डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शादी के लिए जोड़ी ढूंढना पहले आसान हो गया था, लेकिन अब वही प्लेटफॉर्म अपराधियों के लिए नया हथियार बन गया है। मैट्रिमोनियल साइट्स पर फेक प्रोफाइल बनाकर साइबर ठग लोगों को जल्दी भरोसा दिला लेते हैं और फिर इनवेस्टमेंट या क्रिप्टो स्कैम जैसी योजनाओं में फंसा देते हैं। केंद्र सरकार की एजेंसी, साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने इस बढ़ते खतरे को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। NCRP (नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल) पर ऐसे मामलों की संख्या में पिछले कुछ महीनों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। एजेंसी के अनुसार, जिन लोगों को शादी के नाम पर ऑनलाइन जोड़ी ढूंढने का इरादा होता है, वे अपनी भावनाओं के बहाव में आकर ठगी का शिकार बन जाते हैं।
फेक प्रोफाइल और भावनात्मक जाल
I4C के अनुसार, साइबर अपराधी सबसे पहले लोकप्रिय मैट्रिमोनियल साइट्स पर आकर्षक और प्रभावशाली प्रोफाइल बनाते हैं। ये प्रोफाइल इस तरह तैयार की जाती हैं कि उन्हें असली लगने में कोई शक न हो। अपराधी खुद को डॉक्टर, इंजीनियर, बिजनेसमैन या बड़ी कंपनी का अधिकारी बताते हैं और महंगी लाइफस्टाइल की तस्वीरें अपलोड करते हैं। इसके बाद वे पीड़ित से लगातार बातचीत करते हैं और भावनात्मक रूप से जोड़ते हैं। धीरे-धीरे वे यूज़र का भरोसा जीत लेते हैं और फिर स्कैम की योजना लागू करते हैं। इसमें इनवेस्टमेंट स्कीम, क्रिप्टो निवेश का झांसा, अचानक विदेशी मुसीबत और पैसों की मांग जैसी तकनीकें शामिल होती हैं। कई बार पीड़ित तब तक समझ नहीं पाता जब तक उसके बैंक अकाउंट से पैसे निकल न जाएँ।
ऑनलाइन शादी खोजने वालों के लिए खतरे के कारण
मैट्रिमोनियल साइट्स पर रिश्ता ढूंढने वालों के लिए खतरा कई कारणों से बढ़ा है। पहला कारण है कि लोग शादी के मामले में जल्दी भावनात्मक भरोसा कर लेते हैं। दूसरा, अपराधी अपने फेक प्रोफाइल को इतनी खूबसूरती से पेश करते हैं कि असली और नकली में फर्क करना मुश्किल होता है। तीसरा, अधिकांश लोग बैकग्राउंड वेरिफिकेशन या परिवार की सलाह लेने में लापरवाह रहते हैं। चौथा, अपराधी बातचीत के दौरान यूज़र से निजी जानकारियां निकाल लेते हैं, जो बाद में उनके खिलाफ इस्तेमाल होती हैं। I4C का कहना है कि यह मानसिक और भावनात्मक कमजोरियां साइबर अपराधियों के लिए सबसे बड़ा अवसर बन गई हैं।
कैसे पहचानें नकली प्रोफाइल?
सरकार ने लोगों को सतर्क रहने के लिए कुछ महत्वपूर्ण संकेत बताए हैं जिनसे नकली प्रोफाइल तुरंत पहचाने जा सकते हैं। अगर प्रोफाइल बहुत अमीर, प्रोफेशनल या आकर्षक दिख रहा है तो शक करें। किसी भी संदेहास्पद व्यक्ति से वीडियो कॉल करने का अनुरोध करें; जो बचते हैं, उन्हें फेक मानें। अगर बातचीत के दौरान वह निवेश या क्रिप्टो में पैसा लगाने के सुझाव दे तो यह स्पष्ट स्कैम है। इसके अलावा, परिवार से बात कराने में हिचकिचाना या अचानक इमरजेंसी का बहाना बनाना भी लाल झंडा है। I4C ने चेतावनी दी है कि किसी भी संदिग्ध प्रोफाइल या गतिविधि की शिकायत NCRP पोर्टल पर तुरंत दर्ज करानी चाहिए।
