चाणक्य डिफेंस डायलॉग की शुरुआत से पहले जनरल द्विवेदी ने अपने बयान से पूरे रणनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है। उन्होंने दृढ़ शब्दों में कहा कि भारत किसी भी युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार है—चाहे वह अचानक छिड़ने वाला संघर्ष हो या लंबी अवधि की लड़ाई। उनके इस बयान ने केवल रक्षा विश्लेषकों ही नहीं, बल्कि आम लोगों में भी यह सवाल खड़ा कर दिया कि आखिर ऐसी चेतावनी की जरूरत क्यों पड़ी?
जनरल द्विवेदी का कहना है कि भारतीय सेना की युद्ध क्षमता आज पहले से कहीं अधिक मजबूत और आधुनिक है। सीमाओं पर फोकस्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर, अत्याधुनिक हथियार प्रणाली, और बेहतर इंटेलिजेंस नेटवर्क के चलते सेना हर मोर्चे का जवाब देने में सक्षम है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अब रिएक्टिव नहीं बल्कि प्रो-एक्टिव डिफेंस स्ट्रैटेजी पर काम कर रहा है, जिसका मकसद दुश्मन को युद्ध के इरादों पर ही रोक देना है।
पाकिस्तान को सीधी चेतावनी—’उकसाया तो जवाब बेहद कड़ा होगा’
जनरल द्विवेदी ने विशेष रूप से पाकिस्तान पर तीखी टिप्पणी की। जनरल द्विवेदी के अनुसार पाकिस्तान अब भी आतंकियों को पनाह देकर सीमा पार तनाव बढ़ाने की कोशिश करता है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना किसी भी तरह की घुसपैठ को बर्दाश्त नहीं करेगी और जरूरत पड़ने पर “लॉन्च पैड स्तर” पर भी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगी।
उनके बयान का संकेत साफ था—भारत अब केवल जवाब नहीं देगा, बल्कि हमले के स्रोत को ही खत्म करने की क्षमता रखता है। LOC पर बढ़ती एक्टिविटी और पाकिस्तान के राजनीतिक अस्थिर माहौल को देखते हुए यह चेतावनी बेहद अहम मानी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दो वर्षों में कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में बड़ी कमी आई है, जिसका सीधा मतलब है कि पाकिस्तान की पुरानी रणनीति अब कमजोर पड़ रही है।
चीन पर भी सख्त शब्द—‘सीमा पर स्थिति संवेदनशील, पर नियंत्रण में’
चीन को लेकर जनरल द्विवेदी का बयान बेहद महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने स्वीकार किया कि LAC पर हालात अभी भी चुनौतीपूर्ण हैं, लेकिन भारतीय सेना हर स्थिति के लिए प्रशिक्षित और पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने यह भी बताया कि ऊंचाई वाले इलाकों में भारतीय सेना की तैनाती, टेक्नोलॉजी, निगरानी प्रणाली और रसद व्यवस्था अब चीन की किसी भी हरकत का तुरंत जवाब देने में सक्षम है। टैंक, ड्रोन, रॉकेट सिस्टम और विशेष बलों की तैनाती ने भारत को सामरिक बढ़त दिलाई है।
उनके अनुसार चीन बातचीत की बात तो करता है, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति अक्सर अलग दिखती है। ऐसे में भारत ने “मजबूत मुद्रा” में खड़े रहने का फैसला किया है ताकि किसी भी परिस्थिति में नियंत्रण बनाए रखा जा सके।
आतंकवाद घटा, लेकिन चुनौती अभी बाकी
जनरल द्विवेदी ने कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर भी विस्तार से बात की। उनके अनुसार पिछले दो वर्षों में आतंकवाद में भारी कमी दर्ज की गई है, और यह दिखाता है कि सुरक्षा बलों की नई रणनीति सही दिशा में काम कर रही है।
जनरल द्विवेदी के अनुसार आतंकवादियों की भर्ती में उल्लेखनीय गिरावट आई है, जबकि स्थानीय लोगों में सुरक्षा तंत्र के प्रति विश्वास बढ़ा है। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान समर्थित नेटवर्क पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और नई तकनीक के साथ डिजिटल प्रचार फैलाकर युवाओं को गुमराह करने की कोशिश जारी है।
उन्होंने यह भी बताया कि सेना, पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों का संयुक्त ऑपरेशन ही कश्मीर में स्थायी शांति की राह बनाता है। आने वाले समय में अत्याधुनिक सर्विलांस और इंटेलिजेंस सिस्टम इस मुहिम को और मजबूत करेंगे।
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