Bangles Rituals: सनातन धर्म में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए कई तीज त्यौहार का व्रत रखती हैं। सभी महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए सोलह सिंगार करती हैं। गले में मंगलसूत्र, मांग में सिंदूर,हाथों में चूड़ियां पहनती हैं। शास्त्रों में कहा गया है की नारी सदैव पूजनीय होती है और उनके सोलह सिंगार में से कांच की चूड़ियों का विशेष स्थान है। हालांकि घर के कामकाज में महिलाओं की चूड़ियां टूट जाती हैं और महिलाएं कांच की चूड़ियां फेंक देती हैं। आइए आगे आर्टिकल में जानते हैं की चूड़ियां फेंकने का प्रभाव शादीशुदा जीवन पर कैसा पड़ता है।
नहीं फेंकनी चाहिए चूड़ियां
विवाह के बाद स्त्रियों को नित्य रूप से चूड़ियां पहनने की सलाह दी जाती है। अगर कोई चूड़ी गलती से टूट जाए या चटक जाए तो उसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। टूटी हुई चूड़ी को ऐसे ही कूड़े में नहीं फेंकना चाहिए क्योंकि यह सुहाग की वस्तु है इसका अपमान नहीं करना चाहिए। टूटी चूड़ी को किसी लाल कपड़े में रखे पीपल या किसी अन्य पवित्र वृक्ष की जड़ में गाड़ दें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हाथ में पहनी चूड़ियों का अचानक टूटना या चटकाना किसी संकेत की ओर इशारा करता है। इसीलिए टूटी चूड़ियों को कभी भी कूड़ेदान में नहीं फेंकना चाहिए।
सेहत पर भी पड़ता है प्रभाव
चूड़ियां पहने से पति की उम्र ही नहीं बल्कि आपकी सेहत भी अच्छी रहती है। चूड़ियों की खनखनाहट सिर्फ आभूषण की आवाज नहीं है, बल्कि यह सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करती है। चूड़ियों से निकलने वाली कंपन महिला के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। अगर कोई महिला बिना चूड़ियों के रहती है तो इससे उसका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
(Disclaimer: यहां पर प्राप्त जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। News India इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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