Sunjay Kapur Property Case में दिल्ली हाईकोर्ट की सुनवाई के दौरान ऐसा बयान सामने आया जिसने विवाद को एक नई दिशा दे दी। दिवंगत बिजनेसमैन संजय कपूर की पत्नी प्रिया सचदेव कपूर ने कोर्ट में साफ कहा कि पति द्वारा अपनी सारी संपत्ति पत्नी के नाम करना न तो असाधारण है और न ही किसी तरह का संदेह पैदा करने वाली बात। उनका कहना था कि ये निर्णय परिवार में पहले से चली आने वाली परंपरा का हिस्सा है। प्रिया ने अदालत को बताया कि उनके परिवार में पतियों द्वारा अपनी वसीयत में पत्नी को ही प्राथमिक वारिस बनाना बिल्कुल सामान्य बात है। इस बयान के बाद कोर्टरूम में मौजूद सभी की नजरें इस मामले के अगले पड़ाव पर टिक गईं, क्योंकि यह पहली बार था जब प्रिया ने वसीयत से जुड़ी फैमिली ट्रadition को इतनी स्पष्टता से रखा।
पिता ने भी अपनी पूरी संपत्ति पत्नी के नाम की थी
सुनवाई के दौरान प्रिया कपूर की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि संजय कपूर ने जो फैसला लिया वह उनके परिवार में पहले भी हो चुका है। वकील ने कहा कि संजय के पिता ने अपनी वसीयत में अपनी पूरी संपत्ति पत्नी रानी कपूर के नाम कर दी थी। इसी परंपरा को संजय ने भी आगे बढ़ाया और अपनी वसीयत में अपनी पत्नी प्रिया को ही वारिस बनाया। प्रिया के वकील ने कोर्ट में यह भी स्पष्ट किया कि संजय की वसीयत पूरी तरह वैध प्रक्रिया के तहत तैयार की गई थी। 10 फरवरी 2025 को वसीयत का ड्राफ्ट संजय को दिखाया गया था, जिसके बाद उन्होंने आवश्यक बदलाव सुझाए। इन्हें 17 मार्च 2025 तक फाइनल रूप दे दिया गया। दिलचस्प बात यह रही कि उसी दिन संजय कपूर और प्रिया कपूर दोनों ने अपनी-अपनी वसीयत तैयार करवाई थी — जैसा कि ज्यादातर पति-पत्नी करते हैं। इस तर्क ने मामले को और भी मजबूत बना दिया कि वसीयत के पीछे किसी “छिपी मंशा” का सवाल ही नहीं उठता।
करिश्मा कपूर के बच्चों की आपत्ति ने बढ़ाया विवाद
मामला तब विवादों में आ गया जब संजय कपूर और करिश्मा कपूर के दोनों बच्चे — समायरा कपूर और उनके भाई — ने अदालत में याचिका दाखिल कर दी। बच्चों ने दावा किया कि पिता द्वारा छोड़ी गई कथित वसीयत संदिग्ध परिस्थितियों में सामने आई है और इसकी जांच होनी चाहिए। उन्हें शक है कि वसीयत असल में वही है या उसमें बदलाव किए गए हैं। बच्चों की तरफ से यह भी मांग की गई है कि कोर्ट प्रिया कपूर को संजय की किसी भी चल-अचल संपत्ति को बेचने या ट्रांसफर करने से रोके, जब तक जांच पूरी नहीं होती। इस पर प्रिया की ओर से यह कहा गया कि यह मामला “किसी को वसीयत से बाहर करने” का बिल्कुल नहीं है। करिश्मा कपूर के बच्चों को पहले ही परिवार के ट्रस्ट के जरिए तकरीबन दो हजार करोड़ रुपये का लाभ दिया जा चुका है। इसलिए उन्हें विरासत से वंचित करने का कोई सवाल ही नहीं। फिर भी, बच्चों की आपत्ति ने Sunjay Kapur Property Case को और जटिल बना दिया है।
संजय कपूर की अचानक मौत और परिवार में बढ़ता तनाव
12 जून 2025 को इंग्लैंड में पोलो मैच के दौरान अचानक कार्डियक अरेस्ट से संजय कपूर का निधन हो गया था। उनकी मौत के बाद ही वसीयत का मामला विवादों में आया। जबकि प्रिया का कहना है कि संजय की वसीयत एक व्यवस्थित और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत तैयार हुई थी, वहीं करिश्मा कपूर के बच्चों की शंका ने इस मामले को बेहद संवेदनशील बना दिया है। अब पूरा परिवार कानूनी प्रक्रिया में उलझ गया है, और हर नया बयान मामले को नई दिशा देता दिखाई दे रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार के लिए निर्धारित की है, जहां संभवतः यह साफ हो पाएगा कि वसीयत की सत्यता पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे। इस बीच, Kapoor परिवार और बॉलीवुड जगत की निगाहें एक बार फिर इस मामले पर केंद्रित हो चुकी हैं, क्योंकि फैसला आने तक हर दिन इस विवाद में नए मोड़ आने की संभावना बनी हुई है।








