Rudraksh: हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को शुभ और बहुत ही खास माना जाता है। माना जाता है कि भगवान शंकर के आंसुओं से ही इसकी उत्पत्ति हुई है, जिससे रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्तियों पर भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है। लोग रुद्राक्ष के धारण से संकटों से मुक्ति प्राप्त करते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसे विज्ञान में भी असरकारक माना गया है, क्योंकि रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर चौदह मुखी तक होता है, और हर एक मुख का अपना ही विशेष महत्व माना जाता है। रुद्राक्ष धारण करने के भी नियम भी बताए गए हैं, जिन्हें यदि फॉलो न किया जाए तो आपका बुरा समय शुरू हो सकता है। कई ज्योतिषी यह सलाह देते हैं कि रुद्राक्ष कुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखते हुए धारण करना चाहिए।
लोगों का मानना है कि रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति आध्यात्मिक बनता है और यह आपके मन को भी शांत रखता है। इस कारण शख्स सही दिशा में बढ़ता है और निर्णय भी सही लेता है। माना जाता है कि रुद्राक्ष को धारण करने से भक्तों पर भगवान शिव की विशेष कृपा रहती है। इसे धारण करने से पहले इसके नियमों के बारे में जान लेना बेहद आवश्यक है।
ऐसे व्यक्ति न करें धारण
हिन्दू शास्त्रों में कहा गया है कि रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को मांस, ध्रूमपान, आदि से दूरी बना लेनी चाहिए। यदि कोई व्यक्ति इनका सेवन करता भी है, तो उसे रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए।
इस समय नहीं पहनना चाहिए रुद्राक्ष
किसी व्यक्ति को कभी भी किसी अन्य व्यक्ति द्वारा पहना हुआ रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि अपना रुद्राक्ष किसी अन्य व्यक्ति को पहनने के लिए न दें।
रुद्राक्ष को गंदे हाथों से न छुए
कभी भी रुद्राक्ष को गंदे हाथों से नहीं छूना चाहिए। साथ ही शौच आदि क्रिया के दौरान रुद्राक्ष को पहले ही शरीर से अलग कर देना चाहिए, यहां तक कि प्रयास करें की लघुशंका के समय भी रुद्राक्ष की माला आपके गले में न हो।
रुद्राक्ष को सोने से पहले उतार दें
शास्त्रों के मुताबिक यदि किसी व्यक्ति ने रुद्राक्ष धारण किया हुआ है, तो सोने से पहले उसे उतारकर ही सोना चाहिए। इसे उतार कर अपने तकिए के नीचे रख कर सो सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों को बुरे सपने आते हैं या फिर नींद आने में परेशानी होती है उनके लिए भी ये बेहद लाभकारी होता है।
गर्भवती स्त्री न पहनें रुद्राक्ष
हिंदू धर्म के अनुसार यदि कोई स्त्री रुद्राक्ष धारण करती है, तो उसे बच्चे के जन्म के बाद सूतक काल खत्म होने तक रुद्राक्ष को नहीं पहनना चाहिए। इस समय उसे रुद्राक्ष उतार कर कहीं साफ जगह रख देना चाहिए।