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फतेहपुर की नूरी जामा मस्जिद विवाद में बड़ा मोड़, हाईकोर्ट के आदेश से मिली राहत

फतेहपुर की नूरी जामा मस्जिद ध्वस्तीकरण विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। सरकार ने बताया कि अतिक्रमण वाला हिस्सा पहले ही हटाया जा चुका है और आगे कोई तोड़फोड़ नहीं होगी।

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फतेहपुर की ऐतिहासिक नूरी जामा मस्जिद को लेकर कई दिनों से चल रहा विवाद आखिरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के साथ शांत होता दिख रहा है। मस्जिद परिसर में संभावित ध्वस्तीकरण को लेकर दायर की गई याचिका का निपटारा अदालत ने तब किया, जब राज्य सरकार की ओर से अदालत को स्पष्ट रूप से बताया गया कि सड़क चौड़ीकरण के तहत जितना हिस्सा हटाया जाना था, वह पहले ही विधिवत रूप से ढहा दिया गया है। इसके साथ ही सरकार ने यह भी आश्वासन दिया कि अब मस्जिद के किसी अन्य हिस्से को छुआ भी नहीं जाएगा। इस बयान ने मामले में नई दिशा प्रदान की और अदालत ने इसे रिकॉर्ड में लेते हुए केस को समाप्त कर दिया। नूरी जामा मस्जिद फतेहपुर मामला अब एक निर्णायक मोड़ पर है, जिससे स्थानीय लोग भी राहत महसूस कर रहे हैं।

अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया पर मिली अदालत को जानकारी

अतिरिक्त महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सरकारी भूमि पर किए गए अतिक्रमण की पहचान होने के तुरंत बाद प्रशासन ने आवश्यक कार्रवाई करते हुए उस हिस्से को हटा दिया था। यह प्रक्रिया सड़क चौड़ीकरण प्रोजेक्ट का हिस्सा थी, जिसके तहत सरकार लगातार कई जिलों में विकास योजनाओं को लागू कर रही है। अदालत के समक्ष यह भी स्पष्ट किया गया कि इस कार्रवाई से मस्जिद की मुख्य संरचना या धार्मिक गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ा है। इस खुलासे के बाद कोर्ट ने माना कि अब विवाद का कोई आधार नहीं बचता। नूरी जामा मस्जिद फतेहपुर मामला लंबे समय से जिस अनिश्चितता में फंसा हुआ था, उसकी दिशा अब साफ हो चुकी है।

मस्जिद प्रबंधन के आवेदन पर होगी उचित कार्रवाई

अदालत ने सुनवाई के दौरान यह भी निर्देश दिया कि मस्जिद प्रबंधन ने जो आवेदन जमीन के सीमांकन और दस्तावेज़ी जांच को लेकर शासन को दिया है, उस पर नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने साफ कहा कि प्रशासन किसी भी पक्ष के साथ अन्याय नहीं करेगा और सभी प्रक्रियाएं निर्धारित कानून के तहत पूरी की जाएंगी। मस्जिद प्रबंधन का कहना है कि वे चाहते हैं कि जमीन की स्थिति को स्पष्ट किया जाए ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार के विवाद से बचा जा सके। नूरी जामा मस्जिद फतेहपुर मामला इसलिए भी संवेदनशील रहा है क्योंकि इसमें धार्मिक आस्था और सरकारी विकास परियोजना दोनों शामिल हैं, जो संतुलन की मांग करते हैं।

स्थानीय स्तर पर मिला मिला-जुला लेकिन शांतिपूर्ण प्रतिक्रिया

हाईकोर्ट के फैसले के बाद फतेहपुर शहर में वातावरण शांतिपूर्ण है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कोर्ट के इस निर्णय से लंबे समय से फैल रही आशंका खत्म हुई है। कुछ लोगों ने इस बात पर संतोष जताया कि सरकार और मस्जिद प्रबंधन के बीच विवाद बढ़ने के बजाय बातचीत और कानूनी प्रक्रिया के आधार पर स्थिति स्पष्ट हो गई। वहीं कुछ स्थानीय नागरिकों का मानना है कि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए प्रशासन को पहले ही स्पष्ट जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए। हालांकि कुल मिलाकर माहौल शांत है और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि अब नूरी जामा मस्जिद फतेहपुर मामला पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।

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