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हार्ट अटैक अचानक नहीं आता! शोध में हुआ खुलासा, ये संकेत दिखाते हैं पहले से जोखिम

नई रिसर्च में खुलासा हुआ कि हार्ट अटैक अचानक नहीं आता। दिल की बीमारियों से पहले हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, शुगर और तंबाकू का सेवन जैसे रिस्क फैक्टर शरीर में दिखने लगते हैं।

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बहुत से लोग मानते हैं कि हार्ट अटैक या स्ट्रोक अचानक आता है, लेकिन एक नई रिसर्च ने इस धारणा को पूरी तरह से गलत साबित कर दिया है। अमेरिका की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी और साउथ कोरिया की योन्सेई यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि दिल की गंभीर बीमारियों से पहले शरीर में कई स्पष्ट रिस्क फैक्टर मौजूद होते हैं। 99 फीसदी मामलों में यह देखा गया कि हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर या स्ट्रोक से पहले लोग इन जोखिम संकेतों से अनजान होते हैं।

रिस्क फैक्टर जो पहले से देते हैं संकेत

इस स्टडी में करीब 93 लाख कोरियाई और 7,000 से ज्यादा अमेरिकी लोगों के स्वास्थ्य डेटा का विश्लेषण किया गया। इन्हें लगभग 20 सालों तक फॉलो किया गया। वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन लोगों को हार्ट अटैक या स्ट्रोक हुआ, उनमें से लगभग सभी में पहले से एक या एक से अधिक जोखिम कारक मौजूद थे। सबसे ज्यादा सामान्य पाए जाने वाले कारक थे: हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड शुगर और तंबाकू का सेवन।

डॉ. फिलिप ग्रीनलैंड, जो इस रिसर्च के सीनियर लेखक हैं, ने कहा, “हमारी खोज यह स्पष्ट करती है कि दिल की बीमारियां अचानक नहीं होतीं। इनके पीछे लंबे समय से मौजूद कारण होते हैं। यदि हम इन संकेतों पर ध्यान दें और समय रहते उनका इलाज करें, तो गंभीर दिल की समस्याओं से बचा जा सकता है।”

हाई ब्लड प्रेशर सबसे खतरनाक

रिसर्च में यह भी सामने आया कि हाई ब्लड प्रेशर सबसे आम जोखिम कारक है। कोरिया में 95 फीसदी और अमेरिका में 93 फीसदी से ज्यादा मामलों में हार्ट अटैक या स्ट्रोक से पहले ब्लड प्रेशर सामान्य से ऊपर पाया गया। हैरानी की बात यह है कि युवा महिलाओं में भी 95 फीसदी से अधिक मामलों में कोई न कोई रिस्क फैक्टर मौजूद था, जिन्हें आमतौर पर दिल की बीमारी का कम खतरा माना जाता है।

दिल की बीमारियों से बचाव और चेतावनी

रिसर्च के अनुसार, समय रहते जीवनशैली में बदलाव, नियमित स्वास्थ्य जांच और ब्लड प्रेशर व शुगर नियंत्रण दिल की बीमारियों के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं। डॉ. ग्रीनलैंड ने कहा, “हमेशा याद रखें कि ये संकेत शुरुआती चेतावनी हैं। इन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। हमारे शोध का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और समय रहते रोकथाम की दिशा में कदम उठाना है।”

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