Noida Cyber Crime: अब ठगों ने एक अलग तरीका ढूंढा है जिसका शिकार एक महिला हुई है। साथ ही अब साइबर ठग अलग-अलग प्रकार से ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर-34 से सामने आया है, जहां साइबर ठगों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम से एक महिला इंजीनियर से 11 लाख रुपये की ठगी की। नोएडा के साइबर पुलिस स्टेशन की इंस्पेक्टर रीता यादव ने कहा कि सेक्टर-34 में रहने वाली इंजीनियर के पास 13 नवंबर को एक फोन आया था और कॉलर ने स्वयं को टेलीफोन रेगुलेटरी ऑफ इंडिया का आफिसर बताया। उसने फ़ोन पर कहा कि उनके आधार कार्ड का प्रयोग करके सिम कार्ड खरीदा गया है।
केवल यही इतना ही नहीं महिला को कॉलर ने यह भी बताया कि उस सिम कार्ड का प्रयोग मनी लॉड्रिंग के एक मामले में हुआ है और उससे 2 करोड़ रुपये भी निकाले गए हैं। इतना सुनकर महिला इंजीनियर घबरा गई और परेशान हो गया।
ठगों ने वीडियो कॉल में महिला को दिखाया पुलिस स्टेशन
महिला इंजीनियर को साइबर ठग ने जांच की बात कहते हुए कॉल को ट्रांसफर कर दिया और उसे वीडियो कॉल पर जोड़ दिया गया। वीडियो कॉल के समय महिला को ठगो ने बैकग्राउंड में पुलिस स्टेशन भी दिखाया। केवल यही नहीं महिला को वीडियो कॉल में पुलिस भी दिखाई दे रही थी।
8 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा
महिला को साइबर ठग ने गिरफ्तारी की बात कहकर डराया और कहा कि उसे डिजिटल अरेस्ट किया गया है और लगभग 8 घंटे तक उसे डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया। सिर्फ यही नहीं इस दौरान साइबर ठगों ने महिला इंजीनियर से कई सवाल भी किये। साइबर ठगों ने महिला से यह भी कहा कि वह किसी से बात नहीं कर सकती। साथ ही ठगों ने महिला से 11 लाख रुपये ट्रांसफर भी करवा लिए।
ऐसा पहली बार नहीं है जब साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट के नाम पर किसी के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया हो। इससे पहले भी इस प्रकार के कई मामले सामने आ चुके है।
अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं
साइबर क्राइम टीम इस मामले के संज्ञान में आने के बाद जांच में जुट गई है। हालांकि, डिजिटल अरेस्ट के किसी भी मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस ने कहा है कि जल्द से जल्द इस मामले का खुलासा किया जाएगा।