Jupiter Retrograde 2023: ज्योतिष शास्त्र में देव गुरु बृहस्पति और शनि देव की स्थिति और चाल बहुत अधिक महत्व रखती है. इस समय शनि कुंभ राशि में वक्री अवस्था में है. शनि देव के बाद देव गुरु बृहस्पति भी वक्री होने वाले हैं. किसी भी ग्रह की वक्री चाल का अर्थ होता है. उसकी उल्टी चाल गुरु 4 सितंबर 2023 को सुबह 9:15 पर वक्री हो जाएंगे. सुख समृद्धि धन विवाह और आध्यात्मिकता के कारक बृहस्पति के वक्री होने से इसका सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ेगा. आइए जानते हैं कि गुरु ग्रह के वक्री होने पर किन राशियों को अधिक लाभ होने वाला है.
मेष राशि- सितंबर में बृहस्पति का वक्री होना इस राशि के लिए बहुत ही लाभप्रद होगा. इस राशि को शुभ परिणाम मिलेंगे. इस दौरान आपको आर्थिक उन्नति प्राप्त होगी. लंबे समय से अटके हुए धन की वापसी होगी. व्यापारियों के लिए यह अवधि बहुत अच्छी है.
कर्क राशि- देव गुरु बृहस्पति के प्रभाव से कर्क राशि के जातकों को लाभ होने वाला है. बृहस्पति के वक्री काल के दौरान कर्क राशि वालों को अधिक सम्मान और प्रशंसा मिलेगी. कैरियर में उन्नति के संकेत मिल रहे हैं. रुका धन प्राप्त होगा. बेरोजगारों के लिए बृहस्पति विशेष रूप से अनुकूल है क्योंकि यह कार्य मिलने की संभावना को बढ़ा देते हैं.
मिथुन राशि- इस राशि के जातकों के लिए बृहस्पति सांतवें और दंसवें घर के स्वामी के रूप में जरूरी है. ये आपकी अपनी कमाई बढ़ने की संभावना बता रही है. आप काम पर नियंत्रण हासिल करेंगे और अप्रत्याशित लाभ आपको होगा वक्री बृहस्पति आपके विवाह पर भी आशीर्वाद दे रहे हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News India इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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