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110 या 210 नहीं… गाड़ी में तेल भरवाते वक्त भूलकर भी मत करें ये काम, पंप कर्मचारी ने बताया असली चालाकी

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पेट्रोल पंप पर जब भी लोग गाड़ी में फ्यूल भरवाते हैं, तो अक्सर 110, 210 या 310 रुपये का पेट्रोल मंगाने की आदत होती है। लोगों का मानना है कि ऐसे अजीबो-गरीब नंबरों पर पेट्रोल भरवाने से धोखाधड़ी नहीं होती और पंप कर्मचारी ट्रिक नहीं चला पाते। लेकिन क्या यह सच है? हाल ही में इंटरनेट पर वायरल एक वीडियो ने इस भ्रम को तोड़ दिया है।वीडियो में खुद एक पेट्रोल पंप कर्मचारी ने बताया कि ऐसे अंकों पर पेट्रोल भरवाने से किसी तरह का फायदा नहीं होता। बल्कि, जो लोग 110 या 210 का फ्यूल भरवाते हैं, वे अक्सर असली गलती कर बैठते हैं क्योंकि ध्यान नंबर पर रहता है, न कि पंप की मशीन या प्रक्रिया पर। यही वह जगह है जहां ग्राहक को सबसे ज्यादा नुकसान होता है।

पेट्रोल पंप कर्मचारी ने बताया, ऐसे पहचानें असली और नकली फ्यूल भरना

इस वायरल वीडियो में कर्मचारी ने बताया कि तेल सही तरीके से भरा गया है या नहीं, इसकी पहचान के दो सबसे आसान तरीके हैं। पहला तरीका — “मीटर रिसेट चेक”। पेट्रोल भरवाने से पहले हमेशा पंप का मीटर देख लें कि वह ‘0.00’ पर है या नहीं। अगर मीटर पहले से किसी नंबर पर दिख रहा है, तो तुरंत रुक जाएं और पंप अटेंडेंट से कहें कि पहले मीटर को जीरो करें।दूसरा तरीका — “नो-डिस्ट्रैक्शन रूल”। जब पंप अटेंडेंट पेट्रोल भरना शुरू करे, तब किसी भी सवाल या बातचीत में न उलझें। अक्सर कर्मचारी ध्यान भटकाने के लिए पूछते हैं—“कार्ड देंगे या कैश?”, “रसीद चाहिए?” आदि। इस दौरान मशीन से फ्यूल का फ्लो कुछ सेकंड के लिए रोक या चालू किया जा सकता है। यही वह समय होता है जब सबसे ज्यादा गड़बड़ी होती है।

छोटे अमाउंट में पेट्रोल भरवाना क्यों होता है नुकसानदायक

हर बार बहुत कम अमाउंट (जैसे 100 या 200 रुपये) का पेट्रोल भरवाने से आपको सटीक मात्रा नहीं मिल पाती। पंप की मशीनें माइक्रोलीटर लेवल पर मापती हैं, और छोटी मात्रा में अक्सर यह माप थोड़ी ऊपर-नीचे हो सकती है। यही कारण है कि बार-बार छोटे-छोटे अमाउंट में फ्यूल भरवाने से लंबे समय में नुकसान बढ़ जाता है।कर्मचारी का कहना है कि अगर संभव हो तो कम से कम 500 रुपये या उससे अधिक का फ्यूल एक बार में भरवाएं। इससे मशीन की माप ज्यादा सटीक होती है और धोखाधड़ी की संभावना बेहद कम रहती है। इसके अलावा, टैंक फुल करवाने के बाद हमेशा रसीद जरूर लें, जिससे भविष्य में शिकायत करने का आधार बन सके।

ये 2 बातें हमेशा याद रखें, तो नहीं होगा कभी नुकसान

वीडियो के अंत में पेट्रोल पंप कर्मचारी ने दो बातें साफ कही पहली, तेल भरवाने से पहले हमेशा मीटर को जीरो पर देखना न भूलें। दूसरी, फ्यूल भरवाते वक्त मोबाइल पर या बातचीत में ध्यान न लगाएं।इन दो बातों का ध्यान रखेंगे, तो धोखाधड़ी की कोई संभावना नहीं रहती। साथ ही, हमेशा भरोसेमंद और ब्रांडेड पेट्रोल पंप पर ही फ्यूल भरवाएं। रात या ऑफ-पीक समय में पेट्रोल भरवाना भी अच्छा माना जाता है, क्योंकि उस समय लाइनें छोटी होती हैं और कर्मचारी पर काम का दबाव कम होता है। तकनीक भले बढ़ गई हो, लेकिन सावधानी आज भी सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है। इसलिए अगली बार जब आप गाड़ी में तेल भरवाने जाएं, तो 110 या 210 का जादू भूल जाएं — बस ये दो नियम याद रखें और निश्चिंत होकर ड्राइव करें।READ MORE-दिल्ली ब्लास्ट के जिम्मेदारों का होगा हिसाब, अमित शाह ने खुफिया अधिकारियों संग की गहरी मीटिंग

बेटे की PUBG लत बनी मां की मौत की वजह… झांसी में दर्दनाक घटना ने झकझोरा देश

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झांसी से आई यह खबर देश को हिला देने वाली है। 13 साल के बच्चे की PUBG की लत ने उसकी मां की जिंदगी ही खत्म कर दी। जानकारी के मुताबिक, महिला अपने बेटे को दिनभर गेम खेलते देखकर परेशान रहती थी। उसने कई बार उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन हर बार बच्चा बात मानने के बजाय गुस्सा करने लगता था। घर के माहौल में तनाव बढ़ता गया और आखिरकार महिला ने खुदकुशी जैसा बड़ा कदम उठा लिया।स्थानीय लोगों का कहना है कि महिला अपने बेटे की पढ़ाई और भविष्य को लेकर चिंतित थी। वो चाहती थी कि बेटा मोबाइल छोड़कर स्कूल और पढ़ाई पर ध्यान दे, मगर गेम के चक्कर में लड़का हर बात को अनसुना करने लगा। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।पड़ोसियों के अनुसार, बीते कुछ महीनों से बच्चे की PUBG की लत काफी बढ़ गई थी। वह स्कूल से लौटते ही घंटों मोबाइल पर गेम खेलता रहता था। मां उसे डांटती, तो वह गुस्से में चीजें फेंक देता। घर का माहौल धीरे-धीरे तनावपूर्ण हो गया था। कई बार पिता ने भी दखल देने की कोशिश की, लेकिन कोई असर नहीं पड़ा। घटना वाले दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ। महिला ने बेटे को फिर से पढ़ाई के लिए कहा, मगर वह कमरे में जाकर गेम खेलने लगा। बताया जा रहा है कि इसी बात से परेशान होकर महिला ने गुस्से और दुख में फांसी लगा ली। जब परिवार के बाकी सदस्य लौटे तो सबकुछ खत्म हो चुका था।यह कोई पहला मामला नहीं है जब ऑनलाइन गेम की लत ने किसी परिवार को तोड़ा हो। हाल के वर्षों में कई राज्यों से ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जहां बच्चे गेम में इतने खो गए कि पढ़ाई, रिश्ते और मानसिक संतुलन तक बिगड़ गया। झांसी की यह घटना फिर से याद दिलाती है कि कैसे डिजिटल दुनिया में अंधी भागदौड़ ने मानवीय रिश्तों को कमजोर कर दिया है। पुलिस ने फिलहाल मामले में जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, किसी प्रकार की साजिश या बाहरी दबाव की बात सामने नहीं आई है। पर सवाल यह उठता है कि आखिर ऑनलाइन गेम्स के इस बढ़ते जाल से बच्चों को कैसे बचाया जाए? शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि स्कूल और परिवार दोनों को मिलकर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा। सरकारें भले ही समय-समय पर PUBG जैसे गेम्स पर प्रतिबंध लगाती हैं, लेकिन नए नामों और वर्ज़न के साथ ये गेम्स फिर लौट आते हैं।

, लोग बोले– “गेम नहीं, लत ने छीनी मां”

घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने गुस्सा और दुख दोनों जाहिर किया है। कई यूजर्स ने लिखा कि “PUBG ने एक मां को हमसे छीन लिया, लेकिन असली दोषी हमारी चुप्पी है।” लोगों का कहना है कि आज हर घर में बच्चे मोबाइल में खोए रहते हैं और माता-पिता लाचार हो चुके हैं।यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कितना और कैसे होना चाहिए। मनोरंजन की सीमाएं जब लत में बदल जाती हैं, तो उसका नतीजा विनाश ही होता है।Raed more-‘हर कश्मीरी आतंकी नहीं…’ दिल्ली ब्लास्ट पर सीएम उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान! बोले- किसी बेगुनाह को…

भोजपुरी स्टार पवन सिंह की पत्नी पर FIR! चुनाव से पहले छापेमारी में क्या मिला जो मच गया बवाल?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच भोजपुरी सिनेमा के मशहूर अभिनेता और गायक पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह पर FIR दर्ज होने से सियासी गलियारों में हलचल मच गई है। मामला कराकत विधानसभा क्षेत्र का बताया जा रहा है, जहां आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में पुलिस ने कार्रवाई की है। चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद प्रशासन ने देर रात होटल में छापा मारा और कई अनियमितताएं पकड़ीं। बताया जा रहा है कि होटल के कमरे में बाहरी लोग मौजूद थे और कुछ गाड़ियां भी नियमों का उल्लंघन करती पाई गईं।स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के समय ज्योति सिंह अपने कुछ समर्थकों के साथ होटल में मौजूद थीं। प्रशासन का कहना है कि यह चुनाव आयोग के नियमों के खिलाफ है क्योंकि प्रचार अवधि समाप्त होने के बाद किसी भी उम्मीदवार या उनके प्रतिनिधि को क्षेत्र में इस तरह की गतिविधि की अनुमति नहीं होती। इसके बाद तत्काल केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई।

होटल में देर रात छापेमारी, रजिस्टर और वाहनों में मिली गड़बड़ी

कराकत के एसडीएम और रिटर्निंग ऑफिसर की टीम ने यह कार्रवाई उस वक्त की जब पूरे इलाके में शांति व्यवस्था की निगरानी की जा रही थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि एक होटल में चुनाव से जुड़ी गतिविधियां चल रही हैं। टीम जब मौके पर पहुंची तो होटल का रजिस्टर सही तरीके से भरा नहीं मिला। कई वाहनों के परमिट एक्सपायर थे और एक वाहन पर चुनावी सामग्री मिलने का भी दावा किया गया है।अधिकारियों का कहना है कि सबूतों के आधार पर FIR दर्ज की गई है और अब मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। प्रशासन यह भी पता लगाने में जुटा है कि होटल में ठहरे लोगों का चुनाव से क्या संबंध था और क्या किसी राजनीतिक उद्देश्य से वहां ठहराया गया था।

ज्योति सिंह का पलटवार

FIR दर्ज होने के बाद ज्योति सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह सब “राजनीतिक साजिश” के तहत किया गया है। उनका दावा है कि प्रशासन ने बिना महिला पुलिसकर्मी के कमरे की तलाशी ली, जो नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि वे निर्दोष हैं और केवल विरोधियों के इशारे पर उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है।उन्होंने आगे कहा, “मैंने हमेशा नियमों का पालन किया है। होटल में मैं अपने परिवार और कुछ सहयोगियों के साथ थी। न कोई चुनावी बैठक थी, न किसी तरह की अवैध गतिविधि।” ज्योति सिंह ने यह भी कहा कि वह इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेंगी और अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती देंगी।

पवन सिंह ने तोड़ी चुप्पी

भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह, जो इस वक्त अपने फिल्मी प्रोजेक्ट्स और राजनीतिक रुख दोनों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं, ने अपनी पत्नी के पक्ष में आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि ज्योति सिंह को जानबूझकर निशाना बनाया गया है ताकि कराकत क्षेत्र में उनके समर्थकों का मनोबल गिराया जा सके।पवन सिंह ने कहा, “मेरी पत्नी ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। उन्होंने मेहनत से लोगों का विश्वास जीता, लेकिन विरोधी दल उनकी लोकप्रियता से डर गए हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस मामले को वह अदालत तक लेकर जाएंगे ताकि सच सामने आ सके।
चुनाव आयोग की नजर
इस घटना के बाद पूरा कराकत इलाका चर्चा में है। प्रशासन ने बताया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच टीम गठित कर दी गई है। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या किसी अन्य उम्मीदवार या पार्टी से जुड़े लोगों का भी इसमें हाथ है।चुनाव आयोग ने भी इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि यदि किसी तरह का आचार संहिता उल्लंघन पाया गया तो सख्त कार्रवाई होगी। फिलहाल ज्योति सिंह और उनके समर्थक न्याय की मांग कर रहे हैं, वहीं विपक्षी दल इसे “कानून का सही इस्तेमाल” बता रहे हैं।
जनता की नजरें अब अगले कदम पर
इस मामले ने न सिर्फ बिहार की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है बल्कि भोजपुरी फिल्म जगत में भी चर्चा का माहौल गर्म है। पवन सिंह के फैन और ज्योति सिंह के समर्थक सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट कर रहे हैं। कुछ लोग इसे “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” बता रहे हैं, तो कुछ प्रशासन की सख्ती को सही ठहरा रहे हैं।अब सभी की निगाहें जांच रिपोर्ट और आगामी सुनवाई पर टिकी हैं। क्या यह मामला सिर्फ एक प्रशासनिक कार्रवाई भर है या चुनावी साजिश का हिस्सा? इसका जवाब आने वाले दिनों में तय करेगा कि बिहार की राजनीति किस मोड़ पर जाएगी।READ MORE-दिल्ली ब्लास्ट के जिम्मेदारों का होगा हिसाब, अमित शाह ने खुफिया अधिकारियों संग की गहरी मीटिंग

‘हर कश्मीरी आतंकी नहीं…’ दिल्ली ब्लास्ट पर सीएम उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान! बोले- किसी बेगुनाह को…

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दिल्ली में हुए धमाके ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस हमले के बाद जब जांच एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर कनेक्शन की बात कही, तो सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस मामले पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “किसी एक घटना के आधार पर पूरे राज्य या समुदाय को बदनाम करना गलत है।” उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं और जल्द ही सच्चाई सामने आएगी। लेकिन इस बीच कश्मीरियों के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिशें खतरनाक हैं। उनका बयान सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है।जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “दिल्ली ब्लास्ट एक जघन्य आतंकी हमला है, लेकिन यह कहना कि हर कश्मीरी इस साजिश का हिस्सा है, बेहद गैरजिम्मेदाराना है। जम्मू-कश्मीर के लोग आतंकवाद से सबसे ज्यादा पीड़ित रहे हैं, न कि उसके समर्थक।”उन्होंने आगे कहा कि ऐसे वक्त में देश को एकजुटता और विवेक की जरूरत है, न कि शक और विभाजन की। उमर अब्दुल्ला ने जांच एजेंसियों से अपील की कि दोषियों को सजा जरूर मिले, लेकिन किसी बेगुनाह को न फंसाया जाए।उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब जांच एजेंसियां दिल्ली ब्लास्ट के सिलसिले में कुछ संदिग्धों को जम्मू और श्रीनगर से पूछताछ के लिए दिल्ली ला रही हैं।

कश्मीर से दिल्ली तक बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी

दिल्ली ब्लास्ट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे कश्मीर कनेक्शन की चर्चा ने राजनीतिक माहौल गर्मा दिया है। कुछ विपक्षी नेताओं ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि आतंकी घटनाओं को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।वहीं उमर अब्दुल्ला ने साफ कहा कि “हम आतंकवाद के खिलाफ हैं और रहेंगे। लेकिन कश्मीरियों को शक की नजर से देखना बंद कीजिए। यह देश का हिस्सा हैं, दुश्मन नहीं।” उन्होंने मीडिया से भी जिम्मेदारी निभाने की अपील की, ताकि गलत सूचनाओं से लोगों में डर या नफरत न फैले।दिल्ली ब्लास्ट में इस्तेमाल की गई कार और विस्फोटक सामग्री को लेकर कई अहम सुराग मिले हैं। शुरुआती जांच में कुछ फोन कॉल्स और फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन जम्मू-कश्मीर से जुड़े बताए जा रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियां अब इन सुरागों के आधार पर आतंकी नेटवर्क की कड़ी जोड़ने में लगी हैं। NIA और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीम श्रीनगर, अनंतनाग और पुलवामा में लगातार छापेमारी कर रही है। हालांकि अब तक किसी ठोस आतंकी संगठन की जिम्मेदारी की पुष्टि नहीं हुई है। एजेंसियां सोशल मीडिया अकाउंट्स और बैंक डिटेल्स की जांच कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि फंडिंग और प्लानिंग कहां से हुई थी।जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला बोले — “दोषियों को सजा मिले, लेकिन निर्दोषों को न सताया जाए” उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार हर संभव तरीके से केंद्र और सुरक्षा एजेंसियों की मदद करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया, “हम चाहते हैं कि दिल्ली ब्लास्ट के पीछे जो भी हैं, उन्हें सख्त से सख्त सजा मिले। लेकिन यह भी जरूरी है कि निर्दोषों को न सताया जाए। हर जांच सबूतों पर आधारित होनी चाहिए, अफवाहों पर नहीं।”]उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं देश को तोड़ने के लिए की जाती हैं, और हमें मिलकर उन्हें नाकाम करना होगा। उमर अब्दुल्ला ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि राजनीतिक मतभेदों को किनारे रखकर देश की सुरक्षा के लिए एक साथ खड़े हों।

सोशल मीडिया पर मिला समर्थन, कुछ ने उठाए सवाल

उमर अब्दुल्ला के बयान को सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। कई लोगों ने उनकी बात का समर्थन करते हुए लिखा कि “हर कश्मीरी आतंकी नहीं होता, बल्कि आतंक का सबसे बड़ा शिकार वही हैं।”वहीं कुछ यूजर्स ने सवाल उठाए कि जब भी कोई आतंकी घटना होती है, तब ऐसे बयान क्यों दिए जाते हैं जो जांच से पहले ही एक धारणा बना देते हैं। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि उमर अब्दुल्ला का यह बयान तनाव कम करने और कश्मीरियों के खिलाफ बढ़ते पूर्वाग्रह को रोकने की दिशा में जरूरी कदम है।दिल्ली ब्लास्ट के बाद देशभर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रेलवे स्टेशन, मेट्रो, एयरपोर्ट और भीड़भाड़ वाले इलाकों में हाई अलर्ट जारी है। खुफिया एजेंसियों को इस बात की जानकारी मिली है कि आतंकी संगठन किसी बड़े हमले की साजिश रच सकते हैं।कश्मीर में भी सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है और सीमावर्ती इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने तक किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।फिलहाल पूरे देश की नजर अब NIA और दिल्ली पुलिस की संयुक्त जांच रिपोर्ट पर है, जो आने वाले कुछ दिनों में सामने आ सकती है। रिपोर्ट में यह खुलासा हो सकता है कि धमाके की साजिश कहां रची गई, कौन लोग इसमें शामिल थे और किन राज्यों से इसका नेटवर्क जुड़ा था। वहीं उमर अब्दुल्ला का बयान अब इस मुद्दे को सिर्फ जांच नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय विमर्श का हिस्सा बना चुका है—कि क्या हर बार कश्मीर को शक के घेरे में रखना वाजिब है?Read more-IND vs SA 1st Test: कोलकाता की पिच पर स्पिनरों का जलवा या तेज गेंदबाजों का कहर? भारत की संभावित प्लेइंग XI में बड़ा सरप्राइज!

दिल्ली ब्लास्ट के जिम्मेदारों का होगा हिसाब, अमित शाह ने खुफिया अधिकारियों संग की गहरी मीटिंग

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गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली के किले क्षेत्र में हुए ब्लास्ट मामले में गहरी समीक्षा बैठक की। यह बैठक उच्चस्तरीय खुफिया अधिकारियों के साथ हुई, जिसमें दिल्ली ब्लास्ट के पीछे की साजिश को जल्द से जल्द उजागर करने की दिशा में निर्णायक कदम उठाने पर जोर दिया गया। इस मीटिंग के दौरान यह तय किया गया कि हर पहलू की जांच गहराई से की जाएगी, ताकि ब्लास्ट के जिम्मेदार लोगों तक पहुंचने में कोई कोताही न हो। इन घटनाओं के बाद देश भर में चिंता का माहौल है, और सरकार ने इसे लेकर सख्त रुख अपनाया है।

अहमदाबाद दौरे को रद्द कर अमित शाह ने दिल्ली की सुरक्षा स्थिति की की समीक्षा

गृह मंत्री अमित शाह का गुजरात का निर्धारित दौरा, जिसमें उन्हें अहमदाबाद फूड फेस्टिवल और अहमदाबाद इंटरनेशनल बुक फेस्टिवल 2025 का उद्घाटन करना था, अचानक रद्द कर दिया गया। इस बदलाव का कारण दिल्ली में हुई इस गंभीर घटना की बढ़ती जांच और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा है। माना जा रहा है कि इस घटनाक्रम ने केंद्र सरकार को सतर्क कर दिया है और गृह मंत्रालय ने पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सख्त करने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, अमित शाह की यह बैठक यह सुनिश्चित करने के लिए थी कि दिल्ली ब्लास्ट की जांच में कोई भी पहलू छूटे नहीं और संदिग्धों का पकड़ा जाना सुनिश्चित हो।

देशभर में बढ़ी सुरक्षा चिंता, गृह मंत्री ने खुफिया एजेंसियों के साथ की खुफिया जानकारी साझा

इस मीटिंग में अमित शाह ने खुफिया अधिकारियों के साथ उस खुफिया जानकारी को साझा किया, जो पिछले कुछ दिनों में विभिन्न एजेंसियों द्वारा इकट्ठा की गई थी। इस बैठक में विभिन्न संभावनाओं पर चर्चा हुई, जिसमें आतंकी संगठनों के संबंध में जानकारी और उनके संभावित निशाने पर चर्चा की गई। गृह मंत्रालय के उच्च अधिकारियों ने संकेत दिया कि सरकार इस मामले में पूरी गंभीरता से काम कर रही है, और जल्द ही इस ब्लास्ट से जुड़े सभी रहस्यों का पर्दाफाश कर लिया जाएगा।Read more-निर्मला सीतारमण के फर्जी साइन से बुजुर्ग महिला को भेजा गिरफ्तारी वारंट, 99 लाख रुपये उड़ गए! जानिए कैसे हुआ पूरा फ्रॉड

फोटो लिए जा रहे हो, शर्म नहीं आती?” धर्मेंद्र के घर के बाहर पैपराजी पर फूट पड़े सनी देओल, गुस्से में कहा कुछ ऐसा कि सब रह गए हैरान

बॉलीवुड अभिनेता और सांसद सनी देओल हाल ही में मुंबई में अपने पिता धर्मेंद्र के घर के बाहर स्पॉट किए गए। आमतौर पर शांत और संयमित रहने वाले सनी इस बार बेहद गुस्से में दिखे। बताया जा रहा है कि जब वह अपने पिता से मिलने पहुंचे, तो बाहर खड़े पैपराजी लगातार उनकी तस्वीरें खींच रहे थे। पहले तो सनी ने नजरअंदाज किया, लेकिन कुछ सेकंड बाद उन्होंने अपना धैर्य खो दिया और गुस्से में कह दिया। “फोटो लिए जा रहे हो, शर्म नहीं आती?” इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।करीबी सूत्रों के मुताबिक, सनी देओल इन दिनों निजी कारणों से कुछ तनाव में हैं। पिछले कुछ दिनों से उनके पिता धर्मेंद्र की तबीयत में उतार-चढ़ाव चल रहा था, जिस कारण वह अचानक घर पहुंचे थे। लेकिन जैसे ही मीडिया कैमरे ऑन हुए, सनी को यह पसंद नहीं आया कि निजी पल में भी उन्हें घेर लिया गया। एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने पैपराजी से कहा कि “हर चीज़ की फोटो लेनी जरूरी नहीं होती, कभी-कभी इंसान को वक्त चाहिए होता है।”

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

सनी देओल के इस रवैये पर सोशल मीडिया यूजर्स दो हिस्सों में बंट गए हैं। एक वर्ग का कहना है कि सनी देओल ने सही किया क्योंकि किसी की निजता में दखल देना गलत है। वहीं, दूसरा वर्ग यह कह रहा है कि पैपराजी सिर्फ अपना काम कर रहे थे और सनी को थोड़ी संयम बरतनी चाहिए थी। X (पूर्व ट्विटर) और इंस्टाग्राम पर यह वीडियो कुछ ही घंटों में लाखों बार देखा जा चुका है। कुछ फैंस ने लिखा कि “सनी पाजी वैसे भी इमोशनल इंसान हैं, उन्हें शांत छोड़ देना चाहिए।”

पहले भी पैपराजी से उलझ चुके हैं सनी

यह पहली बार नहीं है जब सनी देओल मीडिया के कैमरों पर नाराज हुए हों। कुछ महीने पहले भी एयरपोर्ट पर उनकी एक क्लिप वायरल हुई थी, जहां उन्होंने एक फोटोग्राफर को कैमरा नीचे रखने के लिए कहा था। सनी देओल, जो अपनी गंभीर छवि और कम बोलने के लिए जाने जाते हैं, अक्सर कैमरे से दूर रहना पसंद करते हैं। हालांकि, ‘गदर 2’ की सफलता के बाद उन्होंने मीडिया से काफी खुले अंदाज में बातचीत शुरू की थी, लेकिन लगता है कि इस बार कुछ निजी कारणों ने उनके धैर्य को तोड़ दिया। इस घटना के बाद धर्मेंद्र या उनके परिवार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, सनी के छोटे भाई बॉबी देओल ने स्थिति को शांत कराने की कोशिश की और मीडिया से दूरी बनाए रखने की सलाह दी। देओल परिवार हमेशा से मीडिया के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध रखता आया है, लेकिन जब बात निजी जीवन की होती है, तो ये परिवार अपनी प्राइवेसी को लेकर बेहद सतर्क रहता है।
नेटिज़न्स बोले — “सनी देओल भी इंसान हैं”
जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, हजारों यूजर्स ने सनी देओल का समर्थन किया। कई लोगों ने लिखा कि “सेलिब्रिटीज़ भी इंसान हैं, हर वक्त कैमरे के सामने रहना आसान नहीं।” वहीं कुछ लोगों ने पैपराजी की हरकतों पर सवाल उठाते हुए कहा कि “कभी-कभी मीडिया को भी सीमाएं समझनी चाहिए।” कई फैंस ने पुराने दौर की याद दिलाते हुए कहा कि सनी देओल हमेशा से सीधे-सादे और भावनात्मक इंसान रहे हैं, इसलिए उनके गुस्से को गलत न समझा जाए।बावजूद इसके कि यह घटना चर्चा में है, सनी देओल अब अपने अगले बड़े प्रोजेक्ट की तैयारी में जुटे हुए हैं। खबर है कि वह जल्द ही एक एक्शन-ड्रामा फिल्म में नजर आएंगे, जिसकी शूटिंग अगले महीने से शुरू होने वाली है। साथ ही, ‘गदर 3’ को लेकर भी चर्चाएं तेज हैं। सूत्रों का कहना है कि सनी इस बार कहानी को और भी बड़े पैमाने पर लाना चाहते हैं, लेकिन अभी इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।सनी देओल की इस घटना ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि सेलिब्रिटीज़ की निजता कहां खत्म होती है और मीडिया की जिम्मेदारी कहां शुरू होती है। बॉलीवुड में पहले भी कई सितारे जैसे रणबीर कपूर, आलिया भट्ट और सैफ अली खान अपनी निजी जिंदगी में कैमरों की दखलंदाजी पर नाराजगी जता चुके हैं। यह मामला भी अब उसी विवाद की एक नई कड़ी बनता जा रहा है।Read more-BSNL का नया मास्टरस्ट्रोक: सिर्फ ₹1499 में 1 साल की फ्री कॉलिंग और रोज 2GB डेटा, 60+ यूजर्स के लिए खास प्लान

IND vs SA 1st Test: कोलकाता की पिच पर स्पिनरों का जलवा या तेज गेंदबाजों का कहर? भारत की संभावित प्लेइंग XI में बड़ा सरप्राइज!

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच शुक्रवार से कोलकाता के ईडन गार्डन्स में पहला टेस्ट मैच खेला जाएगा। यह मैच भारत के लिए बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि इस सीरीज़ के जरिए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के अंक दांव पर होंगे। कप्तान शुभमन गिल की अगुआई में टीम इंडिया नए कॉम्बिनेशन के साथ मैदान में उतर सकती है। कोचिंग स्टाफ और चयनकर्ताओं ने हालिया घरेलू सीरीज़ के प्रदर्शन को ध्यान में रखकर टीम तैयार की है। सबसे बड़ा सस्पेंस यह बना हुआ है कि क्या भारत तीन स्पिनरों के साथ मैदान में उतरेगा या अतिरिक्त तेज गेंदबाज को मौका मिलेगा।ईडन गार्डन्स की पिच को देखते हुए टीम इंडिया मैनेजमेंट तीन स्पिनरों को खिलाने के मूड में है। रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव और वॉशिंगटन सुंदर को लेकर रणनीति लगभग तय मानी जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में कोलकाता की पिच ने स्पिनर्स को काफी मदद दी है। खासकर चौथे और पांचवें दिन गेंद तेजी से टर्न करती है। इस कारण अक्षर पटेल को इस मैच में बाहर बैठना पड़ सकता है। टीम सूत्रों के अनुसार, वॉशिंगटन सुंदर की ऑलराउंड क्षमता और ऑफ स्पिन विकल्प के चलते उन्हें प्राथमिकता दी गई है।

तेज गेंदबाजों में बुमराह-सिराज की जोड़ी

जहां स्पिन विभाग में भारत के पास कई विकल्प हैं, वहीं तेज गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज की जोड़ी तय मानी जा रही है। इन दोनों ने हालिया टेस्ट सीरीज़ में शानदार गेंदबाजी की थी। कोच राहुल द्रविड़ का मानना है कि शुरुआती सत्र में पिच पर हल्की नमी का फायदा तेज गेंदबाजों को मिल सकता है। इसके चलते भारत दो पेसर और तीन स्पिनर्स के साथ बैलेंस्ड अटैक के रूप में उतरेगा।टीम इंडिया की बल्लेबाजी में यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल की जोड़ी ओपनिंग करती नजर आएगी। दोनों खिलाड़ियों ने हालिया घरेलू सीरीज़ में शानदार फॉर्म दिखाई है। तीसरे नंबर पर साई सुदर्शन को मौका मिलने की संभावना है, जिन्होंने इंडिया ए टीम के लिए लगातार रन बनाए हैं। शुभमन गिल इस मैच में कप्तानी की भूमिका निभाएंगे और चौथे नंबर पर उतरेंगे। मध्यक्रम में ऋषभ पंत विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में वापसी कर चुके हैं, जबकि ध्रुव जुरेल को भी टीम में फिनिशर रोल दिया जा सकता है।

भारत की संभावित प्लेइंग 11

1. यशस्वी जायसवाल 2. केएल राहुल 3. साई सुदर्शन 4. शुभमन गिल (कप्तान) 4. ऋषभ पंत (विकेटकीपर) 6. ध्रुव जुरेल 7. रवींद्र जडेजा 8. वॉशिंगटन सुंदर 9. कुलदीप यादव 10. जसप्रीत बुमराह 11. मोहम्मद सिराजBCCI ने पुष्टि की है कि ऑलराउंडर नितीश कुमार रेड्डी पहले टेस्ट के लिए उपलब्ध नहीं होंगे। उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान हैमस्ट्रिंग इंजरी हुई थी और टीम मैनेजमेंट ने उन्हें आराम देने का फैसला किया है। उनकी जगह वॉशिंगटन सुंदर को शामिल किया गया है, जो हाल ही में घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं।

साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत का मजबूत रिकॉर्ड

भारत का घरेलू मैदान पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ रिकॉर्ड काफी शानदार रहा है। पिछले दस टेस्ट मुकाबलों में भारत ने सात में जीत दर्ज की है। खास बात यह है कि कोलकाता के मैदान पर दोनों टीमों के बीच आखिरी बार 2010 में टेस्ट हुआ था, जिसमें भारत ने शानदार पारी से जीत दर्ज की थी। इस बार भी कप्तान शुभमन गिल और उनके साथी उसी प्रदर्शन को दोहराने की कोशिश करेंगे।’मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोच गौतम गंभीर ने कहा, “कोलकाता की परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं, खासकर दूसरी पारी में। हमारी टीम इस बार रणनीति पर ज्यादा ध्यान दे रही है। बल्लेबाजों को धैर्य के साथ खेलना होगा और गेंदबाजों को सटीक लाइन-लेंथ बनाए रखनी होगी।” उन्होंने यह भी संकेत दिया कि टीम इस बार विकेटों के बीच रनिंग और फील्डिंग पर ज्यादा ध्यान दे रही है।फिलहाल क्रिकेट फैंस के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या तीन स्पिनर वाली भारतीय रणनीति कारगर साबित होगी। अगर कोलकाता की पिच शुरू से टर्न नहीं देती, तो यह फैसला उल्टा भी पड़ सकता है। लेकिन अगर स्पिनर्स को मदद मिली, तो जडेजा, कुलदीप और सुंदर की तिकड़ी साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजों के लिए मुसीबत बन सकती है। अब देखना यह है कि शुक्रवार सुबह शुभमन गिल टॉस के बाद क्या रणनीति अपनाते हैं।Read more-पाकिस्तान में फिर मंडराया आतंकी खतरा! श्रीलंकाई टीम की सुरक्षा बढ़ाई गई, स्टेडियम पहुंचे गृहमंत्री नकवी ने खुद लिया जायजा

गीजर-हीटर चलाओ बेझिझक! बस अपनाओ ये स्मार्ट Tricks, बिजली का बिल हो जाएगा आधा

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सर्दियों का मौसम आते ही गीजर, रूम हीटर और ब्लोअर का इस्तेमाल बढ़ जाता है, जिससे बिजली का बिल कई गुना तक बढ़ जाता है। आमतौर पर घरों में इन उपकरणों की लगातार चालू रहने की वजह से बिजली की खपत तेजी से बढ़ती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ छोटे-छोटे बदलाव और ट्रिक्स अपनाकर आप बिल को लगभग 40 से 50 प्रतिशत तक घटा सकते हैं? विशेषज्ञों का कहना है कि घरेलू बिजली बचत सिर्फ उपकरण बंद करने से नहीं बल्कि स्मार्ट उपयोग से संभव है।

गीजर और हीटर के इस्तेमाल में करें ये पांच बदलाव

सबसे पहले बात करते हैं गीजर की। अधिकतर लोग सुबह गीजर को 20-25 मिनट तक ऑन रख देते हैं, जबकि सिर्फ 10 मिनट में पानी पर्याप्त गर्म हो जाता है। अधिक देर तक गीजर चलाने से बिजली की खपत दोगुनी हो जाती है। इसलिए टाइमर वाला गीजर या स्मार्ट प्लग का उपयोग करें, जिससे गीजर अपने-आप तय समय बाद बंद हो जाए। वहीं, हीटर के मामले में कोशिश करें कि कम वॉटेज वाले ऑयल हीटर या PTC हीटर का उपयोग करें। यह पारंपरिक कॉइल हीटर की तुलना में 30% कम बिजली खपत करते हैं। साथ ही, कमरे के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें ताकि गर्मी बाहर न निकले। इससे हीटर कम समय में कम बिजली में कमरे को गर्म कर देगा।

स्मार्ट मीटर और LED बल्ब से करें लंबी बचत

आजकल बाजार में ऐसे स्मार्ट मीटर और स्मार्ट सॉकेट उपलब्ध हैं जो आपके बिजली उपयोग की रियल टाइम रिपोर्ट देते हैं। इनसे आप देख सकते हैं कि कौन सा उपकरण सबसे ज्यादा बिजली खा रहा है। वहीं, अगर आपने अब तक LED बल्ब नहीं लगाए हैं तो यह बदलाव तुरंत करें। पुराने बल्बों की तुलना में LED 80% तक बिजली बचाते हैं। साथ ही, पंखे, टीवी और रेफ्रिजरेटर जैसे उपकरणों के लिए ‘स्टार रेटेड’ विकल्प चुनें। जितने ज्यादा स्टार, उतनी ज्यादा ऊर्जा बचत। सरकार द्वारा जारी ‘BEE Star Rating’ इस दिशा में भरोसेमंद पैमाना है।

रोजमर्रा की आदतें बदलें, बिजली का बिल खुद घटेगा

कई बार बिजली बचत उपकरणों से ज्यादा हमारी आदतों पर निर्भर करती है। मोबाइल चार्जर को लगातार प्लग में लगाए रखना, टीवी को स्टैंडबाय पर छोड़ना और वॉशिंग मशीन को आधे कपड़ों के साथ चलाना — ये सभी छोटी-छोटी गलतियां बिजली का बिल बढ़ा देती हैं। एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को इस्तेमाल के बाद पूरी तरह बंद करें। वॉशिंग मशीन और इस्त्री जैसे उपकरणों को पीक ऑवर्स (सुबह 9 से 11 और शाम 6 से 9 बजे) में उपयोग करने से बचें। इन समयों में बिजली दरें अधिक होती हैं।
सोलर और इन्वर्टर से भी मिल सकती है बड़ी राहत
अगर आपके घर की छत पर पर्याप्त जगह है तो छोटे सोलर पैनल लगवाना एक बेहतरीन निवेश साबित हो सकता है। यह शुरुआती खर्च में थोड़ा महंगा है, लेकिन लंबे समय में बिजली का बिल लगभग 60% तक घटा सकता हैREAD MORE-रेगिस्तान की रात में जब आत्माएँ नाचती हैं: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बोत्सवाना दौरे से खुला कालाहारी का रहस्य

BSNL का नया मास्टरस्ट्रोक: सिर्फ ₹1499 में 1 साल की फ्री कॉलिंग और रोज 2GB डेटा, 60+ यूजर्स के लिए खास प्लान

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सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने इस दिवाली बुजुर्गों के लिए एक खास तोहफा पेश किया है. जहां बाकी कंपनियां अपने ऑफर से युवाओं और GenZ ग्राहकों को आकर्षित करने में लगी हैं, वहीं BSNL ने घर के ‘मुखिया’ यानी सीनियर सिटिजन्स को टारगेट करते हुए एक नया प्लान लॉन्च किया है. कंपनी ने इसे “BSNL Samman Plan” नाम दिया है, जो विशेष रूप से 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नागरिकों के लिए बनाया गया है. इस प्लान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह 365 दिन की वैलिडिटी के साथ आता है और इसमें यूजर्स को हर दिन 2GB डेटा के साथ अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा दी गई है.

पूरे साल डेटा और कॉलिंग अनलिमिटेड

BSNL के इस नए Samman Plan में यूजर्स को केवल कम दाम में बड़ा फायदा मिलेगा. प्लान की कीमत लगभग ₹1499 रखी गई है (राज्य के अनुसार थोड़ी भिन्नता हो सकती है). इसमें 365 दिन की वैधता के साथ रोज 2GB हाई-स्पीड डेटा, उसके बाद 40Kbps की स्पीड से अनलिमिटेड इंटरनेट मिलता रहेगा. इसके अलावा, यूजर्स को देशभर में किसी भी नेटवर्क पर अनलिमिटेड कॉलिंग, 100 SMS प्रति दिन, और BSNL Tunes जैसी एक्स्ट्रा सुविधाएं भी दी जा रही हैं.कंपनी ने कहा है कि यह प्लान खासतौर पर उन बुजुर्गों के लिए बनाया गया है जो अपने परिवार से जुड़े रहना चाहते हैं, लेकिन हर महीने रिचार्ज कराने की झंझट से बचना चाहते हैं.

केवल नए ग्राहकों के लिए उपलब्ध

BSNL ने यह स्पष्ट किया है कि यह ऑफर केवल नए कनेक्शन लेने वाले सीनियर सिटिजन्स के लिए उपलब्ध है. यानी अगर आपकी उम्र 60 वर्ष या उससे ज्यादा है और आप BSNL में नया सिम लेना चाहते हैं, तो यह प्लान आपके लिए एकदम परफेक्ट साबित हो सकता है. इसका उद्देश्य बुजुर्गों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना और उन्हें सस्ती, स्थिर कनेक्टिविटी मुहैया कराना है. साथ ही, कंपनी ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस प्लान को प्रमोट कर रही है ताकि हर उम्र के लोगों को बेहतर नेटवर्क सेवा मिल सके.BSNL के अधिकारियों ने बताया कि आने वाले महीनों में इस तरह के और भी स्पेशल टैरिफ लाए जाएंगे जो वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों और किसानों जैसे वर्गों के लिए होंगे.

Airtel, Jio और Vi को BSNL से नई चुनौती

BSNL के इस कदम ने निजी कंपनियों के लिए भी नई चुनौती खड़ी कर दी है. फिलहाल Airtel और Jio के वार्षिक प्लान 2GB प्रतिदिन के हिसाब से ₹2999 से ₹3599 तक में आते हैं. ऐसे में BSNL का ₹1499 वाला वार्षिक Samman Plan बाजार में सबसे सस्ता विकल्प बनकर उभरा है.टेलीकॉम एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर BSNL आने वाले महीनों में 4G और 5G नेटवर्क विस्तार पर फोकस रखती है, तो इस तरह के प्लान कंपनी की री-एंट्री को मजबूत कर सकते हैं. दूसरी ओर, यूजर्स सोशल मीडिया पर इस प्लान की तारीफ कर रहे हैं और इसे “देश के बुजुर्गों के लिए सम्मानजनक पहल” बता रहे हैं.
कैसे लें BSNL Samman Plan
अगर आप इस प्लान का लाभ लेना चाहते हैं, तो नजदीकी BSNL कस्टमर सर्विस सेंटर या रिटेलर आउटलेट पर जाकर नया सिम ले सकते हैं. पहचान के लिए आधार कार्ड और उम्र का प्रमाण (जैसे पेंशन पासबुक या वोटर आईडी) दिखाना जरूरी है. BSNL ने बताया कि आने वाले दिनों में यह प्लान ऑनलाइन पोर्टल और MyBSNL ऐप पर भी एक्टिवेशन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.Read more-‘अपने ही बनाए राक्षस से जूझ रहा पाकिस्तान!’ तालिबान के खिलाफ जंग ने खोली खुफिया खेल की परतें

निर्मला सीतारमण के फर्जी साइन से बुजुर्ग महिला को भेजा गिरफ्तारी वारंट, 99 लाख रुपये उड़ गए! जानिए कैसे हुआ पूरा फ्रॉड

देश में बढ़ते साइबर अपराधों के बीच अब ठगों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का नाम तक नहीं छोड़ा. पुणे की 62 वर्षीय रिटायर्ड LIC अफसर के साथ एक ऐसा साइबर फ्रॉड हुआ जिसने पुलिस को भी चौंका दिया. अपराधियों ने वित्त मंत्री के फर्जी साइन वाला गिरफ्तारी वारंट भेजकर महिला को डराया और धीरे-धीरे उनसे 99 लाख रुपये ठग लिए. यह पूरा मामला पुणे सिटी साइबर पुलिस के पास दर्ज किया गया है. जांच के दौरान पता चला कि ठगों ने खुद को सरकारी एजेंसियों का अधिकारी बताकर पीड़िता को डिजिटली अरेस्ट करने की धमकी दी थी.

ऐसे रचा गया 99 लाख रुपये का जाल

मामला अक्टूबर के आखिरी हफ्ते का बताया जा रहा है. पुणे के कोथरुड इलाके में रहने वाली पीड़िता को सबसे पहले एक कॉल आया, जिसमें खुद को “डेटा प्रोटेक्शन एजेंसी” का अधिकारी बताया गया. कॉल करने वाले ने दावा किया कि पीड़िता के आधार नंबर से जुड़ा मोबाइल नंबर एक फ्रॉड केस में इस्तेमाल हुआ है. कुछ ही देर में कॉल को “जॉर्ज मैथ्यू” नाम के दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर किया गया, जिसने खुद को पुलिस अधिकारी बताया. उसने कहा कि अगर महिला सहयोग नहीं करेंगी, तो उनके खिलाफ डिजिटल गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाएगा.इसके बाद आरोपी ने उन्हें व्हाट्सऐप पर एक कथित “गिरफ्तारी वारंट” भेजा, जिस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का फर्जी हस्ताक्षर था. इस दस्तावेज़ को देखकर महिला डर गईं और ठगों की बातों में आकर पैसे ट्रांसफर करने लगीं. धीरे-धीरे 99 लाख रुपये कई खातों में भेज दिए गए.

पुलिस के पास पहुंचा मामला

जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, पुणे सिटी साइबर पुलिस को पता चला कि यह गिरोह महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात तक फैला है. पुलिस का कहना है कि यह नया तरीका है जिसमें सरकारी अधिकारियों के नाम और दस्तावेजों का दुरुपयोग कर लोगों को फंसाया जा रहा है. अब तक की जांच में सामने आया है कि फर्जी वेबसाइट और ईमेल आईडी बनाकर अपराधी लोगों से संपर्क करते हैं और फिर उन्हें सरकारी कार्रवाई का डर दिखाते हैं.पुलिस ने इस मामले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की है और साइबर विशेषज्ञों की मदद से खातों की ट्रांजेक्शन डिटेल्स निकाली जा रही हैं. कई फर्जी बैंक अकाउंट्स और UPI IDs को भी ब्लॉक किया गया है.

आम नागरिकों को चेतावनी

साइबर सेल ने लोगों से अपील की है कि किसी भी सरकारी अधिकारी, RBI, या मंत्रालय के नाम से आने वाले कॉल, मैसेज या ईमेल पर तुरंत भरोसा न करें. सरकारी विभाग कभी भी गिरफ्तारी वारंट ईमेल या व्हाट्सऐप पर नहीं भेजते. किसी भी संदिग्ध कॉल पर तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर या स्थानीय पुलिस को सूचना दें.साथ ही, वित्त मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया है कि किसी भी विभाग का कोई अधिकारी व्यक्तिगत वित्तीय मामलों में इस तरह का हस्तक्षेप नहीं करता. निर्मला सीतारमण के फर्जी साइन का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी करने वाले अपराधियों को जल्द पकड़ने का भरोसा दिया गया है.Read more-पाकिस्तान में फिर मंडराया आतंकी खतरा! श्रीलंकाई टीम की सुरक्षा बढ़ाई गई, स्टेडियम पहुंचे गृहमंत्री नकवी ने खुद लिया जायजा