Basti: 28 सितंबर की शाम मां कात्यायनी मंदिर में ऐसा अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा, जिसकी कल्पना मात्र से मन श्रद्धा से भर उठता है। महादेवरी गांव स्थित इस प्राचीन मंदिर में इस वर्ष होने जा रहे दीपोत्सव को लेकर भक्तों के बीच एक रहस्यमयी उत्साह देखा जा रहा है। चारों ओर यही चर्चा है कि इस बार आयोजन कुछ अलौकिक अनुभव लेकर आने वाला है। मंदिर के पुजारियों और आयोजकों की मानें तो इस बार की महाआरती में आध्यात्मिक ऊर्जा का ऐसा संचार होगा, जिसे हर कोई महसूस करेगा।
पूजा, मंत्रोच्चार और दीपों से सजेगा अनूठा आध्यात्मिक संध्या
कार्यक्रम का शुभारंभ 28 सितंबर को शाम 6 बजे विशेष पूजा-अर्चना से होगा। वैदिक मंत्रोच्चार और दीपों की ज्योति से पूरा मंदिर परिसर एक अलग ही आभामंडल में नहाया नजर आएगा। श्रद्धालु अपनी आरती की थाल सजाकर माता रानी की महाआरती में भाग ले सकेंगे। आयोजकों ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे कम से कम 30 मिनट पहले मंदिर पहुंचे ताकि व्यवस्थित रूप से पूजा सम्पन्न की जा सके।
पूरे मंदिर क्षेत्र को फूलों की झालरों, रंग-बिरंगी लाइट्स और मिट्टी के दीपों से सजाया जा रहा है। आयोजन की विशेष बात यह है कि इसे सिर्फ धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सामाजिक उत्सव के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें सभी जाति-धर्म के लोग मिलकर शामिल होते हैं।
गांव में लगेगा मेले जैसा माहौल, महिलाएं, बच्चे और युवा जुटे तैयारियों में
दीपोत्सव को लेकर महादेवरी गांव में मेले जैसा माहौल बन गया है। महिलाएं भजन-कीर्तन की तैयारी में जुटी हैं, तो बच्चे दीयों को रंगने और सजाने में व्यस्त हैं। वहीं, युवा वर्ग मंदिर की सजावट और आयोजन की जिम्मेदारी उठा रहा है। आयोजन समिति ने सुरक्षा और व्यवस्था के लिए विशेष इंतजाम किए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो।
मंदिर प्रबंधन का मानना है कि यह आयोजन केवल धर्म नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने वाला एक सेतु है। “यह एक ऐसा आयोजन है जहां भक्ति, श्रद्धा और सामाजिक एकता एक ही दीप की लौ में जलते हैं,” मंदिर समिति के सदस्य ने बताया। श्रद्धालुओं से संयम और अनुशासन बनाए रखने की अपील की गई है।