उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर तूफान मच गया है. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि “जय श्रीराम” और “बजरंग बली” का नारा अब आस्था नहीं, बल्कि तोड़फोड़ का लाइसेंस बन गया है. मौर्य के इस बयान के बाद भाजपा नेताओं ने उन पर तीखा हमला बोला, जबकि सपा ने कहा कि यह उनके निजी विचार हैं.
“सीएम योगी ऐसे लोगों का करते हैं समर्थन” – मौर्य का सीधा आरोप
स्वामी प्रसाद मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि “मुख्यमंत्री ऐसे लोगों का समर्थन करते हैं, जो धार्मिक नारों के नाम पर हिंसा फैलाते हैं.” मौर्य के मुताबिक, जब इन नारों की आड़ में तोड़फोड़ होती है, तो सरकार कार्रवाई नहीं करती, बल्कि उल्टा मुस्लिम समाज के लोगों के घरों पर बुलडोजर चलवा देती है.
भाजपा का पलटवार, “मौर्य के बयान से उनकी मानसिकता उजागर”
भाजपा नेताओं ने मौर्य के बयान को हिंदू आस्था पर हमला बताया. पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य हमेशा विवादित बयान देकर चर्चा में रहना चाहते हैं. कुछ नेताओं ने यहां तक कह दिया कि मौर्य का यह बयान सपा की “वोट बैंक राजनीति” का हिस्सा है, जो समाज में नफरत फैलाने की कोशिश है.
सपा की सफाई, “ये पार्टी का नहीं, व्यक्तिगत बयान”
सपा की ओर से सफाई दी गई कि मौर्य का बयान पार्टी की आधिकारिक लाइन नहीं है. प्रवक्ताओं ने कहा कि सपा सभी धर्मों और आस्थाओं का सम्मान करती है. वहीं मौर्य अपने बयान पर अडिग रहे और कहा कि “मैंने जो कहा, सच कहा. धर्म के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती.”
जनता में भी बंटा मत – सोशल मीडिया पर गरमाई बहस
इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स दो हिस्सों में बंट गए हैं. कुछ ने मौर्य का समर्थन करते हुए कहा कि धर्म के नाम पर हिंसा नहीं होनी चाहिए, वहीं कुछ ने इसे हिंदू भावनाओं पर चोट बताया. ट्विटर से लेकर फेसबुक तक “#SwamiPrasadMaurya” और “#JayShriRam” ट्रेंड करने लगे.
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