मदीना से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसने सोशल मीडिया पर लाखों दिलों को छू लिया है। प्रयागराज के रहने वाले सुफियान अल्लाहबादी नामक एक मुस्लिम युवक ने पवित्र मदीना नगरी में खड़े होकर हिंदू संत स्वामी प्रेमानंद महाराज के अच्छे स्वास्थ्य की दुआ की। यह वीडियो लगभग 1 मिनट 20 सेकंड का है, जिसमें सुफियान आंखें बंद करके गहरी संवेदनशीलता और श्रद्धा के साथ प्रार्थना करते दिखाई दे रहे हैं। इस भावुक क्षण को जिसने भी देखा, वह इंसानियत के इस अनोखे उदाहरण की तारीफ किए बिना नहीं रह सका।
वीडियो में सुफियान कहते हैं, “या अल्लाह, तू सबका मालिक है, तू सबकी सुनता है। हमारे भारत में एक बहुत नेक संत हैं, स्वामी प्रेमानंद महाराज जी। तू उन्हें सेहत अता फरमा, उम्र दराज़ कर, और उन्हें तंदरुस्त रख।” इस पूरे दृश्य में न कोई धार्मिक भेदभाव है, न कोई द्वेष—सिर्फ एक इंसान की दुआ है, जो दूसरे इंसान के लिए है। यही भाव सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जहां हजारों लोगों ने इसे शेयर करते हुए लिखा है: “इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है।”
धार्मिक सीमाओं से परे, भावनाओं का संगम
यह वीडियो न केवल एक भावुक क्षण को कैद करता है, बल्कि यह आज के सामाजिक और धार्मिक परिवेश में एक सकारात्मक संदेश भी देता है। ऐसे दौर में जहां धर्म और जाति के नाम पर अक्सर तनाव की खबरें सामने आती हैं, वहीं यह छोटा सा वीडियो सहिष्णुता, आपसी सम्मान और प्रेम का प्रतीक बन गया है। विशेष बात यह है कि यह वीडियो न तो किसी प्रचार के लिए बनाया गया था और न ही इसके पीछे कोई एजेंडा था—यह एक स्वाभाविक मानवीय भाव था, जिसे किसी तीसरे व्यक्ति ने रिकॉर्ड कर लिया।
मुस्लिम धर्मगुरुओं और हिन्दू संतों दोनों ने इस पहल की सराहना की है। दिल्ली की एक प्रमुख मस्जिद के इमाम मौलाना राशिद ने इसे “इंसानियत का ज़िंदा उदाहरण” बताया। वहीं हरिद्वार के एक संत स्वामी नवलगिरी महाराज ने कहा, “ऐसे दृश्य आज के समय में दुर्लभ हैं, लेकिन यही भारत की आत्मा है।” इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया है कि सच्ची श्रद्धा और दुआएं किसी जाति, धर्म या मज़हब की मोहताज नहीं होतीं।
सोशल मीडिया पर तारीफों की बौछार, युवाओं के लिए प्रेरणा
इस वीडियो के वायरल होने के बाद से हजारों सोशल मीडिया यूजर्स ने सुफियान की खुले दिल से तारीफ की है। कुछ लोगों ने इसे “Unity in Diversity” का असली उदाहरण बताया, तो कई यूजर्स ने लिखा कि “भारत को ऐसे ही युवाओं की ज़रूरत है, जो बंटवारे की नहीं, मिलन की बात करें।”
ऐसे वीडियो समाज में संवाद और आपसी सम्मान को बढ़ावा देते हैं। यह घटना खासकर युवाओं के लिए प्रेरणा है कि वे केवल धर्म के नाम पर नहीं, बल्कि मूल इंसानी मूल्यों के आधार पर एक-दूसरे से जुड़ें। एक यूजर ने लिखा, “जब सुफियान जैसे लोग मदीना में खड़े होकर प्रेमानंद महाराज के लिए दुआ कर सकते हैं, तब हमें भी एक-दूसरे को गले लगाने में क्या हर्ज है?”
मदीना से वायरल वीडियो में प्रयागराज के मुस्लिम युवक सुफियान अल्लाहबादी ने हिंदू संत स्वामी प्रेमानंद महाराज के अच्छे स्वास्थ्य के लिए दुआ की। यह भावनात्मक क्षण सोशल मीडिया पर इंसानियत का प्रतीक बन गया।
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