कब पड़ रही है पितृपक्ष में मातृ नवमी? जाने श्राद्धकर्म करने का महत्व

मातृ नवमी को बहुत ही विध विधान से पूजा करनी चाहिए मातृ नवमी की तिथि के रोज दिवंगत माता और बहूओ और सुहागिन स्त्रियों का पिंडदान होता है। इसी कारण इसे मातृ नवमी श्राद्ध कहते हैं।

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Pitru Paksha Matri Navami

Pitru Paksha Upay: पितृ पक्ष शुरू हो चुके हैं और 15 दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। इसमें इन 15 दिन में श्राद्ध उन तिथियां में की जाती है जिसमें व्यक्ति संसार को छोड़कर गया होता है। दो तिथियां पूरे पक्ष में ऐसी आती है जिनका विशेष महत्व होता है पहले होती है मातृ नवमी और दूसरी होती है सर्व पितृ अमावस्या। मातृ नवमी को बहुत ही विध विधान से पूजा करनी चाहिए मातृ नवमी की तिथि के रोज दिवंगत माता और बहूओ और सुहागिन स्त्रियों का पिंडदान होता है। इसी कारण इसे मातृ नवमी श्राद्ध कहते हैं।

किस दिन पड़ रही है मातृ नवमी

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मातृ नवमी अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की नवमी को होती है। 29 सितंबर 2023 शुक्रवार को पूर्णिमा श्राद्ध से शुरू होकर 14 अक्टूबर 2023 शनिवार तक रहेगा। 7 अक्टूबर 2023 शनिवार नवमी यानी मातृ नवमी होगी। किस दिन आप अपनी माताओं का श्राद्ध कर सकते हैं। 14 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या होगी।

किस तरह से करनी चाहिए मातृ नवमी

मातृ नवमी के दिन सुबह जल्दी स्नान करके सफेद कपड़े पहनना चाहिए और दक्षिण दिशा में चौकी पर सफेद आसान बिछाना चाहिए। आसन पर मृत परिजन की फोटो रखकर माला पहननी चाहिए। फोटो के सामने काले तिल का दीपक जलाएं गंगाजल और तुलसी दल अर्पित कर उनका स्मरण करें। मातृ नवमी के रोज गरुणपुराण या श्रीमद् भागवत गीता का पाठ करना बहुत ही शुभ माना जाता है। श्रद्धा के बाद मिनट परिजन के लिए भोजन का अंश जरूर निकालें इस दिन गए चींटी, चिड़िया, कौवा और ब्राह्मण को भी भोजन करना चाहिए। उसके बाद ब्राह्मण को भोजन करना चाहिए।

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