बिहार चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सिवान में असम के मुख्यमंत्री Himanta Biswa Sarma ने विवादित टिप्पणी कर दी। उन्होंने आरजेडी प्रत्याशी ओसामा शहाब पर निशाना साधते हुए कहा—“यह राम-सीता का देश है, लादेन का नहीं।” सरमा के इस बयान के बाद राजनीतिक माहौल गरम हो गया है।
जानिए पूरी जानकारी नीचे…
‘देश के हर ओसामा को खत्म करना है’ — Himanta Biswa Sarma का बयान
सिवान जिले के रघुनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “यह देश राम और सीता का है, ओसामा बिन लादेन जैसा किसी का वर्चस्व यहां नहीं चलेगा। देश के जितने भी ओसामा हैं, सबको एक-एक कर खत्म करना है।”
उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि उनकी हिंदी थोड़ी कमजोर है, लेकिन वे दिल से बोल रहे हैं। सरमा ने सभा में मौजूद जनता से बीजेपी प्रत्याशी को समर्थन देने की अपील की।
आरजेडी प्रत्याशी ओसामा शहाब पर सीधा निशाना
हालांकि हिमंत सरमा ने नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा स्पष्ट रूप से आरजेडी उम्मीदवार ओसामा शहाब की ओर था। ओसामा शहाब, पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे हैं और रघुनाथपुर सीट से चुनाव मैदान में हैं।
बीजेपी ने इस बयान को ‘राष्ट्रीय सुरक्षा और पहचान’ से जोड़कर पेश किया है, जबकि आरजेडी ने इसे ‘धार्मिक उकसावा’ बताया है।
‘राजेंद्र बाबू की कर्मभूमि, मां कामाख्या का आशीर्वाद’
सरमा ने अपने भाषण में बिहार की ऐतिहासिक भूमि की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि रघुनाथपुर वह जगह है जहां देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने काम किया था। उन्होंने असम की कामाख्या देवी का उल्लेख करते हुए कहा कि “मां का आशीर्वाद यहां भी बना रहे।”
बयान से गरम हुआ सियासी माहौल
इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने बीजेपी पर चुनावी माहौल को धार्मिक रंग देने का आरोप लगाया है। आरजेडी नेताओं का कहना है कि सरमा जानबूझकर समाज में विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि बीजेपी नेताओं ने इसे “राष्ट्रवादी विचार” बताया|
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