गणेश चतुर्थी पर बन रहा बेहद दुर्लभ संयोग, इन बातों का रखें विशेष ध्यान

गणपति जी का जन्म हुआ था तो उसे दिन मंगलवार और स्वाति नक्षत्र था। इसके अलावा कल गणेश स्थापना के दिन शश राजयोग, गजकेसरी राजयोग, अमला योग और पराक्रम योग नाम के 4 राजयोग मिलकर चतुर्महायोग बना रहे हैं।

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ganesh chaturthi 2023

Ganesh Chaturthi 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कल 19 सितंबर 2023 से गणेश महोत्सव शुरू हो रहा है। गणेश चतुर्थी का त्योहार बहुत ही शुभ माना जाता है। भाद्रपद शुक्ल की चतुर्थी तिथि को गणेश उत्सव मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन गणपति जी का जन्म हुआ था। गणेश जी के जन्म के समय स्वाति नक्षत्र और अभिजीत मुहूर्त था इस बार भी गणेश चतुर्थी पर ऐसा ही एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। ऐसे में शुभ संयोग में गणपति की मूर्ति स्थापित करना बहुत ही शुभ माना जाता है। आपको बता दे ऐसे ही शुभ योगों में दोपहर के समय देवी पार्वती ने गणपति की मूर्ति बनाई थी। जब गणपति जी का जन्म हुआ था तो उसे दिन मंगलवार और स्वाति नक्षत्र था। इसके अलावा कल गणेश स्थापना के दिन शश राजयोग, गजकेसरी राजयोग, अमला योग और पराक्रम योग नाम के 4 राजयोग मिलकर चतुर्महायोग बना रहे हैं।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

-गणपति की मूर्ति घर में पूर्व उत्तर या ईशान कोण में स्थापित करें। इसके घर के ब्रह्म स्थान यानी घर के बीच में खाली जगह पर स्थापना कर सकते हैं। सीढ़ियों के नीचे और बाथरूम के नजदीक मूर्ति रखने की भूल कर भी गलती ना करें।

-यदि मिट्टी की मूर्ति नहीं बनना चाहते हैं तो गाय के गोबर, सुपारी, सफेद,मदार की जड़, नारियल, हल्दी ,चांदी, पीतल, तांबा, स्फटिक से बनी गणपति की मूर्ति स्थापित कर सकते हैं।

-गणेश स्थापना के लिए घर में इको फ्रेंडली मूर्ति बनाएं। गंगा या किसी भी पवित्र नदी की मिट्टी में समी या पीपल के जड़ की मिट्टी मिलाकर गणपति बप्पा की मूर्ति बनाएं।

-घर में करीब 12 अंगुल यानी तकरीबन 7 से 9 इंच तक की मूर्ति ही स्थापित करनी चाहिए। मंदिरों और पंडालों में कितनी भी बड़ी मूर्ति स्थापित कर सकते हैं।

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