अपने ही हाथों खुद का किया पिंडदान, पूरे गांव को खिलाया मृत्यु भोज, फिर तीन दिन बाद हो गई मौत

एटा जिला के रहने वाले हाकिम सिंह ने 3 दिन पहले यानी 15 जनवरी को अपने जीवित रहते हुए अपना पिंडदान किया और 13वीं में पूरे गांव को भोज कराया। ऐसा करने के पीछे हकीन सिंह ने इसका कारण भी बताया था।

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UP News: उत्तर प्रदेश के एटा जिले से एक बहुत ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां पर एक बुजुर्ग शख्स ने खुद जिंदा रहते ही अपना क्रिया कर्म कर लिया और उसके तीन दिन बाद ही उसकी मौत हो गई। आपको बता दे एटा जिला के रहने वाले हाकिम सिंह ने 3 दिन पहले यानी 15 जनवरी को अपने जीवित रहते हुए अपना पिंडदान किया और 13वीं में पूरे गांव को भोज कराया। ऐसा करने के पीछे हकीन सिंह ने इसका कारण भी बताया था।

जिंदा रहते ही खुद का किया क्रिया- कर्म

एटा जिले के रहने वाले हाकिम सिंह ने बताया था कि, मुझे अपने परिवार वालों पर से भरोसा उठ गया है। की मृत्यु के बाद उनके परिवार वाले उनका क्रिया – कर्म करेंगे कि नहीं इस पर उन्हें संदेश बना था। इसीलिए उन्होंने जिंदा रहते ही अपनी मृत्यु के बाद का सारा क्रिया कर्म कर लिया। आपको बता दें करने से पहले हकीम ने खुद अपनी ही 13वीं का कार्ड छपवाकर पुर गांव में बांटा था। उनके मृत्यु भोज कार्यक्रम में गांव के 800 से अधिक लोग शामिल हुए थे। दर्शन बताया जाता है कि हाकिम सिंह ने बिहार की रहने वाली एक युवती से शादी की थी लेकिन कुछ समय बाद वह युवती उन्हें छोड़कर चली गई। उनकी कोई संतान न होने की वजह से उनके परिवार और रिश्तेदारों ने मकान और जमीन पर कब्जा कर लिया था जिससे हकीम काफी चिंता में आ गए थे।

तीन दिन बाद हो गई मृत्यु

जिंदा रहते ही अपनी अपने पिंडदान और 13 वीं करने के तीन दिन बाद हाकिम सिंह की मौत हो गई। गांव वालों को यह जरा सा भी अंदाजा नहीं था कि आज जिस शख्स के यहां खाना खा रहे हैं उसकी तीन दिन बाद मौत होने वाली है। हाकिम सिंह की मृत्यु भोज वाले दिन गांव के सैकड़ो लोग पहुंचे थे। अब उनका निधन हो चुका है।

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