UP news: उत्तर प्रदेश की राजनीति में अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गए हैं। 2023 में एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान मौर्य ने श्रीरामचरितमानस को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। अब वाराणसी की एक स्थानीय अदालत के आदेश पर पुलिस ने उनके खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में हुई इस कार्रवाई के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है।
राजनीतिक बवाल फिर हुआ तेज
मौर्य ने रामचरितमानस के कुछ श्लोकों को दलित और पिछड़ा विरोधी बताया था, जिससे बवाल मच गया था। इस बयान के बाद हिंदू संगठनों और कई राजनीतिक दलों ने खुलकर विरोध किया और कानूनी कार्रवाई की मांग की थी। उस समय मामला कुछ समय बाद शांत हो गया था, लेकिन अब कोर्ट के हस्तक्षेप से यह एक बार फिर गर्म मुद्दा बन गया है। वाराणसी के लंका थाने में मौर्य पर IPC की धारा 295A समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ है।
स्वामी प्रसाद मौर्य की सफाई, पर बढ़ी मुश्किलें
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि उनका इरादा किसी धर्म या ग्रंथ का अपमान करने का नहीं था, बल्कि वे सामाजिक समानता की बात कर रहे थे। लेकिन अब जब मामला कानूनी रूप ले चुका है, तो यह उनके राजनीतिक भविष्य के लिए चुनौती बन सकता है। आने वाले चुनावों से पहले यह मामला समाजवादी पार्टी की रणनीति को भी प्रभावित कर सकता है। विपक्षी दल पहले ही इस मुद्दे को चुनावी हथियार बनाने में जुट गए हैं।
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