Janmashtami 2025: भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव, जन्माष्टमी, केवल भक्ति का पर्व नहीं बल्कि आशीर्वादों की वर्षा करने वाला दिन भी है। इस साल 16 अगस्त 2025 को यह पावन अवसर बन रहा है, जब व्रत, पूजन और मंत्र साधना का फल कई गुना बढ़ जाता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह दिन विशेष रूप से उन विवाहित और गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी है, जो उत्तम, गुणवान और दीर्घायु संतान की कामना रखती हैं। मान्यता है कि इस दिन संतान गोपाल मंत्र का जाप करने से न केवल संतान प्राप्ति होती है, बल्कि उसके जीवन में स्वास्थ्य, बुद्धि और सफलता भी स्थायी रूप से बनी रहती है।
गुप्त आशीर्वाद का मंत्र
शास्त्रों में वर्णित संतान गोपाल मंत्र को अत्यंत प्रभावशाली और ‘सिद्ध मंत्र’ माना गया है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह मंत्र एक सुरक्षात्मक कवच की तरह कार्य करता है, जो गर्भस्थ शिशु को नकारात्मक ऊर्जा, रोग और अशुभ प्रभावों से बचाता है। मंत्र इस प्रकार है—
“ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गताः॥”
इसका जाप प्रातःकाल स्नान के बाद शुद्ध आसन पर बैठकर 108 बार करना शुभ माना जाता है। मंत्र जाप के दौरान मन में केवल भगवान कृष्ण के बाल रूप का ध्यान करना चाहिए, जिससे साधना का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
कब और कैसे करें जाप
जन्माष्टमी पर यह साधना करने का सबसे शुभ समय निशीथ काल (मध्यरात्रि) का है, जब श्रीकृष्ण का जन्म माना जाता है। इस समय दीप प्रज्वलित कर, सफेद या पीले वस्त्र पहनकर, पूर्व दिशा की ओर मुख करके मंत्र का जाप करना अत्यंत फलदायी है। जाप के बाद तुलसी पत्र अर्पित करना और मक्खन-मिश्री का भोग लगाना अनिवार्य माना गया है। अनुभवी साधकों का कहना है कि यदि यह साधना पूरी श्रद्धा और नियम से की जाए, तो संतान श्रीकृष्ण के सद्गुणों से युक्त, स्वस्थ और दीर्घायु होती है। यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है और आज भी उतनी ही प्रभावशाली मानी जाती है।