जम्मू-कश्मीर के पुंछ ज़िले की कृष्णा घाटी में गुरुवार सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई जब भारतीय सेना की एक गश्ती टीम ज़मीन पर छिपे एक लैंडमाइन की चपेट में आ गई। धमाका इतना जबरदस्त था कि एक अग्निवीर जवान की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सेना के अधिकारियों ने बताया कि यह हादसा सीमा के नज़दीक रूटीन गश्त के दौरान हुआ। विस्फोट के तुरंत बाद इलाके में अतिरिक्त सुरक्षाबल भेजे गए और घायलों को एयरलिफ्ट कर सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया।
कहाँ से आया यह मौत का फंदा?
सूत्रों के मुताबिक यह लैंडमाइन शायद पहले से ही इलाके में बिछी हुई थी, जो मौसम, हलचल या कंपन की वजह से सक्रिय हो गई। यह इलाका नियंत्रण रेखा (LoC) के काफी नज़दीक है, जहाँ पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह माइनिंग पाकिस्तान की ओर से की गई हो सकती है, जिसका उद्देश्य भारतीय गश्ती दलों को निशाना बनाना था। मृतक अग्निवीर के परिवार को सूचना दे दी गई है और सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है।
सेना का सर्च ऑपरेशन जारी
हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। सेना और बीएसएफ की संयुक्त टीमों ने तलाशी अभियान तेज कर दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्षेत्र में और कोई बारूदी सुरंग तो नहीं छिपी हुई। सुरक्षा एजेंसियां यह भी जांच कर रही हैं कि कहीं यह घटना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा तो नहीं। फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता खड़ी कर दी है। सेना ने साफ किया है कि देश की रक्षा में लगे हर जवान का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
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