ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, 10 नवंबर 2025 से ग्रहों का संदेश बदलने वाला है, क्योंकि बुद्धि और वाणी के स्वामी बुध अपनी वक्री चाल शुरू कर रहे हैं। ये 18 दिन ऐसे होंगे जब हालात अचानक करवट ले सकते हैं — जो आगे बढ़ रहे थे, वे ठहर सकते हैं और जो पीछे छूट गए थे, वे फिर से उभर सकते हैं। मंगल की राशि वृश्चिक में बुध का उल्टा चलना ऊर्जा और रहस्य दोनों का संगम बनाएगा। इस समय निर्णय लेने से पहले सोचना, बोलने से पहले रुकना और हर लेनदेन में सतर्क रहना बेहद जरूरी होगा। यह अवधि व्यापार, संवाद, वाणी, शिक्षा और तकनीकी कार्यों पर सबसे अधिक असर डालेगी।
वाणी और व्यापार में उठापटक का समय
जब बुध वक्री होता है, तो उसकी गति हमारी सोच, बोलचाल और व्यावसायिक निर्णयों को सीधे प्रभावित करती है। इस बार बुध वृश्चिक राशि में वक्री रहेगा — जो रहस्य, गहराई और भावनाओं की राशि मानी जाती है। ऐसे में कई लोगों के छिपे राज सामने आ सकते हैं, और कुछ रिश्तों में संदेह बढ़ सकता है।
मेष, कर्क, तुला और कुंभ राशि के जातकों के लिए यह समय थोड़ा चुनौतीपूर्ण रह सकता है। काम में देरी, तकनीकी गड़बड़ियाँ या गलतफहमियाँ बढ़ सकती हैं। वहीं, वृषभ, सिंह और मकर राशि के लोगों को इस वक्री चाल का लाभ मिलेगा — पुराने अटके हुए काम पूरे होंगे और धन के नए रास्ते खुलेंगे।
यह भी संभव है कि इस दौरान कोई पुराना संबंध या प्रोजेक्ट फिर से जीवन में लौट आए। परंतु याद रखें। बुध की परीक्षा हमेशा “धैर्य” की होती है।
12 राशियों पर असर, किसे मिलेगा लाभ और किसे सावधानी की जरूरत
मिथुन और कन्या राशि, जिनके स्वामी खुद बुध हैं, उन्हें इस दौरान आत्मविश्लेषण का मौका मिलेगा। करियर की दिशा को लेकर बड़े निर्णय लेने से पहले पुनर्विचार करें। धनु और मीन राशि वालों के लिए यह समय भ्रम बढ़ाने वाला हो सकता है, इसलिए जल्दबाज़ी से बचें।
वृश्चिक राशि के जातक, जिनकी राशि में बुध वक्री है, उन्हें मानसिक ऊर्जा का सही उपयोग करना चाहिए। किसी गुप्त योजना या इनोवेशन पर काम करते हुए बड़ी सफलता मिल सकती है।
सिंह राशि के लोगों के लिए यह समय सम्मान और प्रभाव बढ़ाने वाला रहेगा, लेकिन बोलने में संयम जरूरी है। कुल मिलाकर, बुध वक्री का यह काल एक “री-स्टार्ट बटन” की तरह काम करेगा। गलतफहमियों को दूर करने, अधूरे काम पूरे करने और खुद को फिर से संतुलित करने का।
परिवर्तन का संकेत
29 नवंबर की रात 11 बजकर 7 मिनट पर जब बुध मार्गी होगा, तब कई बातें स्पष्ट होने लगेंगी। जो लोग इन 18 दिनों में धैर्य से काम लेंगे, उन्हें नए अवसर मिलेंगे। वहीं, जो जल्दबाज़ी में निर्णय लेंगे, उन्हें सुधार की जरूरत महसूस होगी। यह ग्रह-स्थिति हमें सिखाती है कि कभी-कभी “धीमी चाल” ही जीवन की सबसे बड़ी सीख होती है।
(Disclaimer: यहां पर प्राप्त जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। News India इसकी पुष्टि नहीं करता है।)






