Thursday, November 13, 2025

कट्टा, दुनाली और फिरौती की चेतावनी… औरंगाबाद में मोदी ने किसे कहा ‘खतरा बिहार के भविष्य का’?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी जैसे-जैसे बढ़ रही है, सियासी तीरों की धार भी तेज होती जा रही है। शुक्रवार को औरंगाबाद की जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी महागठबंधन पर करारा प्रहार किया। मंच से मोदी ने कहा, “भैया की सरकार आएगी तो कट्टा, दुनाली, फिरौती और रंगदारी का दौर लौट आएगा।” उनके इस बयान से सभा में मौजूद भीड़ जोश से भर उठी। मोदी ने सीधे तौर पर तेजस्वी यादव और आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के लोग अब बच्चों तक को रंगदारी की राह दिखाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि बिहार के लोग अब जंगलराज की वापसी किसी भी कीमत पर नहीं चाहते। रैली का माहौल ऐसा था मानो जनता पहले ही तय कर चुकी हो कि इस बार “विकास” ही वोट का मुद्दा बनेगा, डर नहीं।

बंदूक की नोक पर सीएम पद छीनने का आरोप

प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी गठबंधन पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “इंडिया गठबंधन” में मुख्यमंत्री पद को आरजेडी ने बंदूक की नोक पर चुराया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को वे सीटें दी गई हैं जहाँ से वह पिछले 35-40 सालों में कभी नहीं जीती — यह दिखाता है कि गठबंधन के भीतर भरोसा नहीं, बल्कि मजबूरी है। मोदी ने जनता से पूछा, “क्या आप फिर से बिहार को उसी अंधेरे दौर में लौटते देखना चाहते हैं?” सभा में मौजूद हजारों लोगों ने “नहीं” के नारे से जवाब दिया। पीएम ने कहा कि बिहार का नौजवान अब जान चुका है कि झूठे वादों और जात-पात की राजनीति से पेट नहीं भरता, रोजगार और ईमानदार सरकार ही असली विकास का रास्ता है।

उन्होंने यह भी कहा कि पिछले शासन में बिहार की पहचान “लालटेन” से थी, लेकिन एनडीए ने उसी बिहार को “एलईडी” की रौशनी में बदल दिया। उन्होंने तंज करते हुए कहा, “कुछ लोग अब भी लालटेन में तेल डालने की जिद पर अड़े हैं, लेकिन बिहार का भविष्य अब उजाले की राह पर है।”

एनडीए की विकास योजनाओं का ब्योरा और नया विज़न

पीएम मोदी ने अपने भाषण के दूसरे हिस्से में एनडीए सरकार के कामों का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि एनडीए की सोच सिर्फ सत्ता में बने रहने की नहीं, बल्कि बिहार को उद्योग और रोजगार का केंद्र बनाने की है। मोदी ने बताया कि राज्य के हर क्षेत्र की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर योजनाएं तैयार की गई हैं

उन्होंने कहा, “बिहार में जहां जैसी क्षमता है, वहां वैसी ही इंडस्ट्री लगाई जा रही है। किसी जगह फूड प्रोसेसिंग यूनिट, तो कहीं टेक्नोलॉजी पार्क — यह नया बिहार, नया भारत का प्रतीक बनेगा।”

मोदी ने युवाओं से अपील की कि वे “विकास की राजनीति” को वोट दें, न कि “विवाद की राजनीति” को। उनका कहना था कि अब समय है बिहार को “निर्भरता से आत्मनिर्भरता” की ओर ले जाने का।

राजनीतिक तापमान और जनता की प्रतिक्रिया

रैली के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। विपक्षी नेताओं ने मोदी के बयान को “भड़काऊ” बताया, जबकि एनडीए समर्थकों ने इसे “सच्चाई का आईना” कहा। स्थानीय लोगों में भी चर्चा गर्म है — कोई कहता है कि यह चुनाव विकास बनाम जंगलराज का होगा, तो कोई मानता है कि बेरोजगारी और शिक्षा जैसे मुद्दे भी निर्णायक रहेंगे।

मोदी की इस सभा से यह साफ है कि भाजपा और एनडीए पूरी ताकत से बिहार चुनाव में उतर चुके हैं, जबकि महागठबंधन पर दबाव बढ़ गया है।

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