Sunday, December 28, 2025

सैकड़ों गांवों का सहारा बने पैंटून पुल की कहानी, सिर्फ 6 महीने खुलता फिर रात होते ही बंद, सुबह से लोगों की राह आसान

लखीमपुर खीरी जिले के शारदा नदी किनारे पचपेड़ी घाट पर अस्थायी पैंटून पुल चालू हो गया है। यह पुल न केवल राहगीरों बल्कि उन किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण है जिनके खेत नदी के दूसरी ओर हैं। बरसात के समय नदी पार करना मुश्किल हो जाता है, जिससे लोगों को लंबा सफर तय करना पड़ता है। इस पुल के चालू होने से फूलबेहड़, मिलपुरवा, जंगल न.11, गूम, सरवा, अदलाबाद, ग्रंट12, मंगलीपुरवा, खांभी, बसहा, सैदापुर, बड़ागांव, चकलुआ, रंडौहा, श्रीनगर, गौरा और पयाग समेत सैकड़ों गांवों के लोगों को राहत मिली है।

समय और सुरक्षा का ध्यान

स्थानीय लोगों के अनुसार यह अस्थायी पैंटून पुल 15 जून तक चालू रहेगा। सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक इस पर आवागमन की अनुमति है, इसके बाद इसे बंद कर दिया जाता है। जंगल नजदीक होने के कारण रात में आवागमन पर रोक रखी जाती है, ताकि लोगों की सुरक्षा बनी रहे। लोग कहते हैं कि इस पुल से वे तेज़ी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकते हैं, जबकि अन्य मार्गों से दूरी ज्यादा होती है।

पिछले वर्षों की मांग और दूरी का फायदा

तहसील से जिला मुख्यालय जाने के तीन रास्ते हैं। ढखेरवा मार्ग से दूरी 65 किलोमीटर, बंधारोड मार्ग से 55 किलोमीटर, और पचपेड़ी घाट से होकर केवल 35 किलोमीटर की दूरी पड़ती है। यही कारण है कि यह अस्थायी पुल स्थानीय लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। प्रत्येक वर्ष नदी में पानी कम होने पर यह पैंटून पुल बनाया जाता है, लेकिन बरसात अधिक होने पर इसे हटा दिया जाता है। इस पुल पर स्थायी निर्माण की मांग कई बार विधानसभा और लोकसभा चुनाव में उठ चुकी है।

किसानों और राहगीरों के लिए बड़ी राहत

पुल चालू होने से किसानों को अपने खेतों तक पहुंचने में सुविधा मिली है। साथ ही, रास्ते में समय और दूरी दोनों की बचत होती है। स्थानीय लोग पुल के स्थायी निर्माण की उम्मीद भी जताते हैं ताकि हर मौसम में आवागमन बाधित न हो। यह पुल न केवल रोजमर्रा की जरूरतों के लिए, बल्कि आपातकालीन स्थितियों में भी लोगों के लिए सहारा साबित हो सकता है। प्रशासन इस अस्थायी पुल की नियमित निगरानी कर रहा है ताकि लोगों को सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित किया जा सके।

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