मुंबई के पवई इलाके में गुरुवार रात एक फिल्म स्टूडियो उस वक्त आतंक के साए में आ गया, जब एक युवक ने पांच बच्चों को बंधक बना लिया। सूत्रों के मुताबिक, युवक फिल्म सेट में काम करता था और किसी निजी विवाद के चलते उसने ये खौफनाक कदम उठाया। जैसे ही घटना की जानकारी मिली, मुंबई पुलिस की स्पेशल कमांडो यूनिट “QRT” को मौके पर बुलाया गया। कमांडो टीम ने इमारत का पूरा नक्शा देखा और एक ऐसा रास्ता चुना जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी — बाथरूम। यह वही रास्ता था जहां से 8 कमांडो रेंगते हुए अंदर घुसे ताकि हमलावर को अचानकता का झटका दिया जा सके।
बातचीत नाकाम, फिर चला जवाबी वार
पुलिस ने पहले समझौते की कोशिश की। कमांडर ने आरोपी आर्य (32) से बातचीत शुरू की, ताकि मामला बिना हिंसा के सुलझाया जा सके। लेकिन आर्य ने हाथ में बंदूक लहराते हुए बच्चों पर केमिकल फेंकने की धमकी दी। उसने कहा, “कोई पास आया तो सबको जला दूंगा।”
स्थिति बिगड़ती देख, कमांडो टीम ने “साइलेंट अटैक प्रोटोकॉल” शुरू किया। बाथरूम की ग्रिल तोड़कर दो सदस्य अंदर घुसे, बाकी ने मुख्य दरवाजे से ध्यान भटकाया। अचानक फायरिंग की आवाज गूंजी। जवाबी कार्रवाई में आर्य को गोली लगी और बच्चों को तुरंत बाहर निकाला गया। ऑपरेशन सिर्फ 35 मिनट में खत्म हुआ। बाद में पता चला कि उसकी बंदूक असली नहीं, बल्कि एयर गन थी — लेकिन उस वक्त किसी को ये अंदाजा नहीं था।
‘कोई रिस्क नहीं लिया जा सकता था’, बोली पुलिस
मुंबई पुलिस कमिश्नर ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमारे लिए सबसे अहम बच्चों की जान थी। जब उसने गोली चलाई, तो कमांडो टीम को तुरंत जवाब देना पड़ा। बाद में जांच में पता चला कि हथियार नकली था, पर उस वक्त हर सेकंड की कीमत थी।” घटना के बाद पुलिस ने स्टूडियो को सील कर दिया और फॉरेंसिक टीम को जांच के लिए बुलाया। आर्य के परिजनों से पूछताछ जारी है। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी मानसिक तनाव से जूझ रहा था। मुंबई पुलिस की यह कार्रवाई अब “परफेक्ट कमांडो रेस्क्यू” के रूप में चर्चा में है — जहां प्लानिंग, स्पीड और हिम्मत तीनों का जबरदस्त मेल देखने को मिला।












