बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और जनशक्ति जनता दल (JJD) के प्रमुख तेज प्रताप यादव को हाल ही में केंद्र सरकार ने Y + श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। यह फैसला उस समय आया जब तेज प्रताप चुनावी मैदान में सक्रिय हैं और महुआ विधानसभा सीट से प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतर चुके हैं। सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाए जाने के बावजूद तेज प्रताप ने कहा है कि उन्हें अब भी जान का खतरा महसूस हो रहा है। उनके शब्दों में — “मेरे दुश्मन मुझे मरवा सकते हैं, अब तो हर कोई दुश्मन-सा लग रहा है।”
तेज प्रताप की चिंता और राजनीतिक पृष्ठभूमि
तेज प्रताप यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वे अपनी नई राजनीतिक पार्टी के साथ जनसभाओं और रोड शो में लगातार व्यस्त हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्हें लगातार धमकियाँ मिल रही हैं और सुरक्षा एजेंसियों को इस बारे में पहले ही सूचित किया जा चुका है। यादव ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि सुरक्षा बढ़ने से स्थिति बेहतर होगी, लेकिन “खतरा टला नहीं है।” राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि तेज प्रताप के बयानों ने बिहार के चुनावी माहौल को और संवेदनशील बना दिया है। उनके समर्थकों का कहना है कि यादव परिवार के विरोधियों ने उन्हें निशाने पर रखा है, वहीं आलोचक इसे “राजनीतिक सहानुभूति जुटाने की रणनीति” भी बता रहे हैं।
पार्टी, चुनाव और पारिवारिक समीकरण
राजद से छह साल के लिए निष्कासित किए जाने के बाद तेज प्रताप यादव ने जनशक्ति जनता दल (JJD) का गठन किया था। पार्टी के गठन के बाद यह पहला मौका है जब वे अपने दम पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। महुआ सीट पर मुकाबला कड़ा माना जा रहा है और तेज प्रताप यहां प्रचार में पूरी ताकत झोंक चुके हैं। उन्होंने अपने भाई तेजस्वी यादव को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए यह भी कहा कि राजनीति में मतभेद हो सकते हैं लेकिन खून का रिश्ता कभी खत्म नहीं होता। उनके ताजा बयानों ने यह साफ कर दिया है कि तेज प्रताप न सिर्फ राजनीतिक बल्कि व्यक्तिगत मोर्चे पर भी चुनौतियों से जूझ रहे हैं। सुरक्षा बढ़ने के बावजूद, उनके “हर कोई दुश्मन-सा लगने” वाले शब्दों ने इस मामले में रहस्य और सस्पेंस को और गहरा कर दिया है।
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