झांसी से आई यह खबर देश को हिला देने वाली है। 13 साल के बच्चे की PUBG की लत ने उसकी मां की जिंदगी ही खत्म कर दी। जानकारी के मुताबिक, महिला अपने बेटे को दिनभर गेम खेलते देखकर परेशान रहती थी। उसने कई बार उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन हर बार बच्चा बात मानने के बजाय गुस्सा करने लगता था। घर के माहौल में तनाव बढ़ता गया और आखिरकार महिला ने खुदकुशी जैसा बड़ा कदम उठा लिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि महिला अपने बेटे की पढ़ाई और भविष्य को लेकर चिंतित थी। वो चाहती थी कि बेटा मोबाइल छोड़कर स्कूल और पढ़ाई पर ध्यान दे, मगर गेम के चक्कर में लड़का हर बात को अनसुना करने लगा। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
पड़ोसियों के अनुसार, बीते कुछ महीनों से बच्चे की PUBG की लत काफी बढ़ गई थी। वह स्कूल से लौटते ही घंटों मोबाइल पर गेम खेलता रहता था। मां उसे डांटती, तो वह गुस्से में चीजें फेंक देता। घर का माहौल धीरे-धीरे तनावपूर्ण हो गया था। कई बार पिता ने भी दखल देने की कोशिश की, लेकिन कोई असर नहीं पड़ा। घटना वाले दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ। महिला ने बेटे को फिर से पढ़ाई के लिए कहा, मगर वह कमरे में जाकर गेम खेलने लगा। बताया जा रहा है कि इसी बात से परेशान होकर महिला ने गुस्से और दुख में फांसी लगा ली। जब परिवार के बाकी सदस्य लौटे तो सबकुछ खत्म हो चुका था।
यह कोई पहला मामला नहीं है जब ऑनलाइन गेम की लत ने किसी परिवार को तोड़ा हो। हाल के वर्षों में कई राज्यों से ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जहां बच्चे गेम में इतने खो गए कि पढ़ाई, रिश्ते और मानसिक संतुलन तक बिगड़ गया। झांसी की यह घटना फिर से याद दिलाती है कि कैसे डिजिटल दुनिया में अंधी भागदौड़ ने मानवीय रिश्तों को कमजोर कर दिया है।
पुलिस ने फिलहाल मामले में जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, किसी प्रकार की साजिश या बाहरी दबाव की बात सामने नहीं आई है। पर सवाल यह उठता है कि आखिर ऑनलाइन गेम्स के इस बढ़ते जाल से बच्चों को कैसे बचाया जाए? शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि स्कूल और परिवार दोनों को मिलकर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा। सरकारें भले ही समय-समय पर PUBG जैसे गेम्स पर प्रतिबंध लगाती हैं, लेकिन नए नामों और वर्ज़न के साथ ये गेम्स फिर लौट आते हैं।
, लोग बोले– “गेम नहीं, लत ने छीनी मां”
घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने गुस्सा और दुख दोनों जाहिर किया है। कई यूजर्स ने लिखा कि “PUBG ने एक मां को हमसे छीन लिया, लेकिन असली दोषी हमारी चुप्पी है।”
लोगों का कहना है कि आज हर घर में बच्चे मोबाइल में खोए रहते हैं और माता-पिता लाचार हो चुके हैं।
यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कितना और कैसे होना चाहिए। मनोरंजन की सीमाएं जब लत में बदल जाती हैं, तो उसका नतीजा विनाश ही होता है।
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