Pitru Paksha 2025 Niyam: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। यह 15 दिनों की अवधि आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से अमावस्या तक होती है। इस साल पितृ पक्ष 7 सितंबर 2025 से शुरू होकर 21 सितंबर 2025 तक रहेगा। मान्यता है कि इन दिनों पितर अपने वंशजों को आशीर्वाद देने के लिए पृथ्वी पर आते हैं, और उनके लिए श्राद्ध, पिंडदान व तर्पण किया जाता है।
1. आहार से जुड़े नियम
गर्भवती महिलाओं को पितृ पक्ष में सात्विक आहार ही लेना चाहिए।
मांसाहार, प्याज-लहसुन और तैलीय व तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए।
हल्का, पौष्टिक और पचने वाला भोजन लेना ही शुभ माना जाता है।
2. पितरों के लिए बने भोजन को न छुएं
पितरों के लिए जो भोजन तैयार किया जाता है, उसे गर्भवती महिलाओं को न छूना चाहिए और न ही खाना चाहिए।
पिंडदान या श्राद्ध किए जाने वाले स्थानों पर गर्भवती स्त्रियों के जाने की भी मनाही होती है।
3. ग्रहण के दौरान विशेष सतर्कता
इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत और समापन पर सूर्य व चंद्र ग्रहण पड़ रहे हैं।
मान्यता है कि ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को घर के भीतर रहना,
पेट पर गेरु लगाना,
और नुकीली चीजों का उपयोग न करना चाहिए।
4. अन्य सतर्कताएं
रात के समय बाहर निकलने से बचें।
कोई भी धार्मिक कर्म या श्राद्ध कार्य न करें।
मानसिक शांति बनाए रखें और सकारात्मक विचार रखें।
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