कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। EPFO ने प्रोविडेंट फंड (PF) से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव किए हैं, जिससे नौकरी बदलने पर PF ट्रांसफर की झंझट अब लगभग खत्म हो गई है। पहले नौकरी छोड़ने या नई कंपनी में जॉइन करने के बाद कर्मचारियों को PF ट्रांसफर के लिए फॉर्म भरना पड़ता था, लेकिन अब इसकी कोई जरूरत नहीं है। नया सिस्टम अपने आप आपके PF बैलेंस को पुराने खाते से नए खाते में ट्रांसफर कर देता है। यह बदलाव खासकर उन लोगों के लिए बड़ी राहत है, जो बार-बार नौकरी बदलते हैं या PF से जुड़ी प्रक्रियाओं को लेकर मुश्किलों का सामना करते थे।
PF ट्रांसफर प्रक्रिया: अब नहीं भरना होगा कोई फिजिकल फॉर्म
नए नियम के तहत, EPFO ने PF ट्रांसफर के लिए फिजिकल फॉर्म-13 भरने की अनिवार्यता पूरी तरह खत्म कर दी है। पहले कर्मचारियों को यह फॉर्म अपने पुराने या नए नियोक्ता से साइन करवाकर जमा करना होता था, जिसमें समय भी लगता था और कई बार दस्तावेजों में कमी के कारण PF ट्रांसफर अटक जाता था। EPFO के ऑटो-ट्रांसफर फीचर लागू होने के बाद जैसे ही कर्मचारी नई नौकरी जॉइन करता है और नया UAN (यूनीक अकाउंट नंबर) एक्टिवेट होता है, सिस्टम अपने आप पुराने PF अकाउंट से पैसे को नए PF अकाउंट में भेज देता है।
इस ऑटो-प्रोसेस में न कोई इंतज़ार और न ही किसी पेपरवर्क की जरूरत पड़ती है, जिससे प्रक्रिया पहले से काफी तेज और सरल हो गई है।
नया नियम कैसे काम करता है? समझें आसान भाषा में
जब कर्मचारी नौकरी बदलता है, तो नई कंपनी उसका UAN और आधार नंबर वेरिफाई करती है। इसके बाद EPFO का सिस्टम E-KYC और Aadhaar आधारित वेरिफिकेशन के जरिए यह पहचान लेता है कि कर्मचारी एक ही व्यक्ति है और उसका PF खाता भी वही है। जैसे ही यह पुष्टि हो जाती है, सिस्टम ऑटो-ट्रांसफर को सक्रिय कर देता है।
इस प्रक्रिया में कर्मचारी को सिर्फ यह सुनिश्चित करना होता है कि उसका मोबाइल नंबर UAN से लिंक हो, आधार अपडेट हो और KYC पूरी हो। अगर ये सभी जानकारी सही है, तो PF ट्रांसफर बिना किसी मैन्युअल हस्तक्षेप के स्वतः हो जाता है।
यानी अब PF ट्रांसफर में किसी कंपनी के HR या कर्मचारी की हस्ताक्षर जैसी औपचारिकताएं नहीं रहेंगी, जिससे कई महीनों तक चलने वाली यह प्रक्रिया अब कुछ दिनों में पूरी हो जाती है।
PF निकासी भी हुई आसान, मिलेगी तेज सर्विस
EPFO के नए नियमों से न सिर्फ PF ट्रांसफर बल्कि PF निकासी प्रक्रिया भी आसान हो गई है। पहले कई लोगों का PF निकासी फॉर्म अधूरा या गलत जानकारी की वजह से रिजेक्ट हो जाता था। लेकिन अब आधार आधारित ई-वेरीफिकेशन और डिजिटल प्रोसेस से यह काम भी तेज हो गया है।
कर्मचारी अब ऑनलाइन क्लेम कर सकते हैं और ज्यादातर मामलों में 5 से 10 दिनों के भीतर पैसा खाते में आ जाता है। नए सिस्टम से सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि कर्मचारी अपनी नौकरी बदलने पर PF ट्रांसफर में देरी की समस्या से मुक्त हो गए हैं, जिससे उनका फंड एक जगह सुरक्षित और व्यवस्थित बना रहता है।
यह बदलाव खासकर युवा कर्मचारियों के लिए लाभदायक है, जो करियर में जल्दी-जल्दी कंपनियां बदलते हैं और हर बार PF ट्रांसफर की दिक्कतों से गुजरना नहीं चाहते।
EPFO के इन नए नियमों से PF सिस्टम डिजिटल, तेज और पारदर्शी हो गया है। अगर आपकी KYC पूरी है, तो PF ट्रांसफर अब आपके लिए बिल्कुल आसान हो चुका है। इसलिए नौकरी बदलते ही परेशान होने की जरूरत नहीं—आपका PF अपने आप नए खाते में पहुंच जाएगा।








