विवाह पंचमी 2025 इस बार एक बेहद शुभ संयोग लेकर आ रही है, क्योंकि इसी तिथि पर भगवान श्रीराम और देवी सीता का दिव्य विवाह संस्कार संपन्न हुआ था। मान्यता है कि इस दिन किए गए उपाय साधकों के जीवन में अटकी हुई शादी, टूटते रिश्ते और वैवाहिक समस्याओं पर तुरंत असर डालते हैं। विवाह पंचमी मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को मनाई जाती है, और यह दिन ऐसा माना जाता है जब भगवान राम और माता सीता की कृपा सीधे भक्तों तक पहुंचती है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि जो लोग लंबे समय से विवाह में बाधाओं का सामना कर रहे हैं या दांपत्य जीवन में अस्थिरता महसूस कर रहे हैं, उनके लिए यह पर्व बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। इस दिन सच्चे मन से की गई पूजा-अर्चना जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाती है और मनोबल बढ़ाती है।
जीवनसाथी न मिल रहा? विवाह पंचमी के इन उपायों से खुल सकते हैं योग के दरवाजे
जिन लोगों की शादी लंबे समय से अटकी हुई है या प्रेम संबंध विवाह तक नहीं पहुंच पा रहा, उनके लिए यह दिन विशेष रूप से फलदायी है। परंपरा है कि विवाह पंचमी पर श्रीराम और माता सीता की संयुक्त पूजा करने से जीवन में विवाह संबंधी रुकावटें दूर होने लगती हैं। भक्त अगर इस दिन व्रत करते हुए घर में प्रतीकात्मक रूप से राम-सीता विवाह का आयोजन करते हैं, तो तेजी से शुभ योग बनने लगते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान से अपनी मंशा स्पष्ट रूप में व्यक्त करना भी जरूरी है। इसलिए इस दिन सच्चे मन से यह प्रार्थना करनी चाहिए कि आपके जीवन में उचित जीवनसाथी का आगमन हो। जो लोग रिश्तों को लेकर अस्थिरता या असफल प्रयासों से परेशान हैं, उनके लिए यह उपाय खास असर देता है।
शादी में देरी और बाधा हो तो करें ये मंत्र और अनुष्ठान
यदि विवाह बार-बार रुक रहा है, रिश्ते टूट रहे हैं या ग्रहों की बाधाएं सामने आ रही हैं, तो विवाह पंचमी से एक खास मंत्र जाप शुरू करना बहुत प्रभावी माना गया है। सुबह के समय श्रीराम-सीता का स्मरण करते हुए “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री रामाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करने से विवाह की अड़चनों में तेजी से कमी आती है। ज्योतिष में इसे अत्यंत शक्तिशाली मंत्र बताया गया है, जो साधक के चारों ओर सकारात्मकता बढ़ाता है और शुभ अवसरों के रास्ते खोलता है। इसके अलावा, विवाह पंचमी के दिन राम सहस्रनाम का पाठ भी विशेष फलदायी माना गया है। भगवान राम के एक हजार नामों का उच्चारण करने से वैवाहिक जीवन से जुड़ी हर जटिलता और ग्रह बाधा दूर होने लगती है। जो युवा या अभिभावक शादी में हो रही देरी से चिंतित हैं, उन्हें यह उपाय अवश्य करना चाहिए।
दांपत्य जीवन में तनाव, दूरियां या कलह? विवाह पंचमी पर करें ये पाठ
यदि पति-पत्नी के रिश्ते में लगातार तनाव, तकरार या दूरी बनी हुई है, तो विवाह पंचमी समाधान का दिन साबित हो सकता है। इस दिन रामचरितमानस में वर्णित राम-सीता विवाह प्रसंग का श्रद्धा से पाठ करने से वैवाहिक जीवन में शांति लौटने लगती है। माना जाता है कि यह पाठ रिश्तों में प्रेम और समझ बढ़ाता है, मन में जमा नकारात्मकता को खत्म करता है और घर के वातावरण को शांत बनाता है। दांपत्य जीवन में आई दरारें धीरे-धीरे भरने लगती हैं और संबंधों में सौहार्द लौट आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह उपाय न केवल तनाव दूर करता है बल्कि परिवार में स्थिरता और सुख-समृद्धि भी लाता है।
