भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप 2025 का फाइनल मैच खेला जाना तय है, लेकिन इसी बीच खेल की दुनिया में अचानक एक चौंकाने वाला मोड़ आया है। पाकिस्तान ने वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में हिस्सा लेने से अपना नाम वापस ले लिया है। यह फैसला पाकिस्तानी सरकार की सलाह पर लिया गया है और इसे लेकर दोनों देशों के खेल समुदाय में सस्पेंस और अटकलों का माहौल बन गया है। इस फैसले के बाद एथलीट्स, अधिकारी और फैंस सभी हैरान हैं कि आखिर ऐसा अचानक क्यों किया गया।
सुरक्षा और विरोध के कारण लिया गया फैसला
पाकिस्तान की राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (NCPC) ने गुरुवार को आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें बताया गया कि सुरक्षा कारणों और संभावित सार्वजनिक गुस्से को देखते हुए पाकिस्तान ने अपनी टीम को वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भेजने से इनकार कर दिया। पहले हैदर अली को एफ37 इवेंट में भेजा जाना था, लेकिन बाद में नाम वापस ले लिया गया। NCPC के सेक्रेटरी जनरल इमरान जमील शमी ने बताया कि यह निर्णय “सुरक्षा और सामाजिक माहौल को ध्यान में रखते हुए” लिया गया। इस घोषणा के बाद एथलेटिक्स कम्युनिटी में गंभीर चर्चा शुरू हो गई है।
खेल और राजनैतिक तनाव के बीच जटिल स्थिति
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सिर्फ खेल के स्तर पर नहीं बल्कि राजनीतिक और सामाजिक तनाव की भी झलक देता है। पाकिस्तान द्वारा टूर्नामेंट का पूरी तरह से बॉयकॉट करना खेल और कूटनीति दोनों ही मोर्चों पर संदेश है। भारत में आयोजित होने वाले इस चैंपियनशिप में अन्य देशों की टीमें पूरी तैयारी के साथ भाग ले रही हैं, लेकिन पाकिस्तान की अचानक वापसी ने आयोजकों और फैंस दोनों के लिए एक अनिश्चित स्थिति पैदा कर दी है। अब यह देखना बाकी है कि खेल जगत में पाकिस्तान का यह कदम अगले दिनों में क्या असर डालेगा।