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आंध्र प्रदेश में नक्सलियों का सफाया: हिडमा के बाद सात और ढेर, सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई

आंध्र प्रदेश के मारेडुमिल्ली में सुरक्षा बलों और नक्सलियों की मुठभेड़ में सात नक्सली मारे गए। एक दिन पहले कुख्यात कमांडर मादवी हिडमा को भी ढेर किया गया था।

आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामाराजू जिले के मारेडुमिल्ली क्षेत्र में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच लगातार दूसरे दिन भी मुठभेड़ हुई। बुधवार सुबह हुई इस मुठभेड़ में सात नक्सली ढेर हो गए। इस दौरान सुरक्षा बलों ने नक्सल विरोधी अभियान को तेज करते हुए इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि मारे गए नक्सलियों में तीन महिलाएं भी शामिल थीं। मृतकों में एक प्रमुख नाम जोखा राव है, जो कि श्रीकाकुलम का निवासी था। स्थानीय लोगों ने बताया कि इलाके में सुरक्षा बलों की सक्रियता लगातार बढ़ रही है, जिससे नक्सलियों की हरकतों पर काफी दबाव पड़ा है।

हिडमा की मौत और इसके बाद की कार्रवाई

एक दिन पहले इसी इलाके में छह माओवादी मारे गए थे, जिनमें शीर्ष कमांडर मादवी हिडमा भी शामिल थी। हिडमा की मौत ने नक्सली गुट में खलबली मचा दी थी। सुरक्षा बलों ने हिडमा की मौत के बाद इलाके में सघन अभियान तेज किया, जिससे अगले दिन सात और नक्सली ढेर हो गए।

हिडमा जैसे कुख्यात कमांडर की मौत नक्सलियों की रणनीति को प्रभावित करती है। इसके बाद लगातार मुठभेड़ ने यह दिखा दिया कि सुरक्षा बल नक्सल विरोधी अभियान में पूरी तरह सक्रिय हैं और इलाके में कानून का राज कायम करने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं।

नक्सली गुट पर असर और स्थानीय सुरक्षा

सुरक्षा बलों के अनुसार, मारे गए नक्सलियों का इलाके में काफी खतरनाक कनेक्शन था। उनकी मौत से नक्सली गुट की गतिविधियों पर बड़ा असर पड़ा है। स्थानीय लोगों ने राहत व्यक्त की कि सुरक्षा बल सक्रिय हैं और नक्सलियों को इलाके में हावी होने नहीं दिया जा रहा। नक्सली हिंसा पर काबू पाने के लिए लगातार ऑपरेशन जरूरी हैं। मारेडुमिल्ली जैसी संवेदनशील जगहों में सुरक्षा बलों की सतर्कता और तेजी से कार्रवाई इलाके में शांति कायम करने में मदद करती है।

नक्सल विरोधी अभियान जारी

सुरक्षा बलों ने स्पष्ट किया कि नक्सल विरोधी अभियान जारी रहेगा और किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि मारे गए नक्सलियों की पहचान और उनके संबंधों का अध्ययन किया जा रहा है ताकि भविष्य में और सटीक कार्रवाई की जा सके।

इस घटना ने यह संदेश दिया कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियां नक्सली हिंसा को रोकने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। स्थानीय लोगों को भी पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने की अपील की गई है ताकि मारेडुमिल्ली और आसपास के इलाकों में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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