भारत की अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2026 की जुलाई-सितंबर की अवधि में 8.2 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की है। यह दर पिछले साल की इसी अवधि में 5.6 प्रतिशत थी, जो यह दर्शाती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी स्पष्ट रूप से बढ़ रही है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा शुक्रवार, 28 नवंबर को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती और निवेशकों के विश्वास को भी दर्शाती है।
नॉमिनल GDP में भी रिकॉर्ड इजाफा
सरकार के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की नॉमिनल GDP 8.7 प्रतिशत बढ़ी। इसका मुख्य कारण द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों का मजबूत प्रदर्शन रहा। रिपोर्ट में बताया गया कि औद्योगिक उत्पादन और सेवा क्षेत्र दोनों ने अर्थव्यवस्था को तेजी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में औसत वृद्धि दर 8 प्रतिशत रही, जो पिछले वर्ष की 6.1 प्रतिशत की वृद्धि दर से काफी आगे है।
द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रों ने संभाली बढ़त
विशेषज्ञों के अनुसार, वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में द्वितीयक क्षेत्र की वृद्धि दर 8.1 प्रतिशत और तृतीयक क्षेत्र की वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रही। इस दौरान निर्माण, मैन्युफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र ने विशेष योगदान दिया। कृषि क्षेत्र में स्थिर प्रदर्शन बना रहा, जबकि उद्योग और सेवाओं में तेजी ने GDP को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। इसके चलते निवेश और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि हुई।
आर्थिक गति जारी रहने की उम्मीद
विश्लेषकों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में इस तरह की तेज़ी आर्थिक सुधार की दिशा में सकारात्मक संकेत देती है। यदि यह रफ्तार बनी रहती है तो भारत का GDP और भी तेजी से बढ़ सकता है, जिससे देश की अंतरराष्ट्रीय आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। सरकार और नीति निर्माताओं का ध्यान अब इस वृद्धि को सतत बनाए रखने और आम जनता तक इसके लाभ पहुँचाने पर है।
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