देश की राजधानी दिल्ली में सर्दी के मौसम के साथ ही प्रदूषण एक बार फिर गंभीर स्तर पर पहुंच गया है। धुंध और स्मॉग की मोटी परत सुबह-शाम लोगों की सांसों पर असर डाल रही है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि आंखों में जलन, सांस लेने में परेशानी और गले में खराश आम हो गई है। अब तक प्रदूषण नियंत्रण की कार्रवाई में डीजल और पेट्रोल गाड़ियों पर ज्यादा फोकस रहता था, जबकि CNG वाहनों को अपेक्षाकृत साफ ईंधन मानकर राहत दी जाती रही। लेकिन इस बार सरकार ने साफ संकेत दे दिया है कि नियमों से कोई भी वाहन बाहर नहीं रहेगा। इसी कड़ी में दिल्ली में CNG वाहन चालकों के लिए एक बड़ा बदलाव लागू कर दिया गया है, जो सीधे तौर पर आम लोगों की रोजमर्रा की ड्राइविंग से जुड़ा हुआ है।
अब बिना वैध PUC के नहीं मिलेगी CNG, 18 दिसंबर से नियम लागू
दिल्ली सरकार के निर्देश पर गुरुवार 18 दिसंबर 2025 से राजधानी में CNG भरवाने के नियम सख्त कर दिए गए हैं। नए नियम के तहत अब केवल उन्हीं वाहनों को CNG दी जाएगी, जिनके पास वैध Pollution Under Control यानी PUC सर्टिफिकेट होगा। इस फैसले की जानकारी Indraprastha Gas Limited (IGL) ने अपने आधिकारिक बयान के जरिए दी है। कंपनी के अनुसार, CNG स्टेशन पर रिफ्यूलिंग के दौरान वाहन चालक से PUC सर्टिफिकेट मांगा जाएगा। अगर कोई चालक वैध PUC दिखाने में असफल रहता है, तो उसे CNG नहीं दी जाएगी। IGL ने वाहन मालिकों से अपील की है कि वे घर से निकलने से पहले अपना PUC सर्टिफिकेट जरूर जांच लें और समय रहते उसे अपडेट करा लें, ताकि किसी तरह की असुविधा न हो।
क्यों जरूरी हुआ यह फैसला, प्रदूषण पर लगाम लगाने की कोशिश
सरकार का यह कदम अचानक नहीं उठाया गया है, बल्कि इसके पीछे दिल्ली में लगातार बिगड़ती हवा की गुणवत्ता है। सर्दियों में तापमान गिरने के साथ हवा की गति कम हो जाती है, जिससे प्रदूषक तत्व वातावरण में ही फंसे रहते हैं। ऐसे में भले ही CNG वाहन कम प्रदूषण फैलाते हों, लेकिन खराब मेंटेनेंस या इंजन की खराब हालत में ये भी मानकों से ज्यादा धुआं छोड़ सकते हैं। इसी वजह से अब सभी CNG वाहनों के लिए भी PUC सर्टिफिकेट अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार का मानना है कि इससे सड़कों पर चलने वाले अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की पहचान हो सकेगी और उन्हें सुधरने या हटने के लिए मजबूर किया जा सकेगा। यह फैसला Delhi Government की उस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत प्रदूषण नियंत्रण के लिए हर स्तर पर सख्ती की जा रही है।
आम वाहन चालकों पर क्या होगा असर
नए नियम का सीधा असर लाखों CNG वाहन चालकों पर पड़ेगा, जिनमें टैक्सी, ऑटो, कैब और निजी कार मालिक शामिल हैं। अब अगर किसी का PUC सर्टिफिकेट एक्सपायर हो चुका है या बनवाया ही नहीं गया है, तो वह CNG स्टेशन से बिना ईंधन लिए लौट सकता है। इससे न सिर्फ समय की बर्बादी होगी, बल्कि रोजमर्रा के काम भी प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए वाहन चालकों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने वाहन के सभी जरूरी डॉक्यूमेंट, खासकर PUC सर्टिफिकेट, पहले से अपडेट रखें। PUC सर्टिफिकेट बनवाने की प्रक्रिया आसान और कम खर्चीली है, लेकिन इसका असर अब सीधे आपकी गाड़ी की रिफ्यूलिंग पर पड़ेगा। सरकार और IGL दोनों का कहना है कि यह कदम लोगों को परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली की हवा को थोड़ा साफ करने की दिशा में उठाया गया जरूरी फैसला है।








