उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में एक ऐतिहासिक ऐलान किया, जिससे न केवल जैन समाज, बल्कि पूरे भारत के धर्म प्रेमियों में एक नई उम्मीद जाग उठी है। सीएम योगी ने भगवान महावीर के महापरिनिर्वाण स्थल, फाजिल नगर का नाम बदलकर “पावा नगरी” रखने की घोषणा की। यह नामकरण केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को सम्मान देने की दिशा में उठाया गया एक अहम कदम है। इस कदम से जैन समुदाय के धार्मिक महत्व को भी नई पहचान मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
उत्तर प्रदेश के जैन तीर्थस्थल होंगे और भी प्रमुख: सीएम योगी की घोषणा का महत्व
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश न केवल जैन धर्म के पवित्र तीर्थों का केंद्र है, बल्कि यहां की भूमि पर कई महान जैन तीर्थंकारों का जन्म हुआ है। अयोध्या में चार जैन तीर्थंकारों का जन्म हुआ, जबकि काशी में भी चार जैन तीर्थंकारों ने दुनिया को अपने उपदेश दिए। इस प्रकार से उत्तर प्रदेश धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से जैन धर्म के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण राज्य बन चुका है। योगी ने यह भी उल्लेख किया कि भारत की महान धार्मिक परंपरा को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए उनकी सरकार निरंतर प्रयासरत है।
भारत की सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान, जैन समाज को मिलेगा नया सम्मान
सीएम योगी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि भारत की धार्मिक परंपराओं में त्याग और बलिदान की जो महागाथा रही है, वह न केवल भारतीय समाज, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत है। अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण और हाल ही में आयोजित हुआ भव्य भगवा ध्वज का आरोहण, इन घटनाओं ने भारत की सनातन संस्कृति को नया आयाम दिया है। इन कदमों से पूरे देश को अपने सांस्कृतिक और धार्मिक वैभव पर गर्व है, और अब पावा नगरी के नामकरण से जैन समुदाय को भी वह सम्मान मिल रहा है, जिसका वह हमेशा हकदार रहा है।








