बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है, लेकिन मोकामा की जमीन से उठी गोलियों की गूंज ने राजनीतिक माहौल को तपा दिया है। ऐसे माहौल में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का सख्त बयान सामने आया है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि इस बार चुनाव में हिंसा या डर का कोई स्थान नहीं होगा। आयोग ने राज्यभर में सुरक्षा-व्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि हर मतदाता अपने वोट का इस्तेमाल बिना किसी भय के कर सके। ज्ञानेश कुमार ने कहा, “लोकतंत्र की ताकत जनता के हाथों में है, और उसकी रक्षा करना आयोग की जिम्मेदारी है।”
जीरो टॉलरेंस मोड पर आयोग, हर जिले में विशेष निगरानी टीम सक्रिय
मोकामा में हुए दुलारचंद यादव हत्याकांड के बाद आयोग ने कार्रवाई तेज कर दी है। जदयू प्रत्याशी की गिरफ्तारी के बाद यह मामला और भी संवेदनशील हो गया है, जिसे देखते हुए चुनाव आयोग ने राज्य के हर जिले में विशेष निगरानी टीम गठित की है। ये टीमें चुनाव-पूर्व गतिविधियों, हथियारों की आवाजाही, और असामाजिक तत्वों की हरकतों पर लगातार नजर रखेंगी। आयोग का कहना है कि किसी भी बूथ या इलाके में हिंसा का माहौल बनने से पहले ही उस पर रोक लगाने की योजना तैयार है।
ज्ञानेश कुमार ने अफसरों को निर्देश दिया है कि मतदान के दिन हर थाना क्षेत्र में सुरक्षा बल की पैनी निगरानी रहे और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत एक्शन लिया जाए। उन्होंने कहा, “चुनाव जनता का उत्सव है, डर का नहीं।”
निर्भय होकर करें मतदान – सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी: ज्ञानेश कुमार
मुख्य चुनाव आयुक्त ने राज्यवासियों से अपील करते हुए कहा कि वे पूरी निडरता और आत्मविश्वास के साथ मतदान करें। आयोग ने हर मतदाता को सुरक्षा की गारंटी दी है, ताकि कोई भी व्यक्ति दबाव या भय में आकर अपने अधिकार से वंचित न रहे। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रत्याशी या राजनीतिक कार्यकर्ता द्वारा हिंसा, धमकी या डराने-धमकाने की कोशिश पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
बिहार के इतिहास में कई बार चुनावी हिंसा की घटनाएं सुर्खियों में रहीं हैं, लेकिन इस बार आयोग का इरादा साफ है – “हिंसा की कोई भी गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है, और आयोग ने जनता से वादा किया है कि इस बार का चुनाव लोकतंत्र का असली पर्व साबित होगा – शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और भय-मुक्त।
READ MORE-‘जय श्रीराम’ और ‘बजरंग बली’ का नारा बना तोड़फोड़ का हथियार? स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से मचा बवाल!












