, और तब यह साफ माना जा रहा था कि वे केवल फ्रेंचाइजी लीग्स पर फोकस करेंगे। लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ हाल ही में खेले गए ODI मैच में धमाकेदार शतक लगाने के बाद उनकी फिटनेस और फॉर्म दोनों ने चयनकर्ताओं को प्रभावित किया। साउथ अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, टीम को एक अनुभवशील ओपनर की जरूरत थी, जो भारत जैसी मजबूत टीम के खिलाफ दबाव में भी रन बना सके। डी कॉक की अद्भुत बल्लेबाजी क्षमता और बड़े मैचों का अनुभव उन्हें फिर से टीम में लाने का सबसे बड़ा कारण बना। यही वजह रही कि उनकी उपलब्धता की जानकारी मिलते ही चयनकर्ताओं ने रायन रिकल्टन को बाहर कर दिया और डी कॉक को सीधे मुख्य स्क्वाड में जगह दे दी।
उनकी इस वापसी से टीम की संतुलन क्षमता में काफी बढ़ोतरी होगी, खासकर टी20 प्रारूप में जहां उनकी निडर बल्लेबाजी किसी भी गेंदबाजी अटैक को तहस-नहस कर सकती है। कोचिंग स्टाफ का मानना है कि डी कॉक की मौजूदगी ड्रेसिंग रूम में एक बड़ा मनोबल लेकर आएगी और युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरित करेगी।
कप्तानों की नई रणनीति और डी कॉक की भूमिका पर सबकी नजर
वनडे टीम की कमान जहां टेम्बा बवुमा संभालेंगे, वहीं टी20 टीम एडन मार्करम के नेतृत्व में उतरेगी। दोनों कप्तानों ने डी कॉक की वापसी का स्वागत करते हुए कहा है कि वे टीम के लिए एक “गेम चेंजर” साबित होंगे। बवुमा और मार्करम की योजना है कि डी कॉक को शुरुआत में खुलकर खेलने की पूरी आजादी दी जाए, ताकि पावरप्ले का पूरा फायदा उठाया जा सके।
भारत की तेज और स्पिन मिश्रित गेंदबाजी लाइनअप के सामने डी कॉक का अनुभव साउथ अफ्रीका के लिए अमूल्य साबित हो सकता है। उन्होंने भारत के खिलाफ पहले कई यादगार पारियां खेली हैं, और यही वजह है कि भारतीय गेंदबाज भी उनकी मौजूदगी को हल्के में लेने की भूल नहीं करेंगे।
दक्षिण अफ्रीका की रणनीति साफ है—सीरीज को जीतना है और टीम को आने वाले ICC टूर्नामेंट्स के लिए तैयार करना है। डी कॉक इस योजना का सबसे अहम हिस्सा बनने वाले हैं, खासकर टी20 सीरीज में जहां उनकी एक तेज अर्धशतकीय पारी मैच की दिशा बदल सकती है। यह भी कहा जा रहा है कि उनकी वापसी से टीम में आत्मविश्वास का नया उफान आया है।
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