Friday, November 21, 2025

न्यायालय के आदेश पर तीन अज्ञात सहित 7 लोगों पर गंभीर धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा, दूसरे की जमीन पर कर रहे थे कब्जा

Basti News: बस्ती जिले के ढोढरी गांव में एक पुरानी जमीन विवाद को लेकर हुई मारपीट में पुलिस ने लापरवाही दिखाते हुए मुकदमा दर्ज नहीं किया था जिसके बाद पीड़ित वीरेंद्र पांडेय ने थक-हारकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय ने मामले को संज्ञान में लेते हुए गांव के ही दिलीप कुमार पांडेय, दीनदयाल पांडेय, अश्वनी कुमार पांडेय, सिद्धनाथ पांडेय, श्रीमती, नेहा सहित तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया है।

क्या है पूरा मामला

प्रार्थी वीरेंद्र पांडेय ने न्यायालय को प्रार्थना पत्र देते हुए कहा कि 4 दिसंबर को सुबह वह ट्रैक्टर से अपना खेत जोत रहा था जो कि उसके नाम बैनामा है। तभी वहां पर अभियुक्त दिलीप कुमार अपने परिजनों के साथ आए और खेत जोतने से मना करने लगे। तो पीड़ित ने बताया कि खेत मेरे नाम बैनामा है। इतना कहने पर उपरोक्त सभी लोग प्रार्थी को लाठी डंडे से पीटने लगे हैं। इसके चिल्लाने पर प्रार्थी का भतीजा तरंग पांडेय दौड़ता हुआ आया और बचाने का प्रयास करने लगा। इस पर दबंगों ने दबंगई दिखाते हुए भतीजे तरंग पांडे को जान से मारने की नीयत से हमला कर दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया और मौके पर ही बेहोश हो गया। परिजनों ने उसे जैसे- तैसे थाने पर लाकर तहरीर दी। लेकिन तहरीर मिलने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और लगातार उसे थाने के चक्कर लगवाती रही। जबकि पुलिस ने उल्टा ही पीड़ित के ऊपर मुकदमा दर्ज कर दिया। हार थक कर उसने न्यायालय की शरण ली।

गंभीर धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा

न्यायालय ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए थानाध्यक्ष गौर को सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। न्यायालय के आदेश पर तीन अज्ञात सहित सात लोगों के खिलाफ 191 (3), 109 (1), 115 (2), 351 (2), 352, 333 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

दिलीप कुमार के खिलाफ पहले से ही दर्ज हैं कई आपराधिक मामले

मुकदमे में पंजीकृत अभियुक्त दिलीप कुमार पांडेय के ऊपर पहले से ही जिले के विभिन्न थानों में कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। जिसमें महिला उत्पीड़न, छेड़छाड़, धोखाधड़ी जैसे संगीन मामले हैं। लेकिन फिर भी जिले की पुलिस अभियुक्त के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं कर रही है। देखना अब यह है कि न्यायालय के आदेश पर पुलिस अभियुक्ति के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है?

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