Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तरकाशी में सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने की जंग अभी जारी है। वहीं इससे पहले मंगलवार को सुरंग के अंदर से मजदूरों का एक वीडियो सामने आया था जिसमें सभी सुरक्षित नजर आये थे। इनमें से कई मजदूरों के परिजन सुरंग के बाहर ही अभी भी मौजूद हैं जिनसे उनकी बात कराई जा रही है। वहीं बुधवार को भी मजदूरों की परिजनों से बात कराई गई जिसमें एक मजूदर ने मोबाइल का चार्जर सुरंग के अंदर भेजने के लिए कहा।
उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों में से एक पुष्कर सिंह येरी के भाई विक्रम सिंह येरी ने बुधवार को न्यूज़ एजेंसी को बताया कि पुष्कर से मेरी बात हुई है। उसने बताया कि मैं अच्छा हूं। आप लोग आराम से घर जाइए। मैं जल्द ही आ जाऊंगा। फलों और अन्य खाद्य पदार्थों को पाइप के जरिए से भेजा गया था। उन्होंने एक मोबाइल चार्जर मांगा है।
VIDEO | “He said -‘I am good. You people go home. I will come.’ Fruits and other food items were sent through the pipe. He has asked for a mobile charger,” says Vikram Singh Yeri, brother of Pushkar Singh Yeri, one of the workers who is stuck inside the collapsed Silkyara… pic.twitter.com/LKS66h5FCy
— Press Trust of India (@PTI_News) November 22, 2023
पाइप से पहुंचा रहे चीजें
सुरंग के भीतर फंसे मजदूरों को चीजें पहुंचाने के लिए छह इंच चौड़े पाइप को डाला गया था। छह इंच की ‘लाइफ लाइन’ डाले जाने से पहले मजदूरों को खाना, पानी, दवाइयों और ऑक्सीजन की आपूर्ति चार इंच के पाइप से की जा रही थी और उनके परिजन और बचावकर्मी उनसे इसी पाइप से बातचीत कर रहे थे।
आसान हुआ श्रमिकों से बातचीत
इस पाइपलाइन से संचार के बेहतर होने के साथ खाद्य सामग्री भी बड़ी मात्रा में भेजी जा रही है। सुरंग में फंसे श्रमिकों में शामिल अपने परिजन प्रदीप किस्कू की कुशलक्षेम जानने के लिए बिहार के बांका से सिलक्यारा पहुंचीं सुनीता हेम्ब्रम ने बताया कि मैंने उनसे बात की। वह अच्छे हैं। नए पाइप के माध्यम से श्रमिकों से बातचीत में आसानी हुई है। हमें उन्हें अपनी आवाज सुनाने के लिए चिल्लाना पड़ता था, मगर अब उनकी आवाज स्पष्ट थी।
प्रधानमंत्री मोदी ले रहे जानकारी
पीएम नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को लगातार तीसरे दिन सीएम पुष्कर सिंह धामी को फोन कर निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी ली। आपको बता दें कि, उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन साढ़े चार किलोमीटर लंबी सिलक्यारा सुरंग का 12 नवंबर को एक हिस्सा ढह गया था जिससे उसमें मलबे के दूसरी तरफ श्रमिक फंस गए थे।