देश के 15वें उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार, 12 सितंबर को राष्ट्रपति भवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी की निगाहें तब चौंकीं जब मंच पर अचानक पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नजर आए। 22 जुलाई 2025 को अपने पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद यह पहला मौका था जब धनखड़ किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में दिखाई दिए। उनकी इस अप्रत्याशित उपस्थिति ने वहां मौजूद लोगों को चौंका दिया और सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गई।
9 सितंबर को हुए चुनाव में सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट मिले
9 सितंबर को हुए उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में एनडीए समर्थित उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने स्पष्ट बहुमत से जीत दर्ज की। उन्हें कुल 452 वोट मिले जबकि विपक्ष के बी. सुदर्शन रेड्डी सिर्फ 300 वोट ही जुटा पाए। शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कई केंद्रीय मंत्री और गणमान्य अतिथि मौजूद थे। लेकिन पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ की मौजूदगी ने कार्यक्रम की चर्चा का केंद्र बदल दिया। लंबे समय से सार्वजनिक जीवन से दूर रहे धनखड़ की अचानक वापसी ने राजनीतिक हलकों में कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
धनखड़ की वापसी से फिर शुरू हुई राजनीतिक चर्चाएं
धनखड़ के इस्तीफे की असली वजह अभी तक सामने नहीं आई है। न तो सरकार की ओर से कोई स्पष्ट कारण बताया गया, न ही धनखड़ ने स्वयं कोई बयान दिया। उनकी 53 दिन की “गायब” उपस्थिति और फिर अचानक सार्वजनिक मंच पर आना राजनीतिक हलकों में नई अटकलों को जन्म दे रहा है। क्या यह सिर्फ एक सामान्य शिष्टाचार था या कोई नई राजनीतिक पारी की शुरुआत? इस सवाल का जवाब फिलहाल भविष्य के गर्भ में छुपा है।
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