अमेरिका में प्रवेश को लेकर अब नियम पहले से कहीं ज्यादा सख्त होने जा रहे हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में ट्रंप प्रशासन ने एक बार फिर कठोर इमिग्रेशन नीति अपनाते हुए 39 देशों तक ट्रैवल बैन का दायरा बढ़ा दिया है। मंगलवार 16 दिसंबर 2025 को जारी फैसले के तहत सात नए देशों और फिलिस्तीनियों पर पूर्ण यात्रा प्रतिबंध लगाया गया है, जबकि 15 अन्य देशों के नागरिकों के लिए आंशिक पाबंदियां लागू होंगी। इस फैसले के बाद दुनिया भर में अमेरिका की इमिग्रेशन नीति को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। प्रशासन का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय और सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि अमेरिका में अवैध गतिविधियों और संभावित खतरों को रोका जा सके। ट्रंप सरकार का दावा है कि कई देशों में वीजा जांच प्रणाली कमजोर है और वहां से आने वाले लोगों में वीजा ओवरस्टे की दर भी काफी अधिक पाई गई है।
1 जनवरी से लागू होंगे नए नियम
व्हाइट हाउस की ओर से जारी फैक्ट-शीट के मुताबिक, यह नया ट्रैवल बैन और एंट्री रेस्ट्रिक्शन 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होंगे। व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया है कि जिन देशों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है, उनके नागरिकों को किसी भी तरह का नया वीजा जारी नहीं किया जाएगा और पहले से जारी कई वीजा भी रद्द किए जा सकते हैं। वहीं, आंशिक प्रतिबंध वाले देशों के लिए वीजा की श्रेणियों को सीमित किया जाएगा, जिसमें टूरिस्ट, स्टूडेंट और वर्क वीजा शामिल हैं। प्रशासन का मानना है कि यह फैसला अस्थायी नहीं बल्कि लंबे समय तक लागू रह सकता है, जब तक कि संबंधित देश अपनी सुरक्षा और पहचान सत्यापन प्रणाली को मजबूत नहीं करते। इस फैसले से हजारों लोग प्रभावित हो सकते हैं, खासकर वे जो अमेरिका में पढ़ाई, नौकरी या पारिवारिक कारणों से जाने की योजना बना रहे थे।
इन देशों पर पूरी पाबंदी, लिस्ट में नए नाम शामिल
नए आदेश के तहत बुर्किना फासो, माली, नाइजर, दक्षिण सूडान और सीरिया पर पूर्ण ट्रैवल बैन लगाया गया है। इसके अलावा फिलिस्तीनी अथॉरिटी द्वारा जारी यात्रा दस्तावेज रखने वाले फिलिस्तीनियों को भी अमेरिका में प्रवेश से रोक दिया गया है। खास बात यह है कि लाओस और सिएरा लियोन, जिन पर पहले आंशिक प्रतिबंध थे, अब पूरी तरह बैन की श्रेणी में आ गए हैं। इससे पहले ही अमेरिका अफगानिस्तान, म्यांमार, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरीट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन जैसे 12 देशों पर ट्रैवल बैन लागू कर चुका था। इन नए देशों के जुड़ने के बाद अब कुल 39 देश ऐसे हो गए हैं, जिनके नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश के लिए गंभीर प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।
हालिया हमलों के बाद बढ़ी सख्ती
ट्रंप प्रशासन का यह कड़ा फैसला हालिया सुरक्षा घटनाओं के बाद लिया गया है। 26 नवंबर को वॉशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड के दो जवानों की हत्या कर दी गई थी, जिसमें आरोपी अफगान नागरिक बताया गया, जिसे अमेरिका से सेना की वापसी के बाद शरण दी गई थी। इसके अलावा 13 दिसंबर को सीरिया में इस्लामिक स्टेट के हमले में दो अमेरिकी सैनिकों और एक अमेरिकी नागरिक दुभाषिए की मौत ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और बढ़ा दी। प्रशासन का कहना है कि इन घटनाओं ने यह साफ कर दिया है कि इमिग्रेशन सिस्टम में और सख्ती की जरूरत है। ट्रंप सरकार का दावा है कि नया ट्रैवल बैन अमेरिका को संभावित आतंकी खतरों से सुरक्षित रखने की दिशा में एक जरूरी कदम है, भले ही इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना क्यों न हो।