जब IPL 2026 के ऑक्शन में डेवॉन कॉनवे का नाम पुकारा गया, तो क्रिकेट फैंस को उम्मीद थी कि इस अनुभवी और भरोसेमंद बल्लेबाज पर जरूर बोली लगेगी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले इस खिलाड़ी ने अपनी बेस प्राइस 2 करोड़ रुपये रखी थी। इसके बावजूद ऑक्शन टेबल पर बैठे किसी भी फ्रेंचाइजी ने उनमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। यह फैसला कई क्रिकेट जानकारों और फैंस के लिए हैरान करने वाला रहा, क्योंकि कॉनवे ने इससे पहले बड़े मंचों पर अपनी बल्लेबाजी से खुद को साबित किया है। अनसोल्ड रहना किसी भी खिलाड़ी के लिए मानसिक रूप से कठिन होता है, लेकिन कॉनवे ने इसे कमजोरी नहीं बल्कि चुनौती की तरह लिया।
बल्ले से जवाब देने की तैयारी और मानसिक मजबूती
आईपीएल ऑक्शन में अनदेखी के बाद डेवॉन कॉनवे ने न तो कोई बयान दिया और न ही किसी तरह की नाराजगी जाहिर की। उन्होंने अपना पूरा ध्यान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर केंद्रित रखा। यही एक बड़े खिलाड़ी की पहचान होती है। आलोचनाओं और सवालों के बीच उन्होंने अभ्यास जारी रखा और अपने खेल पर भरोसा बनाए रखा। उनके करीबी सूत्रों के अनुसार, कॉनवे जानते थे कि सही जवाब शब्दों से नहीं बल्कि प्रदर्शन से दिया जाता है। यही वजह है कि जैसे ही उन्हें टेस्ट मैच में मौका मिला, उन्होंने हर गेंद को जिम्मेदारी के साथ खेला और यह दिखा दिया कि वह अब भी बड़े मैचों के खिलाड़ी हैं।
वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार टेस्ट शतक
न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में कॉनवे ने पहली पारी में बेहतरीन बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया। उन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में क्रीज पर टिककर खेला और 149 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। इस पारी में उन्होंने 17 चौके लगाए, लेकिन खास बात यह रही कि उन्होंने गैर-जरूरी जोखिम लेने से बचते हुए रन बनाए। उनका फोकस स्ट्राइक रोटेट करने और सही गेंद पर आक्रमण करने पर रहा। यह शतक सिर्फ रन बनाने तक सीमित नहीं था, बल्कि यह दिखाता है कि कॉनवे लंबे फॉर्मेट में टीम के लिए कितना अहम खिलाड़ी हैं।
टेस्ट करियर का छठा शतक और दमदार कमबैक का संदेश
यह डेवॉन कॉनवे के टेस्ट करियर का छठा शतक रहा और वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला। इस पारी के साथ उन्होंने यह साफ कर दिया कि एक ऑक्शन में अनसोल्ड रहना किसी खिलाड़ी की काबिलियत तय नहीं करता। टेस्ट क्रिकेट में उनका रिकॉर्ड लगातार मजबूत रहा है और यह पारी उसी का सबूत है। न्यूजीलैंड की टीम के लिए यह शतक बेहद अहम रहा, क्योंकि इससे न केवल टीम को मजबूती मिली बल्कि युवा खिलाड़ियों को भी यह सीख मिली कि असली पहचान मैदान पर प्रदर्शन से बनती है। कॉनवे का यह कमबैक आने वाले समय में उनके करियर के लिए एक नया मोड़ साबित हो सकता है।
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