Ahoi Ashtmi 2023: हिंदू धर्म में अहोई अष्टमी व्रत की बहुत बड़ी विशेषता बताई गई है। हर साल होई अष्टमी करवा चौथ के कुछ ही दिन बाद मनाई जाती है। अहोई अष्टमी हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष को मनाई जाती है। इस बार अहोई अष्टमी 5 नवंबर दिन रविवार को मनाई जाएगी। अहोई अष्टमी का व्रत पुत्र की कामना के लिए रखा जाता है। इस दिन माताएं अपने बच्चों की सुखी जीवन ,खुशियों लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। ज्योतिष शास्त्र में इस व्रत का बहुत बड़ा महत्व है। बताया जाता है कि इस व्रत को वह महिलाएं भी रख सकती है जो पुत्र पाने की इच्छा रखती हैं जिनके संतान नहीं है अहोई माता उनको संतान देती हैं।
ऐसे करें अहोई की पूजा
इस दिन महिलाएं नहा कर साफ और नए कपड़े पहन कर व्रत का संकल्प करती हैं और संतान की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं। शाम के समय घर की उत्तर पूर्व दिशा में साफ सफाई करके एक लकड़ी की चौकी पर ना कपड़ा बिछाया और उसे पर हुई माता की तस्वीर रखें। हमारे माता की स्थापना करने के बाद चौकी उत्तर दिशा में जमीन पर गोबर से लिपकर उसे पर जल से भरा कलश उसमें चावल कर छिड़कते हैं। कलश पर कलावा जरूर बांधे साथ ही रोली का टीका करें। बहुत सी माताएं इस दिन चांद की अहोई बनवाकर गले में पहनती हैं। उसके बाद चावल का टीका करें और फिर भोग लगाए भोग के रूप में 8 पूड़ी और 8 मीठे पूडे रखें।अब दीपक जलाकर अहोई मां की आरती करते हैं और उसके बाद पाठ करें। कथा सुनते वक्त दाहिने हाथ में थोड़े से चावल के दाने जरूर रखें। कथा खत्म होने के बाद चावल के दानों को अपने पल्लू में गांठ बांध कर रख लें। फिर शाम के समय अर्घ्य देते समय गांठ के चावल को कलश में डाल दें।
पूजा का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन अहोई माता की पूजा करते हैं शाम के समय व्रती तारों को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं। वहीं कुछ लोग चांद को देख कर ही अपना व्रत तोड़ती हैं। बतादें कि चंद्रदोदय का समय 11 बजकर 45 मिनट पर होगा।
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