डिजिटल युग में बैंकिंग सेवाओं ने जितना काम आसान किया है, उतना ही खतरा भी बढ़ा दिया है। आज लगभग हर व्यक्ति इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल ऐप और यूपीआई का इस्तेमाल कर रहा है। लेकिन इसी सुविधा का फायदा उठाकर साइबर अपराधी नई-नई तरकीबों से लोगों के अकाउंट खाली कर रहे हैं। हाल ही में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां लोगों के बैंक खातों से बिना ओटीपी के ही रकम गायब हो गई। सवाल उठता है — आखिर हम इस डिजिटल ठगी से कैसे बच सकते हैं?
1. फिशिंग लिंक से रहें सावधान
ऑनलाइन बैंकिंग में धोखाधड़ी से बचने का सबसे पहला कदम है फिशिंग लिंक से दूरी। कई बार ईमेल, एसएमएस या सोशल मीडिया पर बैंक के नाम से लिंक भेजे जाते हैं। इन पर क्लिक करते ही आपकी निजी जानकारी — जैसे यूजर आईडी, पासवर्ड या कार्ड डिटेल — हैकर्स के हाथ लग सकती है।
हमेशा ध्यान रखें कि बैंक कभी भी फोन या ईमेल पर आपसे आपकी पर्सनल डिटेल नहीं मांगता। अगर किसी लिंक में ‘update your KYC’ या ‘account verification’ लिखा हो, तो उसे तुरंत डिलीट करें।
2. मजबूत पासवर्ड और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन
अकाउंट की सुरक्षा का सबसे अहम उपाय है मजबूत पासवर्ड बनाना। बहुत से लोग अपने नाम, जन्मतिथि या मोबाइल नंबर से पासवर्ड बनाते हैं, जो हैकर्स के लिए आसान होता है।
पासवर्ड में हमेशा बड़े और छोटे अक्षर, नंबर और विशेष चिन्ह (जैसे @, #, $) शामिल करें।
इसके साथ ही, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) ज़रूर ऑन करें। इससे अगर कोई पासवर्ड जान भी ले, तो बिना ओटीपी या बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लॉगिन नहीं कर पाएगा।
3. पब्लिक वाई-फाई से ट्रांजैक्शन न करें
कैफे, रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट पर मिलने वाले फ्री वाई-फाई कई बार जाल साबित होते हैं। ऐसे नेटवर्क में आपकी बैंकिंग जानकारी इंटरसेप्ट की जा सकती है।
ऑनलाइन बैंकिंग में धोखाधड़ी से बचने के लिए हमेशा अपने मोबाइल डेटा या भरोसेमंद नेटवर्क का इस्तेमाल करें। और अगर जरूरी भी हो, तो वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल करें जिससे डेटा एन्क्रिप्टेड रहे।
4. बैंक ऐप्स और वेबसाइट्स को करें अपडेट
सुरक्षा अपडेट्स को अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन बैंकिंग ऐप्स और वेबसाइट्स में हर अपडेट के साथ नई सिक्योरिटी लेयर जोड़ी जाती है।हमेशा सुनिश्चित करें कि आप बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या ऐप का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। किसी थर्ड पार्टी ऐप या लिंक से लॉगिन न करें। साथ ही, जब भी ट्रांजैक्शन करें तो यूआरएल में “https://” होना चाहिए, जिससे वेबसाइट सुरक्षित होने की पुष्टि होती है।
5. अलर्ट और ट्रांजैक्शन नोटिफिकेशन ऑन रखें
कई बार अकाउंट से पैसे निकल जाते हैं और अकाउंट होल्डर को देर से पता चलता है। इसलिए बैंक अलर्ट और एसएमएस नोटिफिकेशन हमेशा ऑन रखें।
हर छोटे-बड़े ट्रांजैक्शन का नोटिफिकेशन तुरंत देखने से किसी भी संदिग्ध गतिविधि को आप तुरंत रिपोर्ट कर सकते हैं।
अगर किसी अनजान ट्रांजैक्शन का मैसेज आए, तो तुरंत अपने बैंक की कस्टमर केयर या ब्रांच से संपर्क करें और अकाउंट ब्लॉक करवाएं।
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