Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने सामाजिक चेतना और मानवता दोनों को झकझोर दिया है। काकोरी थाना क्षेत्र के शीतला माता मंदिर में 20 अक्टूबर की रात एक दलित बुजुर्ग रामपाल को न केवल अपमानित किया गया, बल्कि उनके साथ जो अमानवीय व्यवहार हुआ, उसे सुनकर हर संवेदनशील इंसान का सिर शर्म से झुक जाएगा। बताया जा रहा है कि रामपाल अचानक थकान की वजह से मंदिर परिसर में बैठे थे, उसी दौरान अनजाने में पेशाब निकल गई। यह दृश्य देख मौके पर आए स्वामीकांत नामक स्थानीय व्यक्ति ने न केवल उन्हें अपशब्द कहे, बल्कि कथित रूप से उन्हें पेशाब चाटने पर मजबूर किया।
दबंगई की हद: पेशाब चटवाया, धमकी देकर भगा दिया
घटना का खुलासा पीड़ित के पोते ने किया, जिन्होंने बताया कि उनके बाबा को हांफने और सांस फूलने की पुरानी समस्या है। उस रात भी थकान के कारण मंदिर परिसर में बैठने पर यह दुर्घटना हुई। बुजुर्ग रामपाल के पोते मुकेश ने बताया कि स्वामीकांत ने पहले तो बुजुर्ग को डांटा, फिर जबरदस्ती पेशाब चटवाई और साफ करवाया। यही नहीं, दोबारा वहां न दिखने की धमकी देकर उन्हें भगा दिया गया। यह सुनकर पूरा परिवार सन्न रह गया और अगले दिन उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराई। मुकेश ने कहा, “अगर सिर्फ साफ करवाते, तो हम बुरा न मानते, लेकिन जो किया गया, वो किसी इंसान के साथ नहीं किया जाना चाहिए।”
मामला गरमाया, आरोपी गिरफ्तार, राजनीतिक पारा चढ़ा
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी स्वामीकांत को गिरफ्तार कर लिया है, और उसके खिलाफ IPC की धाराएं 115(2), 351(3), और 352 के साथ-साथ एससी/एसटी एक्ट की संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। घटना के सामने आने के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। पीड़ित परिवार और ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है। वहीं, इस घटना को लेकर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गई हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश सरकार पर दलितों के खिलाफ अत्याचार न रोक पाने का आरोप लगाया है। प्रशासनिक स्तर पर भी इस प्रकरण को गंभीरता से लिया गया है और जांच जारी है।
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