Thursday, November 20, 2025

15 छक्के, 11 चौके… 42 गेंद में ही वैभव सूर्यवंशी ने ठोक दिए 144 रन, सिर्फ 32 गेंद में पूरा किया शतक

एशिया कप राइजिंग स्टार टूर्नामेंट में वैभव सूर्यवंशी ने जो किया, वह T20 क्रिकेट की कहानी में एक नया रोमांचक अध्याय जोड़ देता है। मैदान पर उतरे तो मानो सिर्फ एक ही बात ज़हन में थी—गेंद चाहे जहां पड़े, उसे बाउंड्री के बाहर भेजना है। 32 गेंदों में शतक… यह आंकड़ा अपने आप में इतना चौंकाने वाला है कि सुनने वाला भी कुछ पल के लिए ठहर जाए। वैभव सूर्यवंशी ने अपनी इस आतिशी पारी में कुल 42 गेंदों में 144 रन ठोक दिए, जिसमें 15 छक्के और 11 चौके शामिल थे। हर शॉट में ताकत, टाइमिंग और बेखौफ खेलने का अंदाज़ साफ नजर आया। उनके बल्ले से निकले हर छक्के ने मैदान में मौजूद दर्शकों को खड़े होने पर मजबूर किया। हालांकि यह भारत की ओर से टी20 में सबसे तेज़ शतक नहीं है—28 गेंदों के संयुक्त रिकॉर्ड पर अभी भी अभिषेक शर्मा और उर्विल पटेल कायम हैं—लेकिन वैभव की पारी ने इस रेस को फिर से रोमांचक जरूर कर दिया है।

 मैच की शुरुआत से ही आक्रामक तेवर

एशिया कप राइजिंग स्टार टूर्नामेंट का यह मैच शायद साधारण होता, अगर वैभव सूर्यवंशी की विस्फोटक मानसिकता ने इसे असाधारण न बना दिया होता। पारी की शुरुआत से ही उनके तेवर साफ थे—पहली ही कुछ गेंदों में उनकी नज़र गेंदबाजों की कमजोरियों पर टिक गई, और फिर शुरू हुआ चौकों-छक्कों का सिलसिला। पावरप्ले में वैभव ने किसी भी गेंदबाज को सेट होने का मौका नहीं दिया। वह स्पिनर हो या तेज गेंदबाज, बल्लेबाज़ का इरादा एक ही था—हर ओवर में अधिक से अधिक नुकसान। उनकी स्ट्राइक रोटेशन के बीच जब-जब उन्हें गेंद थोड़ी सी भी रूम मिली, वह सीधे स्टैंड में जा गिरी। गेंदबाजों ने लाइन बदली, लेंथ बदली, फील्डिंग का सेटअप बदला… लेकिन वैभव की मारक क्षमता के आगे सब बेअसर रहा। सूर्यवंशी ने अपनी पारी के दौरान मैच की मांग के अनुसार खेलने का गजब संतुलन दिखाया। जहां जरूरत थी, वहां उन्होंने सिंगल-डबल भी लिए, लेकिन जैसे ही गेंदबाज ढीला पड़ा, वैभव का बल्ला खुलकर गरजा। उनका फुटवर्क, शॉट सिलेक्शन और शांति इसी बात का प्रमाण था कि यह युवा बल्लेबाज भविष्य में भारतीय टीम की योजनाओं में बड़ा नाम बन सकता है।

15 छक्कों की बरसात और 144 रन

T20 लीगों और टूर्नामेंटों में कई युवा खिलाड़ी चमकते हैं, लेकिन हर कोई वह छाप नहीं छोड़ पाता जो वैभव सूर्यवंशी ने इस मैच में छोड़ी। 42 गेंदों पर 144 रन—यह प्रदर्शन किसी साधारण खिलाड़ी का नहीं हो सकता। यह उस बल्लेबाज की पहचान है, जो मैदान पर उतारते ही मैच का रुख पलटने की ताकत रखता है। उनके लगाए 15 छक्के किसी भी इंटरनेशनल स्तर की पारी से कम नहीं लग रहे थे। हर छक्का अलग था—किसी पर उन्होंने लॉन्ग-ऑन के ऊपर से उठाया, किसी को कवर के ऊपर से भेजा, कुछ शॉट्स तो ऐसे थे कि गेंद स्टेडियम के बाहर जा गिरी। बल्ले का फेस, समय और शक्ति—हर चीज़ का संयोजन अद्भुत था।

उनके इस प्रदर्शन के बाद कई क्रिकेट पंडित यह संभावना जता रहे हैं कि अगर यही फॉर्म और निरंतरता जारी रही, तो सिलेक्टर उनकी ओर तेजी से आकर्षित हो सकते हैं। भारत के पास बड़े-बड़े हिटर रहे हैं, लेकिन वैभव की बल्लेबाजी में जो fearless approach दिखाई दी है, वह उन्हें एक अलग पहचान दे सकती है।

इसके अलावा, टी20 क्रिकेट में तेज़ शतक लगाना सिर्फ स्टाइल नहीं, बल्कि परिस्थिति की समझ, क्षमता और दबाव में खेलने की कला का प्रमाण है। वैभव ने इन सभी पहलुओं पर खरा उतरते हुए दिखा दिया कि वह सिर्फ एक टूर्नामेंट स्टार नहीं, बल्कि लंबे समय का निवेश हो सकते हैं।

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