प्राकृतिक दांतों की तरह काम करता है डेंटल इम्प्लांट

सफेदाबाद के चंद्रा पोस्ट ग्रेजुएट डेंटल कॉलेज व हॉस्पिटल के प्रोथोडोन्टिक्स विभाग में दांतों का आधुनिक इंप्लांट तकनीक से प्रत्यारोपण करने के लिए कार्यशाला व संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

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लखनऊ। सफेदाबाद के चंद्रा पोस्ट ग्रेजुएट डेंटल कॉलेज व हॉस्पिटल के प्रोथोडोन्टिक्स विभाग में दांतों का आधुनिक इंप्लांट तकनीक से प्रत्यारोपण करने के लिए कार्यशाला व संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ. सुलभ ग्रोवर ने कहा कि इंप्लांट द्वारा दांतों का प्रत्यारोपण करने में मरीजों को कोई परेशानी नहीं होती और ना ही किसी दूसरे दांतों को कोई नुकसान व परेशानी होती है। डॉ. श्रुति शर्मा ग्रोवर ने कहा कि इस विधि में टाइटेनियम के एक जदनुमा स्क्रू को हड्डी में अत्याधुनिक मशीन द्वारा डाला जाता है जिससे जब वह हड्डी में जम जाता है तब उसमें कृत्रिम दांत लगाए जाते हैं जो कि प्राकृतिक दांत की तरह ही काम करते हैं।

इस अवसर पर डॉ. आनंद किशोर ने कहा कि इस मौके पर लगभग 250 से 300 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया, जिसमें दंत चिकित्सा के स्नातक व स्नातकोत्तर के विद्यार्थी शामिल रहे। वहीं डॉ. श्रीश चरण श्रीवास्तव के मुताबिक मरीज पर इंप्लांट प्रत्यारोपण कर कृत्रिम दांत लगाने का सजीव चित्रण सभी विद्यार्थियों को दिखाया जिसमें विशाल एलईडी स्क्रीन इस्तेमाल की गई। प्रोथोडोन्टिक्स विभाग के प्रमुख डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि विभाग में लगभग 15 से 20 मरीज का प्रत्येक माह इंप्लांट विधि द्वारा दांतों का प्रत्यारोपण किया जाता है।

इस कार्यक्रम में प्रवक्ता केे रूप में केजीएमसी के दांत संकाय के डॉ. कमलेश्वर सिंह और डॉ. प्रतिम तालुकदार उपस्थित रहे। डॉ. आनंद किशोर (प्रधानाचार्य चंद्रा डेंटल कॉलेज), डॉ. श्रीश चरण श्रीवास्तव (उप प्रधानाचार्य,चंद्रा डेंटल कॉलेज), डॉ. सुलभ ग्रोवर, डॉ. श्रुति शर्मा ग्रोवर, डॉ. अरविंद कुमार सिंह (विभाग प्रमुख), डॉ. गौरव चंद्रा, डॉ. इंद्रेश राजावत, डॉ. प्रदीप कुमार पांडे, डॉ. पंकज कुमार यादव ने भी हिस्सा लिया।