‘हर कश्मीरी आतंकी नहीं…’ दिल्ली ब्लास्ट पर सीएम उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान! बोले- किसी बेगुनाह को…
दिल्ली में हुए धमाके ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस हमले के बाद जब जांच एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर कनेक्शन की बात कही, तो सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस मामले पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “किसी एक घटना के आधार पर पूरे राज्य या समुदाय को बदनाम करना गलत है।”
उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं और जल्द ही सच्चाई सामने आएगी। लेकिन इस बीच कश्मीरियों के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिशें खतरनाक हैं। उनका बयान सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है।जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “दिल्ली ब्लास्ट एक जघन्य आतंकी हमला है, लेकिन यह कहना कि हर कश्मीरी इस साजिश का हिस्सा है, बेहद गैरजिम्मेदाराना है। जम्मू-कश्मीर के लोग आतंकवाद से सबसे ज्यादा पीड़ित रहे हैं, न कि उसके समर्थक।”उन्होंने आगे कहा कि ऐसे वक्त में देश को एकजुटता और विवेक की जरूरत है, न कि शक और विभाजन की। उमर अब्दुल्ला ने जांच एजेंसियों से अपील की कि दोषियों को सजा जरूर मिले, लेकिन किसी बेगुनाह को न फंसाया जाए।उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब जांच एजेंसियां दिल्ली ब्लास्ट के सिलसिले में कुछ संदिग्धों को जम्मू और श्रीनगर से पूछताछ के लिए दिल्ली ला रही हैं।
दिल्ली ब्लास्ट के जिम्मेदारों का होगा हिसाब, अमित शाह ने खुफिया अधिकारियों संग की गहरी मीटिंग
गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली के किले क्षेत्र में हुए ब्लास्ट मामले में गहरी समीक्षा बैठक की। यह बैठक उच्चस्तरीय खुफिया अधिकारियों के साथ हुई, जिसमें दिल्ली ब्लास्ट के पीछे की साजिश को जल्द से जल्द उजागर करने की दिशा में निर्णायक कदम उठाने पर जोर दिया गया। इस मीटिंग के दौरान यह तय किया गया कि हर पहलू की जांच गहराई से की जाएगी, ताकि ब्लास्ट के जिम्मेदार लोगों तक पहुंचने में कोई कोताही न हो। इन घटनाओं के बाद देश भर में चिंता का माहौल है, और सरकार ने इसे लेकर सख्त रुख अपनाया है।
अहमदाबाद दौरे को रद्द कर अमित शाह ने दिल्ली की सुरक्षा स्थिति की की समीक्षा
गृह मंत्री अमित शाह का गुजरात का निर्धारित दौरा, जिसमें उन्हें अहमदाबाद फूड फेस्टिवल और अहमदाबाद इंटरनेशनल बुक फेस्टिवल 2025 का उद्घाटन करना था, अचानक रद्द कर दिया गया। इस बदलाव का कारण दिल्ली में हुई इस गंभीर घटना की बढ़ती जांच और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा है। माना जा रहा है कि इस घटनाक्रम ने केंद्र सरकार को सतर्क कर दिया है और गृह मंत्रालय ने पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सख्त करने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, अमित शाह की यह बैठक यह सुनिश्चित करने के लिए थी कि दिल्ली ब्लास्ट की जांच में कोई भी पहलू छूटे नहीं और संदिग्धों का पकड़ा जाना सुनिश्चित हो।देशभर में बढ़ी सुरक्षा चिंता, गृह मंत्री ने खुफिया एजेंसियों के साथ की खुफिया जानकारी साझा
इस मीटिंग में अमित शाह ने खुफिया अधिकारियों के साथ उस खुफिया जानकारी को साझा किया, जो पिछले कुछ दिनों में विभिन्न एजेंसियों द्वारा इकट्ठा की गई थी। इस बैठक में विभिन्न संभावनाओं पर चर्चा हुई, जिसमें आतंकी संगठनों के संबंध में जानकारी और उनके संभावित निशाने पर चर्चा की गई। गृह मंत्रालय के उच्च अधिकारियों ने संकेत दिया कि सरकार इस मामले में पूरी गंभीरता से काम कर रही है, और जल्द ही इस ब्लास्ट से जुड़े सभी रहस्यों का पर्दाफाश कर लिया जाएगा।Read more-निर्मला सीतारमण के फर्जी साइन से बुजुर्ग महिला को भेजा गिरफ्तारी वारंट, 99 लाख रुपये उड़ गए! जानिए कैसे हुआ पूरा फ्रॉडफोटो लिए जा रहे हो, शर्म नहीं आती?” धर्मेंद्र के घर के बाहर पैपराजी पर फूट पड़े सनी देओल, गुस्से में कहा कुछ ऐसा कि सब रह गए हैरान
बॉलीवुड अभिनेता और सांसद सनी देओल हाल ही में मुंबई में अपने पिता धर्मेंद्र के घर के बाहर स्पॉट किए गए। आमतौर पर शांत और संयमित रहने वाले सनी इस बार बेहद गुस्से में दिखे। बताया जा रहा है कि जब वह अपने पिता से मिलने पहुंचे, तो बाहर खड़े पैपराजी लगातार उनकी तस्वीरें खींच रहे थे। पहले तो सनी ने नजरअंदाज किया, लेकिन कुछ सेकंड बाद उन्होंने अपना धैर्य खो दिया और गुस्से में कह दिया। “फोटो लिए जा रहे हो, शर्म नहीं आती?” इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।करीबी सूत्रों के मुताबिक, सनी देओल इन दिनों निजी कारणों से कुछ तनाव में हैं। पिछले कुछ दिनों से उनके पिता धर्मेंद्र की तबीयत में उतार-चढ़ाव चल रहा था, जिस कारण वह अचानक घर पहुंचे थे। लेकिन जैसे ही मीडिया कैमरे ऑन हुए, सनी को यह पसंद नहीं आया कि निजी पल में भी उन्हें घेर लिया गया। एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने पैपराजी से कहा कि “हर चीज़ की फोटो लेनी जरूरी नहीं होती, कभी-कभी इंसान को वक्त चाहिए होता है।”
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
सनी देओल के इस रवैये पर सोशल मीडिया यूजर्स दो हिस्सों में बंट गए हैं। एक वर्ग का कहना है कि सनी देओल ने सही किया क्योंकि किसी की निजता में दखल देना गलत है। वहीं, दूसरा वर्ग यह कह रहा है कि पैपराजी सिर्फ अपना काम कर रहे थे और सनी को थोड़ी संयम बरतनी चाहिए थी। X (पूर्व ट्विटर) और इंस्टाग्राम पर यह वीडियो कुछ ही घंटों में लाखों बार देखा जा चुका है। कुछ फैंस ने लिखा कि “सनी पाजी वैसे भी इमोशनल इंसान हैं, उन्हें शांत छोड़ देना चाहिए।”पहले भी पैपराजी से उलझ चुके हैं सनी
यह पहली बार नहीं है जब सनी देओल मीडिया के कैमरों पर नाराज हुए हों। कुछ महीने पहले भी एयरपोर्ट पर उनकी एक क्लिप वायरल हुई थी, जहां उन्होंने एक फोटोग्राफर को कैमरा नीचे रखने के लिए कहा था। सनी देओल, जो अपनी गंभीर छवि और कम बोलने के लिए जाने जाते हैं, अक्सर कैमरे से दूर रहना पसंद करते हैं। हालांकि, ‘गदर 2’ की सफलता के बाद उन्होंने मीडिया से काफी खुले अंदाज में बातचीत शुरू की थी, लेकिन लगता है कि इस बार कुछ निजी कारणों ने उनके धैर्य को तोड़ दिया।इस घटना के बाद धर्मेंद्र या उनके परिवार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, सनी के छोटे भाई बॉबी देओल ने स्थिति को शांत कराने की कोशिश की और मीडिया से दूरी बनाए रखने की सलाह दी। देओल परिवार हमेशा से मीडिया के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध रखता आया है, लेकिन जब बात निजी जीवन की होती है, तो ये परिवार अपनी प्राइवेसी को लेकर बेहद सतर्क रहता है।मुंबई, महाराष्ट्र: अभिनेता सनी देओल अपने बंगले से बाहर निकलकर पत्रकारों से हाथ जोड़कर अपनी नाराजगी जाहिर की। pic.twitter.com/YurtyQGFL1
— IANS Hindi (@IANSKhabar) November 13, 2025
नेटिज़न्स बोले — “सनी देओल भी इंसान हैं”
जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, हजारों यूजर्स ने सनी देओल का समर्थन किया। कई लोगों ने लिखा कि “सेलिब्रिटीज़ भी इंसान हैं, हर वक्त कैमरे के सामने रहना आसान नहीं।” वहीं कुछ लोगों ने पैपराजी की हरकतों पर सवाल उठाते हुए कहा कि “कभी-कभी मीडिया को भी सीमाएं समझनी चाहिए।” कई फैंस ने पुराने दौर की याद दिलाते हुए कहा कि सनी देओल हमेशा से सीधे-सादे और भावनात्मक इंसान रहे हैं, इसलिए उनके गुस्से को गलत न समझा जाए।बावजूद इसके कि यह घटना चर्चा में है, सनी देओल अब अपने अगले बड़े प्रोजेक्ट की तैयारी में जुटे हुए हैं। खबर है कि वह जल्द ही एक एक्शन-ड्रामा फिल्म में नजर आएंगे, जिसकी शूटिंग अगले महीने से शुरू होने वाली है। साथ ही, ‘गदर 3’ को लेकर भी चर्चाएं तेज हैं। सूत्रों का कहना है कि सनी इस बार कहानी को और भी बड़े पैमाने पर लाना चाहते हैं, लेकिन अभी इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।सनी देओल की इस घटना ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि सेलिब्रिटीज़ की निजता कहां खत्म होती है और मीडिया की जिम्मेदारी कहां शुरू होती है। बॉलीवुड में पहले भी कई सितारे जैसे रणबीर कपूर, आलिया भट्ट और सैफ अली खान अपनी निजी जिंदगी में कैमरों की दखलंदाजी पर नाराजगी जता चुके हैं। यह मामला भी अब उसी विवाद की एक नई कड़ी बनता जा रहा है।Read more-BSNL का नया मास्टरस्ट्रोक: सिर्फ ₹1499 में 1 साल की फ्री कॉलिंग और रोज 2GB डेटा, 60+ यूजर्स के लिए खास प्लानगीजर-हीटर चलाओ बेझिझक! बस अपनाओ ये स्मार्ट Tricks, बिजली का बिल हो जाएगा आधा
सर्दियों का मौसम आते ही गीजर, रूम हीटर और ब्लोअर का इस्तेमाल बढ़ जाता है, जिससे बिजली का बिल कई गुना तक बढ़ जाता है। आमतौर पर घरों में इन उपकरणों की लगातार चालू रहने की वजह से बिजली की खपत तेजी से बढ़ती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ छोटे-छोटे बदलाव और ट्रिक्स अपनाकर आप बिल को लगभग 40 से 50 प्रतिशत तक घटा सकते हैं? विशेषज्ञों का कहना है कि घरेलू बिजली बचत सिर्फ उपकरण बंद करने से नहीं बल्कि स्मार्ट उपयोग से संभव है।
गीजर और हीटर के इस्तेमाल में करें ये पांच बदलाव
सबसे पहले बात करते हैं गीजर की। अधिकतर लोग सुबह गीजर को 20-25 मिनट तक ऑन रख देते हैं, जबकि सिर्फ 10 मिनट में पानी पर्याप्त गर्म हो जाता है। अधिक देर तक गीजर चलाने से बिजली की खपत दोगुनी हो जाती है। इसलिए टाइमर वाला गीजर या स्मार्ट प्लग का उपयोग करें, जिससे गीजर अपने-आप तय समय बाद बंद हो जाए। वहीं, हीटर के मामले में कोशिश करें कि कम वॉटेज वाले ऑयल हीटर या PTC हीटर का उपयोग करें। यह पारंपरिक कॉइल हीटर की तुलना में 30% कम बिजली खपत करते हैं। साथ ही, कमरे के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें ताकि गर्मी बाहर न निकले। इससे हीटर कम समय में कम बिजली में कमरे को गर्म कर देगा।स्मार्ट मीटर और LED बल्ब से करें लंबी बचत
आजकल बाजार में ऐसे स्मार्ट मीटर और स्मार्ट सॉकेट उपलब्ध हैं जो आपके बिजली उपयोग की रियल टाइम रिपोर्ट देते हैं। इनसे आप देख सकते हैं कि कौन सा उपकरण सबसे ज्यादा बिजली खा रहा है। वहीं, अगर आपने अब तक LED बल्ब नहीं लगाए हैं तो यह बदलाव तुरंत करें। पुराने बल्बों की तुलना में LED 80% तक बिजली बचाते हैं। साथ ही, पंखे, टीवी और रेफ्रिजरेटर जैसे उपकरणों के लिए ‘स्टार रेटेड’ विकल्प चुनें। जितने ज्यादा स्टार, उतनी ज्यादा ऊर्जा बचत। सरकार द्वारा जारी ‘BEE Star Rating’ इस दिशा में भरोसेमंद पैमाना है।रोजमर्रा की आदतें बदलें, बिजली का बिल खुद घटेगा
कई बार बिजली बचत उपकरणों से ज्यादा हमारी आदतों पर निर्भर करती है। मोबाइल चार्जर को लगातार प्लग में लगाए रखना, टीवी को स्टैंडबाय पर छोड़ना और वॉशिंग मशीन को आधे कपड़ों के साथ चलाना — ये सभी छोटी-छोटी गलतियां बिजली का बिल बढ़ा देती हैं। एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को इस्तेमाल के बाद पूरी तरह बंद करें। वॉशिंग मशीन और इस्त्री जैसे उपकरणों को पीक ऑवर्स (सुबह 9 से 11 और शाम 6 से 9 बजे) में उपयोग करने से बचें। इन समयों में बिजली दरें अधिक होती हैं।सोलर और इन्वर्टर से भी मिल सकती है बड़ी राहत
अगर आपके घर की छत पर पर्याप्त जगह है तो छोटे सोलर पैनल लगवाना एक बेहतरीन निवेश साबित हो सकता है। यह शुरुआती खर्च में थोड़ा महंगा है, लेकिन लंबे समय में बिजली का बिल लगभग 60% तक घटा सकता हैREAD MORE-रेगिस्तान की रात में जब आत्माएँ नाचती हैं: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बोत्सवाना दौरे से खुला कालाहारी का रहस्यBSNL का नया मास्टरस्ट्रोक: सिर्फ ₹1499 में 1 साल की फ्री कॉलिंग और रोज 2GB डेटा, 60+ यूजर्स के लिए खास प्लान
सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने इस दिवाली बुजुर्गों के लिए एक खास तोहफा पेश किया है. जहां बाकी कंपनियां अपने ऑफर से युवाओं और GenZ ग्राहकों को आकर्षित करने में लगी हैं, वहीं BSNL ने घर के ‘मुखिया’ यानी सीनियर सिटिजन्स को टारगेट करते हुए एक नया प्लान लॉन्च किया है.
कंपनी ने इसे “BSNL Samman Plan” नाम दिया है, जो विशेष रूप से 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के नागरिकों के लिए बनाया गया है. इस प्लान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह 365 दिन की वैलिडिटी के साथ आता है और इसमें यूजर्स को हर दिन 2GB डेटा के साथ अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा दी गई है.
पूरे साल डेटा और कॉलिंग अनलिमिटेड
BSNL के इस नए Samman Plan में यूजर्स को केवल कम दाम में बड़ा फायदा मिलेगा. प्लान की कीमत लगभग ₹1499 रखी गई है (राज्य के अनुसार थोड़ी भिन्नता हो सकती है). इसमें 365 दिन की वैधता के साथ रोज 2GB हाई-स्पीड डेटा, उसके बाद 40Kbps की स्पीड से अनलिमिटेड इंटरनेट मिलता रहेगा. इसके अलावा, यूजर्स को देशभर में किसी भी नेटवर्क पर अनलिमिटेड कॉलिंग, 100 SMS प्रति दिन, और BSNL Tunes जैसी एक्स्ट्रा सुविधाएं भी दी जा रही हैं.कंपनी ने कहा है कि यह प्लान खासतौर पर उन बुजुर्गों के लिए बनाया गया है जो अपने परिवार से जुड़े रहना चाहते हैं, लेकिन हर महीने रिचार्ज कराने की झंझट से बचना चाहते हैं.केवल नए ग्राहकों के लिए उपलब्ध
BSNL ने यह स्पष्ट किया है कि यह ऑफर केवल नए कनेक्शन लेने वाले सीनियर सिटिजन्स के लिए उपलब्ध है. यानी अगर आपकी उम्र 60 वर्ष या उससे ज्यादा है और आप BSNL में नया सिम लेना चाहते हैं, तो यह प्लान आपके लिए एकदम परफेक्ट साबित हो सकता है. इसका उद्देश्य बुजुर्गों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना और उन्हें सस्ती, स्थिर कनेक्टिविटी मुहैया कराना है. साथ ही, कंपनी ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस प्लान को प्रमोट कर रही है ताकि हर उम्र के लोगों को बेहतर नेटवर्क सेवा मिल सके.BSNL के अधिकारियों ने बताया कि आने वाले महीनों में इस तरह के और भी स्पेशल टैरिफ लाए जाएंगे जो वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों और किसानों जैसे वर्गों के लिए होंगे.Airtel, Jio और Vi को BSNL से नई चुनौती
BSNL के इस कदम ने निजी कंपनियों के लिए भी नई चुनौती खड़ी कर दी है. फिलहाल Airtel और Jio के वार्षिक प्लान 2GB प्रतिदिन के हिसाब से ₹2999 से ₹3599 तक में आते हैं. ऐसे में BSNL का ₹1499 वाला वार्षिक Samman Plan बाजार में सबसे सस्ता विकल्प बनकर उभरा है.टेलीकॉम एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर BSNL आने वाले महीनों में 4G और 5G नेटवर्क विस्तार पर फोकस रखती है, तो इस तरह के प्लान कंपनी की री-एंट्री को मजबूत कर सकते हैं. दूसरी ओर, यूजर्स सोशल मीडिया पर इस प्लान की तारीफ कर रहे हैं और इसे “देश के बुजुर्गों के लिए सम्मानजनक पहल” बता रहे हैं.कैसे लें BSNL Samman Plan
अगर आप इस प्लान का लाभ लेना चाहते हैं, तो नजदीकी BSNL कस्टमर सर्विस सेंटर या रिटेलर आउटलेट पर जाकर नया सिम ले सकते हैं. पहचान के लिए आधार कार्ड और उम्र का प्रमाण (जैसे पेंशन पासबुक या वोटर आईडी) दिखाना जरूरी है. BSNL ने बताया कि आने वाले दिनों में यह प्लान ऑनलाइन पोर्टल और MyBSNL ऐप पर भी एक्टिवेशन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.Read more-‘अपने ही बनाए राक्षस से जूझ रहा पाकिस्तान!’ तालिबान के खिलाफ जंग ने खोली खुफिया खेल की परतेंनिर्मला सीतारमण के फर्जी साइन से बुजुर्ग महिला को भेजा गिरफ्तारी वारंट, 99 लाख रुपये उड़ गए! जानिए कैसे हुआ पूरा फ्रॉड
देश में बढ़ते साइबर अपराधों के बीच अब ठगों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का नाम तक नहीं छोड़ा. पुणे की 62 वर्षीय रिटायर्ड LIC अफसर के साथ एक ऐसा साइबर फ्रॉड हुआ जिसने पुलिस को भी चौंका दिया. अपराधियों ने वित्त मंत्री के फर्जी साइन वाला गिरफ्तारी वारंट भेजकर महिला को डराया और धीरे-धीरे उनसे 99 लाख रुपये ठग लिए. यह पूरा मामला पुणे सिटी साइबर पुलिस के पास दर्ज किया गया है. जांच के दौरान पता चला कि ठगों ने खुद को सरकारी एजेंसियों का अधिकारी बताकर पीड़िता को डिजिटली अरेस्ट करने की धमकी दी थी.
ऐसे रचा गया 99 लाख रुपये का जाल
मामला अक्टूबर के आखिरी हफ्ते का बताया जा रहा है. पुणे के कोथरुड इलाके में रहने वाली पीड़िता को सबसे पहले एक कॉल आया, जिसमें खुद को “डेटा प्रोटेक्शन एजेंसी” का अधिकारी बताया गया. कॉल करने वाले ने दावा किया कि पीड़िता के आधार नंबर से जुड़ा मोबाइल नंबर एक फ्रॉड केस में इस्तेमाल हुआ है. कुछ ही देर में कॉल को “जॉर्ज मैथ्यू” नाम के दूसरे व्यक्ति को ट्रांसफर किया गया, जिसने खुद को पुलिस अधिकारी बताया. उसने कहा कि अगर महिला सहयोग नहीं करेंगी, तो उनके खिलाफ डिजिटल गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाएगा.इसके बाद आरोपी ने उन्हें व्हाट्सऐप पर एक कथित “गिरफ्तारी वारंट” भेजा, जिस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का फर्जी हस्ताक्षर था. इस दस्तावेज़ को देखकर महिला डर गईं और ठगों की बातों में आकर पैसे ट्रांसफर करने लगीं. धीरे-धीरे 99 लाख रुपये कई खातों में भेज दिए गए.पुलिस के पास पहुंचा मामला
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, पुणे सिटी साइबर पुलिस को पता चला कि यह गिरोह महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात तक फैला है. पुलिस का कहना है कि यह नया तरीका है जिसमें सरकारी अधिकारियों के नाम और दस्तावेजों का दुरुपयोग कर लोगों को फंसाया जा रहा है. अब तक की जांच में सामने आया है कि फर्जी वेबसाइट और ईमेल आईडी बनाकर अपराधी लोगों से संपर्क करते हैं और फिर उन्हें सरकारी कार्रवाई का डर दिखाते हैं.पुलिस ने इस मामले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की है और साइबर विशेषज्ञों की मदद से खातों की ट्रांजेक्शन डिटेल्स निकाली जा रही हैं. कई फर्जी बैंक अकाउंट्स और UPI IDs को भी ब्लॉक किया गया है.आम नागरिकों को चेतावनी
साइबर सेल ने लोगों से अपील की है कि किसी भी सरकारी अधिकारी, RBI, या मंत्रालय के नाम से आने वाले कॉल, मैसेज या ईमेल पर तुरंत भरोसा न करें. सरकारी विभाग कभी भी गिरफ्तारी वारंट ईमेल या व्हाट्सऐप पर नहीं भेजते. किसी भी संदिग्ध कॉल पर तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर या स्थानीय पुलिस को सूचना दें.साथ ही, वित्त मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया है कि किसी भी विभाग का कोई अधिकारी व्यक्तिगत वित्तीय मामलों में इस तरह का हस्तक्षेप नहीं करता. निर्मला सीतारमण के फर्जी साइन का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी करने वाले अपराधियों को जल्द पकड़ने का भरोसा दिया गया है.Read more-पाकिस्तान में फिर मंडराया आतंकी खतरा! श्रीलंकाई टीम की सुरक्षा बढ़ाई गई, स्टेडियम पहुंचे गृहमंत्री नकवी ने खुद लिया जायजा‘अपने ही बनाए राक्षस से जूझ रहा पाकिस्तान!’ तालिबान के खिलाफ जंग ने खोली खुफिया खेल की परतें
कभी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने जिस तालिबान को जन्म देकर अफगानिस्तान में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की थी, आज वही तालिबान पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है। यह वही तालिबान है जिसने 1990 के दशक में अफगानिस्तान पर कब्जा किया था और तब पाकिस्तान ने उसे हर तरह की सहायता दी — चाहे हथियार हों, पैसे या ट्रेनिंग। लेकिन अब हालात पलट चुके हैं। सीमा पार से आने वाली गोलियां अब पाकिस्तान की सेना पर बरस रही हैं।तालिबान और पाकिस्तान के बीच दरार तब गहराई जब अफगानिस्तान में अमेरिकी फौज के हटने के बाद तालिबान सरकार ने काबुल में अपनी सत्ता स्थापित की। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि अफगान तालिबान उसके कहने पर चलेगा, लेकिन हुआ इसका उल्टा। तालिबान ने पाकिस्तान की सीमा पर सक्रिय टीटीपी (Tehrik-e-Taliban Pakistan) को शरण देना शुरू कर दिया। यही संगठन अब पाकिस्तान की सेना पर हमले कर रहा है।
तालिबान के दो चेहरे — अफगान और पाकिस्तानी
यह समझना जरूरी है कि तालिबान एक नहीं, दो रूपों में काम करता है। अफगान तालिबान, जो काबुल में सत्ता चला रहा है, और पाकिस्तानी तालिबान (TTP), जो पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। पहले दोनों का लक्ष्य एक था — अमेरिकी फौज को अफगानिस्तान से बाहर करना। लेकिन अब अफगान तालिबान ने पाकिस्तानी तालिबान को खुला समर्थन देकर इस रिश्ते को दुश्मनी में बदल दिया है। पाकिस्तान बार-बार काबुल सरकार से कह चुका है कि वह TTP के खिलाफ कार्रवाई करे, लेकिन तालिबान की सरकार ने हर बार इससे इंकार किया है।किसके पास कितनी ताकत?
पाकिस्तान सेना के पास लगभग 6,40,000 सक्रिय सैनिक और 5 लाख रिजर्व फोर्स है। इनके पास आधुनिक फाइटर जेट्स (JF-17, F-16), आर्टिलरी गन, ड्रोन और परमाणु हथियार तक हैं। दूसरी ओर, तालिबान के पास अनुमानित 80,000 से 1 लाख लड़ाके हैं। अमेरिकी सेना के पीछे छोड़ गए हजारों हथियार, ह्यूमवी, नाइट विजन डिवाइस, और रॉकेट लॉन्चर अब उनके पास हैं। भले ही पाकिस्तान की सेना तकनीकी रूप से बहुत आगे है, लेकिन तालिबान का फायदा है — भूगोल और गुरिल्ला युद्ध कौशल। वे पहाड़ी इलाकों में छिपकर हमले करते हैं, जिससे पाकिस्तान की सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।2024 से 2025 के बीच पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में 300 से ज्यादा आतंकी हमले हुए हैं, जिनमें करीब 500 सैनिक मारे गए। इन हमलों की जिम्मेदारी ज्यादातर TTP ने ली है। पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई में दर्जनों आतंकी ठिकाने तबाह करने का दावा किया, लेकिन सीमावर्ती इलाकों में हालात अब भी तनावपूर्ण हैं।पाकिस्तान के लिए मुश्किल यह है कि तालिबान को खत्म करने का मतलब है अपनी ही “पूर्व संपत्ति” पर हमला करना। दशकों तक उसने तालिबान को अफगानिस्तान में “रणनीतिक गहराई” के तौर पर इस्तेमाल किया था। अब वही ताकत पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा खोल चुकी है। विश्लेषक मानते हैं कि पाकिस्तान ने ‘आतंक की फसल बोई थी, जो अब बम बनकर फट रही है।’अफगान तालिबान की भूमिका पर बढ़ते सवाल
काबुल में सत्तारूढ़ तालिबान सरकार खुद को “शांति समर्थक” बताती है, लेकिन पाकिस्तान को उसके शब्दों से नहीं, कदमों से परेशानी है। TTP के कई कमांडर अफगानिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं। पाकिस्तान ने कई बार सीमावर्ती इलाकों में एयर स्ट्राइक कर इन आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, लेकिन अफगानिस्तान की सरकार ने हर बार इसका विरोध किया। इससे दोनों देशों के रिश्ते अब बेहद तल्ख हो चुके हैं। पाकिस्तान अब सीमित सैन्यऑपरेशन की तैयारी में है। हाल में पाक रक्षा मंत्री ने बयान दिया था कि “अगर अफगानिस्तान हमारी सीमा पर हमले रोकने में विफल रहता है, तो हम अपने लोगों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे।” यह इशारा इस बात का है कि आने वाले समय में पाकिस्तान सीमा पार ड्रोन या एयरस्ट्राइक बढ़ा सकता है।Read more-रेगिस्तान की रात में जब आत्माएँ नाचती हैं: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बोत्सवाना दौरे से खुला कालाहारी का रहस्यपाकिस्तान में फिर मंडराया आतंकी खतरा! श्रीलंकाई टीम की सुरक्षा बढ़ाई गई, स्टेडियम पहुंचे गृहमंत्री नकवी ने खुद लिया जायजा
Pakistan Sri Lanka Cricket Security Threat: पाकिस्तान में एक बार फिर क्रिकेट के मैदान पर आतंक का साया मंडरा गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने खुफिया रिपोर्ट के आधार पर श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर संभावित आतंकी हमले की आशंका जताई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस खतरे के बाद पाकिस्तानी गृहमंत्री राणा नकवी खुद लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम पहुंचे और सुरक्षा इंतजामों का बारीकी से निरीक्षण किया।सूत्रों ने बताया कि हाल के हफ्तों में पाकिस्तान में लगातार बढ़ रही आतंकी गतिविधियों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। श्रीलंकाई टीम इन दिनों पाकिस्तान दौरे पर है और उसके कई मैच लाहौर और कराची में खेले जाने हैं। इसी बीच, खुफिया विभाग को कुछ संदिग्ध संचार मिले हैं जो टीम की सुरक्षा से जुड़े खतरे की ओर इशारा करते हैं।
गृहमंत्री नकवी ने स्टेडियम का किया दौरा
पाकिस्तान के गृहमंत्री राणा नकवी ने सोमवार को गद्दाफी स्टेडियम पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने स्थानीय पुलिस, रेंजर्स और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक की और सुरक्षा प्रोटोकॉल को “रेड अलर्ट मोड” में रखने के निर्देश दिए।अधिकारियों के अनुसार, स्टेडियम और होटल के चारों ओर 500 अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी और स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) के कमांडो तैनात किए गए हैं। पूरे क्षेत्र में स्नाइपर पोजिशन, ड्रोन सर्विलांस और बम डिस्पोजल यूनिट की तैनाती भी की गई है। इसके अलावा, सभी दर्शकों को कड़े सुरक्षा जांच के बाद ही प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।राणा नकवी ने मीडिया से कहा, “श्रीलंकाई टीम हमारे मेहमान हैं। उनकी सुरक्षा में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। पाकिस्तान क्रिकेट की प्रतिष्ठा दांव पर है, और हम इसे सुरक्षित रखेंगे।”2009 का जख्म अभी भी ताजा
Pakistan Sri Lanka Cricket Security Threat का जिक्र होते ही क्रिकेट प्रेमियों को 2009 की वह भयावह घटना याद आती है जब लाहौर में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम की बस पर आतंकियों ने हमला किया था। उस हमले में छह पुलिसकर्मी और दो नागरिक मारे गए थे, जबकि कई खिलाड़ी गंभीर रूप से घायल हुए थे।उस घटना के बाद श्रीलंका समेत लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय टीमें पाकिस्तान में खेलने से कतराने लगी थीं। लगभग दस साल बाद जब पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हुई, तो सरकार ने सुरक्षा को लेकर सख्त मानक तय किए। लेकिन हालिया खुफिया इनपुट्स ने एक बार फिर उसी डर को ताजा कर दिया है।क्रिकेट से ज्यादा चुनौती अब सुरक्षा की
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने कहा है कि वे श्रीलंकाई अधिकारियों के लगातार संपर्क में हैं और किसी भी परिस्थिति में खिलाड़ियों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा। बोर्ड ने यह भी साफ किया है कि सभी मैच तय कार्यक्रम के अनुसार होंगे, लेकिन भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा जांच के लिए समय पहले बढ़ाया जा सकता है।स्टेडियम के आसपास के इलाकों में प्रवेश-निषेध जोन बना दिया गया है। ड्रोन की मदद से निगरानी जारी है, और आस-पास के होटलों की जांच सुरक्षा एजेंसियों द्वारा बार-बार की जा रही है।विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान में बढ़ते आतंकी हमले क्रिकेट की वापसी के लिए बड़ा झटका हो सकते हैं। ऐसे माहौल में पाकिस्तान सरकार और क्रिकेट बोर्ड के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि खेल की भावना आतंक के साये में फिर न दब जाए।Read more-आतंकी मॉड्यूल के खुलासे के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने तोड़ी चुप्पी, कहा- ‘नाम बेवजह घसीटा जा रहा है’रेगिस्तान की रात में जब आत्माएँ नाचती हैं: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बोत्सवाना दौरे से खुला कालाहारी का रहस्य
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को अफ्रीकी देश बोत्सवाना की राजधानी गाबोरोन में औपचारिक स्वागत समारोह के साथ अपने ऐतिहासिक राजकीय दौरे की शुरुआत की। यह दौरा खास इसलिए माना जा रहा है क्योंकि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार किसी भारतीय राष्ट्रपति ने इस देश की यात्रा की है। इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने अंगोला का दौरा किया था, जहाँ उन्होंने दोनों देशों के बीच रक्षा, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष तकनीक और डिजिटल ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं पर चर्चा की।बोत्सवाना के राष्ट्रपति डुमा गिडियॉन बोको ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। राष्ट्रपति मुर्मू के इस दौरे को भारत-अफ्रीका संबंधों के नए अध्याय के रूप में देखा जा रहा है, जो दोनों देशों की साझेदारी को और मजबूत बनाएगा। अफ्रीका में लोकतंत्र और स्थिरता की मिसाल माने जाने वाला यह देश आज न केवल प्राकृतिक संसाधनों बल्कि अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए भी जाना जाता है।

