भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह पर चुनाव आयोग ने अचानक बड़ा फैसला लेते हुए उन्हें मतदाता जागरुकता अभियान से हटा दिया है। यह निर्णय ऐसे वक्त पर आया है जब हाल ही में रिंकू सिंह और समाजवादी पार्टी की युवा सांसद प्रिया सरोज की सगाई की खबर सामने आई थी। आयोग ने निर्देश दिया है कि अब किसी भी सरकारी या चुनावी प्रचार सामग्री में रिंकू सिंह की तस्वीर या नाम का इस्तेमाल न किया जाए।
राजनीतिक तटस्थता को लेकर सख्ती
आयोग के इस कदम ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। सूत्रों की मानें तो यह फैसला रिंकू की राजनीतिक संबंधों की वजह से लिया गया है। प्रिया सरोज एक सक्रिय राजनेता हैं और मौजूदा सांसद भी, ऐसे में आयोग तटस्थता के लिहाज से किसी भी तरह की राजनीतिक मिलीभगत या प्रचार के संकेत नहीं देना चाहता। आयोग का कहना है कि किसी भी सार्वजनिक अभियान में शामिल चेहरे को पूरी तरह निष्पक्ष और गैर-राजनीतिक होना चाहिए।
क्रिकेटर से यूथ आइकन तक का सफर रुका
गौरतलब है कि रिंकू सिंह हाल ही में भारत के उभरते क्रिकेट सितारे बने हैं और युवाओं में खासा लोकप्रिय हैं। उनकी सादगी और मैदान पर मेहनत को देखते हुए चुनाव आयोग ने उन्हें युवा मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अभियान का चेहरा बनाया था। लेकिन अब सगाई के बाद बदले हालातों में यह अभियान उनके बिना ही जारी रहेगा। आयोग के इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चा तेज हो गई है, जहां कुछ लोग इसे सही ठहरा रहे हैं तो कुछ इसे अनावश्यक कदम बता रहे हैं।
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