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‘अब क्या PM मोदी हमारे घरों में झांकेंगे…?’ वफ्फ बिल को लेकर भड़के ओवैसी

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, वफ्फ अधिनियम 1995 'उपयोगकर्ता द्वारा वफ्फ' की अवधारणा पर आधारित है। यह अनिवार्य करता है कि यदि कोई स्थान प्रार्थना के लिए उपयोग किया जाता है

asaduddun owaisi

Asaduddin Owaisi: वफ्फ बोर्ड को लेकर लोकसभा सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी मोदी सरकार पर भड़क गए हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि मोदी सरकार वफ्फ बोर्ड को खत्म करना चाहती है। ओवैसी ने कहा कि वफ्फ बोर्ड एक प्राइवेट प्रॉपर्टी है लेकिन भाजपा तो ऐसे बता रही है जैसे कि वक्त वफ्फ बोर्ड सरकार की संपत्ति है।

वफ्फ बोर्ड को लेकर भड़के असदुद्दीन ओवैसी

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, वफ्फ अधिनियम 1995 ‘उपयोगकर्ता द्वारा वफ्फ’ की अवधारणा पर आधारित है। यह अनिवार्य करता है कि यदि कोई स्थान प्रार्थना के लिए उपयोग किया जाता है अनाथालय के रूप में कार्यकर्ता है या कब्रिस्तान के रूप में कार्य करता है तो वह वफ्फ संपत्ति बन जाती है जिसे सरकार अब खत्म करने का इरादा कर रही है। हिंदू धर्म में कोई बंदोबस्ती बोर्ड है, जहां उपयोग के कारण स्थान धार्मिक हो जाते हैं। यूपी में सुन्नी वक्फ बोर्ड के तहत पंजीकृत 1,21,000 संपत्तियों में से 1,12,000 संपत्तियों उपयोगकर्ता द्वारा वफ्फ की है। उपयोगकर्ता द्वारा बापू खत्म होने के बाद वह कौन सा कानून लागू करेंगे।’

क्या नरेंद्र मोदी हमारे घरों में झांकेंगे?-ओवैसी

असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा कि,”संशोधन विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि 5 साल तक प्रेक्टिस करने वाला मुस्लिम वक्फ बोर्ड को दान दे सकता है। क्या इसका मतलब है कि कोई व्यक्ति दिन में पांच बार नमाज पढ़ता है, दाढ़ी रखता है, टोपी पहनता है या उसकी कोई गैर- मुस्लिम पत्नी नहीं है? हिंदू धर्म में लोगों पर ऐसा कोई कानून लागू नहीं होता है जहां कोई भी व्यक्ति इन कानूनी प्रतिबंधों के बिना कभी भी दान कर सकता है। मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने प्रेक्टिस करने वाले मुस्लिम जैसी शब्दावली क्यों बनाई। वह कौन होते हैं यह पहचान वाले कि मैं प्रैक्टिस कर रहा हूं या नहीं? क्या नरेंद्र मोदी अब हमारे घरों में झांकेंगे? या फिर 5 से साल बाद वह कहेंगे अब आप मुसलमान है और आपको प्रमाण पत्र लेने की जरूरत है?”

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